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    UP Roadways : रोडवेज की खस्ताहाल बसें मुश्किल बना रहीं यात्रियों का सफर, कभी भी हो सकती है बड़ी अनहोनी

    Updated: Thu, 25 Apr 2024 08:08 PM (IST)

    एक घंटे का सफर दो और तीन घंटे का सफर करीब चार से साढ़े चार घंटे में पूरा हो रहा है। वहीं अधिकांश रोडवेज की बसों में खिड़की से शीशा गायब है तो कई बसों के दरवाजे भी गायब है। पीतलनगरी डिपो में कुछ बसों के तो फ्रंट मिरर ही चटक कर गिरने की स्थिति में ऐसे में चालक को बस संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

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    UP Roadways : रोडवेज की खस्ताहाल बसें मुश्किल बना रहीं यात्रियों का सफर

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : परिवहन निगम की खस्ताहाल बसें यात्रियों के सुहाने सफर में रोड़ा बन रही हैं। पीतल नगरी रोडवेज परिसर में पुरानी व जर्जर बसों की भरमार है। जर्जर सड़कों पर खटारा बसों के चलने से यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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    परिवहन निगम के अधिकारी खटारा बसों को सड़कों पर दौड़ाने से बाज नहीं आ रहे। भीषण गर्मी में अगर सफर के दौरान किसी यात्री को चक्कर या पेट में दर्द जैसी समस्या हो जाए तो उन्हें प्राथमिकी उपचार देने के लिए बस में फर्स्ट एड बाक्स की सुविधा तक नहीं है।

    मुरादाबाद परिक्षेत्र के पास निगम और अनुबंधित 750 से अधिक बस हैं। जनपद से विभिन्न शहरों को जाने वाली पीतलनगरी डिपो में 178 और मुरादाबाद डिपो 132 बसें हैं। इसमें से अधिकांश बसें जर्जर हो चुकी हैं। सबसे ज्यादा खटारा बसें चंदौसी, संभल, अमरोहा, हरिद्वार, लखनऊ, कानपुर, बिजनौर, हापुड़ और मेरठ मार्ग पर चलती हैं। हालांकि, इस रूट पर यात्री भी ज्यादा हैं। सड़क भी जर्जर हो चुकी हैं।

    ऐसे में एक घंटे का सफर दो और तीन घंटे का सफर करीब चार से साढ़े चार घंटे में पूरा हो रहा है। वहीं, अधिकांश रोडवेज की बसों में खिड़की से शीशा गायब है तो कई बसों के दरवाजे भी गायब है। पीतलनगरी डिपो में कुछ बसों के तो फ्रंट मिरर ही चटक कर गिरने की स्थिति में ऐसे में चालक को बस संचालन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

    चिलचिलाती धूप व भीषण गर्मी में चार घंटे जर्जर सड़कों पर खटारा वाहनों में सफर करना मुश्किल हो जाता है। बसों का किराया प्रतिवर्ष बढ़ाया जा रहा है लेकिन, यात्रियों को सुविधा के नाम पर फूटी कौड़ी की व्यवस्था नहीं हुई है। साथ ही बसों में लगा फस्ट एंड ट्रीटमेंट बाक्स भी नदारद रहता है। रोडवेज बसों में मूलभूत सुविधाएं ही नहीं हैं। पीतलनगरी डिपो के वर्कशाप में 15 से अधिक पुरानी व जर्जर बस खड़ी हैं।

    वर्जन

    खटारा बसों को हटा दिया गया है। जो भी बसें संचालित हो रही हैं, सभी की मरम्मत कराई जा चुकी है। यात्रियों की सुविधा के लिए रोडवेज विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।

    - प्रेम कुमार, सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक, पीतलनगरी डिपो