एनजीटी ने अमरोहा में उमंग डेयरीज पर लगाया इतने करोड़ का जुर्माना, जानिए किस मामले में की गई कार्रवाई
औद्योगिक नगरी में गैस रिसाव के बाद अब प्रदूषित पानी छोड़ने पर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने दूध उत्पादन करने वाली उमंग डेयरीज फैक्ट्री पर चार करो ...और पढ़ें

मुरादाबाद, जेएनएन। अमरोहा की औद्योगिक नगरी गजरौला में गैस रिसाव के बाद अब प्रदूषित पानी छोड़ने पर एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) ने दूध उत्पादन करने वाली उमंग डेयरीज फैक्ट्री पर चार करोड़ 85 लाख 44 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस रकम से पर्यावरण की क्षतिपूर्ति को पूरी करने की बात भी कही गई है। हालांकि कंपनी अधिकारी फिलहाल इस आदेश से अनभिज्ञता जाहिर कर रहे हैं।
गजरौला-हसनपुर मार्ग पर दूध उत्पादन करने वाली उमंग डेयरीज लिमिटेड फैक्ट्री संचालित है। आरोप है कि फैक्ट्री से प्रदूषित पानी आसपास के गांव व खेतों में छोड़ा जाता है। इससे किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती हैं। इसकी शिकायत लेकर गांव के लोग नगर के रेलवे स्टेशन रोड निवासी एनजीटी एवं सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता मानसी चाहल के पास पहुंचे। ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर उन्होंने 25 अगस्त 2020 को एनजीटी में एक याचिका दायर करते हुए क्षेत्र में प्रदूषित पानी छोड़ने व बिना एनओसी के जमीन से पानी निकलने की बात कही। इसके बाद इस मामले में एनजीटी ने सुनवाई करनी शुरू कर दी। शुक्रवार को इस मामले का फैसला देते हुए प्रदूषित पानी छोड़ कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचने व बिना एनओसी के पानी निकाल कर जल स्तर घटाने पर कंपनी को जिम्मेदार ठहराते हुए चार करोड़ 85 लाख 44 हजार रुपये का जुर्माना लगाने का 210 पेज का आदेश जारी किया है। यह जुर्माना एनजीटी के चैयरमेन आदर्श कुमार गोयल व न्यायधीश सुधीर अग्रवाल व विशेषज्ञ सदस्य नागिन नंदा की टीम के निर्णय पर लगाया गया है।
तेवा कंपनी पर भी लगाया गया था दस करोड़ का जुर्माना: गजरौला : उमंग डेयरीज फैक्ट्री की तरह पूर्व में मंडी धनौरा मार्ग पर स्थित इजराइल की दवा उत्पादन करने वाली तेवा कंपनी पर भी गैस रिसाव करने के मामले में दस करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया था। यह जुर्माना भी नगर की रहने वालीं अधिवक्ता मानसी चाहल की याचिका पर ही लगवाया गया था। बता दें कि गैस रिसाव के दौरान एक मजदूर की मौत भी हुई थी।
ग्रामीणों द्वारा उमंग डेयरीज फैक्ट्री द्वारा प्रदूषित पानी छोड़ने की शिकायत पर 25 अगस्त 2020 को एनजीटी में मेरे द्वारा एक याचिका दायर की गई थी। जिसपर सुनवाई करते हुए मेरे पक्ष में फैसला सुनाते हुए फैक्ट्री पर चार करोड़ 85 लाख 44 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए एनजीटी ने आदेश जारी किया है। इस रकम से पर्यावरण क्षतिपूर्ति करने की बात भी कही गई है।- मानसी चाहल, याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता एनजीटी।
एनजीटी के माध्यम से कंपनी पर जुर्माना लगाने का मामला संज्ञान में नहीं आया है। अगर, ऐसा कोई आदेश जारी हुआ है तो इसके बारे में दिखवाया जाएगा। उसके बाद ही कुछ कह सकेंगे। - बीसी शर्मा, एचआर हेड, उमंग डेयरीज कंपनी।

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