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    Sambhal News: झोलाछाप ने ले ली महिला की जान, अब मासूम की जिंदगी बचाने को हो रही जिद्दोजहद

    आरोप है कि कुछ समय बाद महिला की भी तबीयत बिगड़ने लगी तो वहां डाक्टर ने उसको खून भी चढ़ाया लेकिन प्रसूता की हालत में कोई सुधार नहीं हो सका और शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे महिला ने दम तोड़ दिया।

    By Vivek BajpaiEdited By: Updated: Sat, 04 Jun 2022 12:17 PM (IST)
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    जानकारी मिलने पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग ने अस्‍पताल को सील कर दिया।

    सम्‍भल, जेएनएन। हयातनगर थाना क्षेत्र के गांव में स्थित झोलाछाप के अस्पताल में शुक्रवार को प्रसव के बाद महिला की मौत हो गई, जिस पर स्वजन ने झोलाछाप पर गलत तरीके से गर्भवती का आपरेशन करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। इसी बीच अस्पताल कर्मी वहां से मौके पाते ही भाग गए। हंगामे की सूचना मिलने पर थाना पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्वजन को कार्रवाई का आश्वासन देकर शांत कराया। वहीं बच्चे की हालत नाजुक होने के चलते स्वजन ने उसे सम्भल स्थित एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया है।

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    हयातनगर थाना क्षेत्र में गांव मुजफ्फरपुर निवासी रिजवान की पत्नी रिजवाना बेगम को बुधवार की रात तेज प्रसव पीड़ा होने लगी। स्वजन ने बताया कि इस पर उन्होंने गांव की आशा को जानकारी दी, तो वह भी वहां पर आ गई और कुछ देर उसने रिजवाना बेगम को गांव में स्थित अलशिफा हास्पिटल में ले जाकर भर्ती करा दिया। उन्होंने बताया कि जहां डाक्टर ने महिला का आपरेशन करने को कहा।

    गुरुवार की सुबह को वहां पर महिला का आपरेशन किया तो उसने लड़की को जन्म दिया। जहां बच्चे की हालत गंभीर देखते हुए उसको सम्भल रेफर कर दिया। आरोप है कि कुछ समय बाद महिला की भी तबीयत बिगड़ने लगी तो वहां डाक्टर ने उसको खून भी चढ़ाया, लेकिन प्रसूता की हालत में कोई सुधार नहीं हो सका और शुक्रवार की सुबह करीब 10 बजे महिला ने दम तोड़ दिया। इसके बाद जैसे ही स्वजन को महिला की मौत की खबर लगी तो उन्होंने हंगामा करते हुए गलत आपरेशन का आरोप लगाया। इसी बीच अस्पताल में हंगामा होते देख अस्पताल स्टाफ कर्मी मौके से फरार हो गए।

    वहीं हंगामे की सूचना मिलने पर हयातनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और कार्रवाई का आश्वासन देते हुए स्वजन को शांत कराया। कुछ देर बाद गांव के लोगों ने हस्तक्षेप कराते हुए दोनों पक्षों में समझौता करा दिया, जिसके चलते स्वजन किसी भी कार्रवाई से इन्‍कार करने लगे। इसी बीच जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग से नोडल अधिकारी डा. मनोज कुमार चौधरी भी मौके पर पहुंच गए और उन्होंने कार्रवाई करते हुए अस्पताल को सील कर दिया।

    विभागीय लापरवाही से पनप रहे अस्पताल: जिले में कोई ऐसा गांव नहीं होगा जहां झोलाछाप की क्लीनिक न हो। यही कारण है कि मई माह में डीएम के निर्देश पर सोये विभाग की नींद टूटी तो चार दर्जन से ज्यादा दुकानों को सील किया गया लेकिन, फिर भी संचालन जारी है। ताजा मामला पवांसा में मौत से जुड़ा है। मई के प्रथम सप्ताह में में असमोली के ऐचोड़ा कम्बोह में महिला की मौत हुई। बाद में दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया। इसके अलावा पवांसा, गुन्नौर, रजपुरा और बहजोई क्षेत्र में कई अस्पताल झाेलाछाप संचालित कर रहे हैं।

    एक ही दिन में 38 को नोटिस, 12 हुए थे सील: कलक्ट्रेट के सामने झोलाछाप अस्पताल पर हुई जच्चा-बच्चा की मौत के बाद डीएम की ओर से दिए गए निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने नौ मई को झोलाछाप के अस्पतालों पर एक विशेष अभियान चला। जिसमें अपने-अपने क्षेत्र के सभी चिकित्सा अधीक्षकों के द्वारा छापेमारी की गई। इस दौरान कुल 38 अस्पतालों को नोटिस जारी करते हुए तीन दिन में पंजीयन से संबंधित जवाब मांगा गया है, जबकि 12 अस्पताल संचालकों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।