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    व‍िधायक के बयान से गरमाई सम्‍भल की स‍ियासत, कहा-दल बदलू हैं सपा सांसद, कई बार बदल चुके हैं पार्टी

    सांसद और विधायक के बीच चली आ रही राजनैतिक लड़ाई एक बार फिर विधायक के बयान के बाद गर्मा गई है। उन्होंने सपा सांसद को दल बदलू कहते हुए कहा कि जब से उन्होंने राजनीति शुरू की है तब से लेकर आठ से 10 पार्टी बदल चुके हैं।

    By Narendra KumarEdited By: Updated: Fri, 02 Jul 2021 03:33 PM (IST)
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    विधायक बोले जब से वह राजनीति में आए तब से लेकर बदल चुके है आठ दस पार्टी।

    मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मंडल के सम्‍भल में सांसद और विधायक के बीच चली आ रही राजनैतिक लड़ाई एक बार फिर विधायक के बयान के बाद गर्मा गई है। उन्होंने सपा सांसद को दल बदलू कहते हुए कहा कि जब से उन्होंने राजनीति शुरू की है तब से लेकर आठ से 10 पार्टी बदल चुके हैं। पिछले बार उन्होंने पोते को ओवैसी की पार्टी से चुनाव लड़ाया था। विधायक के बयान के बाद सांसद के पौत्र ने भी विधायक पर सवाल खड़े कर दिए।

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    एक इंटरव्यू में सपा विधायक इकबाल महमूद ने कहा कि सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क दलबदलू हैं। सबसे पहले वह स्वतंत्र लड़े तो उसके बाद वह बीकेडी में पहुंच गए। जनता दल, रालोद, बसपा, एएमआइएमआइ पार्टी में शामिल रह चुके हैं। इन्होंने हमेशा सपा की खिलाफत करते हुए हमारे सामने अपने बेटे व पोते को चुनाव लड़ाया। इनके पौत्र पिछले विधानसभा चुनाव में एएमआइएमआइ पार्टी से लड़े थे। इसके बाद भी वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव का टिकिट लेने के लिए हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के पास पहुंच गए, लेकिन उन्होंने इनकी बुजुर्गियत का ख्याल करके इन्हें टिकिट दे दिया।उनके बयान के बाद सांसद शफीकुर्रहमान बर्क के पौत्र जियाउर्रहमान बर्क ने पलटवार करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में अगर सबसे खराब प्रदर्शन किसी विधायक का रहा है तो वह हमारे शहर के विधायक का है। जब वह प्रदेश में शिक्षा मंत्री थे तो उन्होंने पूरे सम्भल में कही भी एक प्राइमरी स्कूल तक नहीं बनवाया। जबकि वह चाहते तो कालेज बनवा सकते थे, जिसका लाभ हमारे यहां के युवाओं को मिलता। सांसद जब से राजनीति कर रहे हैं जब विधायक बच्चे थे। नेता जी मुलायम सिंह यादव और सांसद शफीकुर्रहमान बर्क एक साथ चौधरी चरण सिंह के साथ रहकर राजनीति करते थे। उन्होंने कहा कि अगर वह पार्टी का अपने आप को हमदर्द समझते हैं तो वह टिकिट कटने के बाद भी पार्टी में रहे तो उन्हें हमदर्द माना जाएगा। वर्ष 2014-2019 लोकसभा चुनाव में इन्होंने पार्टी प्रत्याशी के विरोध में चुनाव लड़ाया। इतना ही नहीं वह हर बार सम्भल ब्लाक प्रमुख पद के लिए भाजपा प्रत्याशी का चुनाव लड़ाते हैं। अगर सांसद ने पार्टी छोड़ी तो उसकी जानकारी पूरे देश में हुई, लेकिन यह पार्टी में रहते हुए भी पार्टी विरोधी कार्य करते हैं। पूरी रिपोर्ट राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास तक जा चुकी है। इस बार मुझे ही सम्भल से टिकिट मिलेगा।