यूपी में ऑनलाइन फ्रॉड सिंडिकेट का राजफाश, फर्जी फर्म बनाकर लाखों की ठगी, तीन गिरफ्तार
उत्तर प्रदेश में ऑनलाइन फ्रॉड सिंडिकेट का राजफाश हुआ है, जिसमें फर्जी फर्म बनाकर लाखों की ठगी की गई। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों पर कार्रवाई करते हुए मुरादाबाद पुलिस की अपराध शाखा ने एक बड़े ऑनलाइन फ्रॉड का भंडाफोड़ किया है।
गिरोह के सदस्य पिछले कई वर्षों से फर्जी फर्म बनाकर जीएसटी और बैंकिंग सिस्टम का दुरुपयोग करते हुए लाखों रुपये की ठगी कर रहे थे। पुलिस ने तीन को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से इलेक्ट्रनिक उपकरण, मोबाइल सिम तथा डेबिट,क्रेडिट कार्ड बरामद किए हैं।
एसपी क्राइम सुभाष चंद गंगवार के अनुसार, गैंग के सदस्य फर्जी फर्मों के नाम पर मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी बनाकर जीएसटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर लेते थे। इसके बाद वे इन फर्मों के नाम से ई-वेबिल, बैंकिंग ट्रांजैक्शन और ओटीपी आधारित वित्तीय कार्य करते थे।
2020 से 2023 तक कई फर्जी कंपनियां चलाकर उन्होंने आनलाइन खरीद-फरोख्त और सेवा प्रदाता प्लेटफार्मों के माध्यम से धोखाधड़ी की। पुलिस के मुताबिक इस गैंग का जाल दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है।
पकड़े गए आरोपियों में एक अभियुक्त फर्जी फर्मों के नाम पर विभिन्न फाइनेंशियल एप और वेबसाइटों पर रजिस्ट्रेशन कर ओटीपी सत्यापन, बैंक केवाइसी और जीएसटी सत्यापन कराता था। दूसरा सदस्य फर्जी पते और दस्तावेज तैयार कर मोबाइल सिम, बैंक खाते और डिजिटल वालेट तैयार करने का काम करता था।
तीसरा आरोपी इन फर्जी खातों के जरिए वित्तीय लेन-देन कर रकम को अलग-अलग खातों में घुमाता था ताकि लेन-देन की वास्तविक पहचान न हो सके। पुलिस ने इनके पास से 15 डेबिट, क्रेडिट कार्ड, चार मोबाइल सिम, तीन एंड्रायड मोबाइल फोन, एक लैपटाप तथा दस्तावेजों का सेट बरामद किया है।
इसके अलावा फर्जी फर्मों से संबंधित ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और जीएसटी रजिस्ट्रेशन का रिकॉर्ड भी मिला है। पुलिस जांच में सामने आया कि गैंग ओटीपी आधारित सत्यापन सेवा देने के नाम पर भी रकम वसूलता था और कई बार डिजिटल पेमेंट एप्लिकेशन का दुरुपयोग कर त्वरित ट्रांजैक्शन करता था।
अपराध शाखा टीम ने यह कार्रवाई थाना मझोला क्षेत्र में की, जहां अभियुक्त दबिश के दौरान पकड़े गए। पुलिस का कहना है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की पहचान कर उनकी तलाश की जा रही है। बरामद डिजिटल उपकरणों की फोरेंसिक जांच कर आगे की कड़ियां जोड़ी जाएंगी।
उस्मान, मोहम्मद फैजान, प्रशांत सिंह को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि इससे साइबर अपराध के एक सक्रिय नेटवर्क पर बड़ी चोट पहुंची है और आगे भी ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी।

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