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    उत्तराखंड पुलिस देखती रही, पिटते रहे यूपी पुलिस के जवान, कुंडा में हुई मुठभेड़ के दो वीडियो प्रसारित

    By Jagran NewsEdited By: Vivek Bajpai
    Updated: Sat, 15 Oct 2022 10:07 AM (IST)

    Attack on UP Police in Uttarakhand उत्‍तराखंड के अस्पताल में घायल पुलिसकर्मियों को मारने के लिए कुछ लोग पहुंच गए थे। जिसके बाद उन्हें कासमास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एसएसपी ने स्पष्ट लिखा है कि हम अपने पुलिसकर्मियों को मरने के लिए अस्‍पताल में नहीं छोड़ सकते थे।

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    Attack on UP Police: घायल पड़े यूपी पुलिस के जवान व वीडियो बनाते उत्‍तराखंड के पुलिसकर्मी। सौ. वायरल वीडियो

    मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। Attack on UP Police in Uttarakhand:  यदि इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित वीडियो को सही माना जाए तो कुंडा प्रकरण में उत्तराखंड पुलिस के सामने ही उत्तर प्रदेश के पुलिसकर्मियों की पिटाई की गई। गोली लगने के बाद खून से लथपथ पुलिसकर्मी मदद मांगता रहा, लेकिन उत्तराखंड पुलिस तमाशबीन खड़ी रही। इस तरह के दो वीडियो सामने आए हैं।

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    घायल पुलिसकर्मी को घेर कर खड़ी उत्‍तराखंड पुलिस

    प्रसारित वीडियो में एक 42 सैकेंड और दूसरा 23 सैकेंड का है। इनमें घायल पुलिस कर्मियों को घेरकर आरोपित और उत्तराखंड पुलिस खड़ी है। बार-बार घायल जवान पुलिस से अस्पताल पहुंचाने की मांग करते हैं,लेकिन उत्तराखंड पुलिस के जवान उन्हें कोई जवाब नहीं देते हैं। वहीं आस-पास मौजूद भीड़ उन्हें और मारने का प्रयास करती है। जमीन पर पड़े जवानों के आस-पास खून भी बिखरा दिखाई दे रहा है।

    प्रसारित वीडियो में पुलिसकर्मी के सिर से बह रहा खून

    एक वीडियो में एसओजी के जवान शिव कुमार के साथ ही राहुल सिंह जमीन पर पड़े हैं। दोनों के पैर में गोली लगी थी,जबकि एक पुलिसकर्मी के सिर से खून बह रहा है। इसी दौरान आरोपित बंधक पुलिसकर्मी संगम कसाना को कमरे से बाहर लेकर आते हैं। इन दोनों वीडियो में आरोपितों की बर्बरता की कहानी बयां हो रही है। 

    उत्तराखंड पुलिस को एसएसपी ने भेजा जवाब

    नैनीताल के डीआइजी के पत्र के जवाब में एसएसपी हेमंत कुटियाल ने भी पत्र भेजा है। उन्होंने एसएसपी ऊधमसिंह नगर को लिखे पत्र में कहा कि दबिश देने से पहले तीन बार उधमसिंह नगर के पुलिस अधिकारियों के साथ ही कुंडा पुलिस को सूचना दी गई थी। एसएसपी ने इस बारे में मोबाइल सीडीआर के साथ ही कितनी बार किस नंबर पर जानकारी दी है। यह भी लिखा है। उनका कहना है कि घटना के बाद काशीपुर अस्पताल में घायल जवानों को भर्ती कराया गया था।

    एसएसपी बोले, जवानों को मरने के लिए नहीं छोड़ सकते थे 

    अस्पताल में भी घायल पुलिस कर्मियों को मारने के लिए कुछ लोग पहुंच गए थे। जिसके बाद गंभीर हालत में उन्हें कासमास अस्पताल में भर्ती कराया गया था। एसएसपी ने स्पष्ट लिखा है कि हम अपने पुलिस कर्मियों को मरने के लिए अस्पताल में नहीं छोड़ सकते थे, उनका वहां पर समुचित इलाज नहीं हो रहा था। इसके साथ ही उनकी जान को भी खतरा था। काबिलेगौर है कि नैनीताल के डीआइजी ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर बिना सूचना के दबिश देने और बैरीकेड तोड़कर फरार होने का आरोप लगाया था।