Fake Cheque : सावधान! मुरादाबाद में चेक का क्लाेन बनाने का वाला गिरोह सक्रिय, कभी भी हो सकती है ठगी
मुरादाबाद में बैंक के चेकों के क्लाेन बनाने का वाला गिरोह सक्रिय

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : सावधान रहिए... मुरादाबाद में अपना चेक किसी के हाथ लग गया तो वह उसका क्लोन बनाकर भुगतान करा सकता है। पिछले एक सप्ताह में बैंकों में क्लोन (फर्जी) चेक बनाकर भुगतान करने के दो प्रयास हुए हैं।
इनमें से एक में सफलता मिल गयी। दूसरे में सफलता नहीं मिल सकी। गिरोह के सदस्य आगे भी इस तरह के प्रयास कर सकते हैं। इसलिए अपने चेक ड्राप बाक्स में डालते समय सावधानी बरतें। जरा सी चूक होने पर चेक क्लोन करके भुगतान लेने का प्रयास करने वाला गिरोह आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
क्लोन चेक बनाकर भुगतान लेने का प्रयास करने का पहला मामला कुंदरकी में सामने आया। पंजाब नेशनल बैंक, कुंदरकी शाखा से भाजपा नेता के चेक का क्लोन तैयार करके एक लाख रुपये की धनराशि निकाल ली गयी। क्षेत्र के कादलपुर मस्ती के भाजपा
में किसान मोर्चा के मंडल अध्यक्ष रविंद्र सिंह का आरोप है कि उन्होंने सात अक्टूबर को हाथीपुर बहाउद्दीन गांव स्थित एसबीएस स्कूल में जितेंद्र सिंह के नाम चार बच्चों की एक माह की फीस की धनराशि 6700 चेक जमा दिया था। विद्यालय की तरफ से कैनरा बैंक की बिलारी शाखा में चेक जमा कर दिया गया। 10 अक्टूबर को उनका फर्जी चेक बनाकर एक लाख रुपये की धनराशि निकाल ली गयी।
धनराशि कटने का संदेश देखने पर उन्हें इस संबंध में जानकारी हुई। शाखा प्रबंधक से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। चेक की जांच कराने की बात कर रही हैं। इसी तरह का दूसरा मामला मझोला क्षेत्र के जयंतीपुर पुरानी आबादी के फर्म कर्मी मुनाजिर हुसैन का है।
वह मंडी चौक स्थित फर्म में काम करते हैं। फर्म से दस हजार रुपये का चेक मिला था। बीते सोमवार को कोहिनूर तिराहा स्थित एसबीआइ की शाखा के खुलते ही सुबह दस बजे अपना चेक ड्राप बाक्स में डाल दिया था। इस दौरान
अज्ञात युवक नया चेक बनाकर दो लाख रुपये की रकम भरकर एसबीआइ की मुख्य शाखा में भुगतान के लिए पहुंच गया। बैंक अधिकारी ने भुगतान से पहले फर्म के कर्मचारियों को फोन किया तो आरोपित भाग गया हालांकि उसकी तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गयी है लेकिन, इसके बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बैंक व पुलिस विभाग के अधिकारी इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। हालांकि जांच हो जाए तो सीसीटीवी फुटेज की मदद से ही इस गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। इसके लिए संयुक्त प्रयास किए जाने की जरूरत है।
चेक बनाकर भुगतान लेने के मामले की जानकारी मिली है। साइबर सेल से इन मामलों को गंभीरता से देखने के लिए कहा गया है। बैंकों की सीसीटीवी फुटेज के माध्यम से आरोपितों तक पहुंचने का प्रयास किया जाएगा। आरोपितों के पकड़ में आने पर गिरोह का पर्दाफाश होगा।
सुभाष चंद्र गंगवार, एसपी ट्रैफिक एवं नोडल अधिकारी साइबर सेल
चेक के बारे में तो हम कुछ नहीं कह सकतेे हैं। एक लाख से अधिक धनराशि से सभी चेकों के भुगतान करने को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। भुगतान से पहले चेक जारी करने वालों को बैंक से फोन किया जाता है। यह व्यवस्था इस तरह के भुगतान पर अंकुश लगाने के लिए की गयी है।
विशाल दीक्षित, लीड बैंक अधिकारी, मुरादाबाद
ये हैं सुरक्षा मानक
- बार कोड और उसमें अंग्रेजी में वीओआइडी (वायड) लिखना जरूरी
- बैंक का यूवी लोगो- बैंक का वाटरमार्क- माइकर बैंड, जिस पर चेक नंबर, माइकर कोड, बेस नंबर और ट्रांजेक्शन नंबर हो- गीली अंगुली से पोंछा जाए तो चेक का रंग छूटे
बचाव के लिए अपनाएं ये सावधानियां- किसी भी व्यक्ति को फोन आदि पर अपने बैंक खातों की जानकारी साझा न करें।
- इंटरनेट मीडिया पर चेक की फोटो कभी साझा न करें।
- मोबाइल पर किसी माध्यम से फोन आए किसी भी हाल में अपना पासवर्ड ओटीपी न बताएं।
- मोबाइल मैसेज या वाट्स एप पर अनजान नंबर से आए से किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
- अपने फोन नंबर, ई-मेल आइडी को चेक करते रहें, जिससे खाते में हो रहे ट्रांजेक्शन की जानकारी मिलती रहे।
- मैसेज अलर्ट की सुविधा अवश्य लें। अगर इसमें दिक्कत है तो संबंधित शाखा से संपर्क करें।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।