फैक्ट्री संचालकों के सामने आ रही मजदूरों को लाने की दिक्कत Rampur News
जिले से 22 औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति जारी की गई। लॉकडाउन से सारे उद्योग बंद पड़े हैं और लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
रामपुर,जेएनएन। लॉकडाउन में सरकार ने फैक्ट्रियां चलाने की छूट तो दे दी है, लेकिन फैक्ट्रियों में पहले जैसा कामकाज नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह है वहां काम करने वाले मजदूर, जो लॉकडाउन के बाद से घर बैठे हैं। सरकार ने स्पष्ट कह दिया है कि मजदूरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी फैक्ट्री प्रबंधन की होगी। उनको घर से लाने और वापस छोडऩे के लिए वाहन की व्यवस्था करनी होगी। अब जहां फैक्ट्री में 20 से 50 मजदूर काम करते हैं तो वहां यह संभव है, लेकिन जहां 100, 200 या 500 मजदूर काम करते हैं, वहां फैक्ट्री मालिकों के सामने दिक्कत आ रही है।
मैंथा एक्सपोर्टर विपिन गुप्ता का कहना है कि सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक हमने अपनी फैक्ट्री में एक्सपोर्ट शुरू कर दिया है। अभी थोड़े स्टाफ से काम चला रहे हैं। स्टाफ के फैक्ट्री में ही ठहरने की व्यवस्था की है। उनकी सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। शारीरिक दूरी का पालन और मॉस्क लगाकर काम कराया जा रहा है। उत्पादन शुरू होने पर जैसे-जैसे श्रमिकों की जरूरत पड़ेगी तो उन्हें भी फैक्ट्री की ओर से वाहन भेजकर बुलवाया जाएगा।
उद्योगपति आकाश सक्सेना का कहना है कि सरकार की मंशा के अनुरूप फैक्ट्रियों में कामकाज किया जा रहा है। इसमें प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है। हमारा पैकेङ्क्षजग का काम है। हम लेबर की सुरक्षा का पूरा ध्यान रख रहे हैं। उन्हें मॉस्क और सैनिटाइजेशन की व्यवस्था की है। शिफ्टवाइज काम करा रहे हैं, जिससे शारीरिक दूरी का पालन हो सके। उनके फैक्ट्री में ही रुकने और खाने की व्यवस्था की है।
जिला उद्योग केंद्र के उप आयुक्त एसके शर्मा कहते हैं कि जिले से 22 औद्योगिक इकाइयों को चलाने की अनुमति जारी की गई है। इसके लिए फैक्ट्री संचालकों को कुछ शर्तों का पालन करना होगा। इनमें सबसे जरूरी शारीरिक दूरी का पालन कराया जाएगा। एक साथ सभी लेबर को नहीं बुलाया जाएगा। लेबर को लाने और उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी फैक्ट्री संचालकों की होगी।
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