Amroha News: हसनपुर में हुई थी नए मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रारंभिक शिक्षा, तीसरे प्रयास में बने थे आइएएस अफसर
राजीव कुमार ने वर्ष 1974 में हाईस्कूल व 1976 में इंटर की परीक्षा हसनपुर के श्रीमती सुखदेवी इंटर कालेज से उत्तीर्ण की थी। इसके बाद मुरादाबाद से बीएससी करने के बाद दिल्ली यूनिर्वसिटी से एलएलबी की पढ़ाई की थी। 1982 में उनका आइआरएस के लिए चयन हुआ था

अमरोहा, जेएनएन। हसनपुर कस्बे के मुहल्ला महल निवासी अधिवक्ता विश्वेश्वर दयाल अग्रवाल के घर 19 फरवरी 1960 को जन्मे राजीव कुमार के देश के मुख्य चुनाव आयुक्त बनकर हसनपुर का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त बनाए जाने की सूचना मिलते ही परिवार में हर्ष की लहर दौड़ गई। उनके तहेरे भाइयों को बधाई देने वालों का तांता लग गया। लोगों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया। पिछले कुछ समय से वह चुनाव आयुक्त के पद पर तैनात थे।
राजीव कुमार ने वर्ष 1974 में हाईस्कूल व 1976 में इंटर की परीक्षा हसनपुर के श्रीमती सुखदेवी इंटर कालेज से उत्तीर्ण की थी। इसके बाद मुरादाबाद से बीएससी करने के बाद दिल्ली यूनिर्वसिटी से एलएलबी की पढ़ाई की थी। वर्ष 1982 में पहले प्रयास में ही उनका आइआरएस के लिए चयन हुआ था, लेकिन ज्वाइनिंग नहीं की। उसके बाद वर्ष 1983 में आइपीएस बन गए थे तथा इसमें भी ज्वाइनिंग नहीं की। वर्ष 1984 में उन्होंने आइएएस परीक्षा उत्तीर्ण की। उन्हें बिहार कैडर मिला। पहली बार वह बिहार के देवघर में एसडीएम बने। इसके बाद तीन वर्ष तक रांची के जिलाधिकारी रहे। यहां आदिवासियों के लिए बेहतर काम किया। इसके लिए उन्हें सम्मानित भी किया गया।
तहेरे भाई ईश्वर चंद अग्रवाल ने बताया कि राजीव कुमार काफी समय तक सिविल सेवा के साक्षात्कार पैनल में रहे हैं। रिजर्व बैंक आफ इंडिया के सदस्य रहे हैं। वित्त सचिव के रूप में वर्षों सेवाएं दीं। बताया कि वह गर्वमेंट पब्लिक एंटरप्राइसेस के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वर्तमान में उनका परिवार दिल्ली में रहता है। उनके दो बेटियां है। पिता विश्वेश्वर दयाल एडवोकेट ने लंबे समय तक हसनपुर तहसील में प्रैक्टिस की है। अब वह भी इकलौते बेटे राजीव कुमार के साथ दिल्ली में रहते हैं। हसनपुर में उनके तहेरे भाई ईश्वर चंद अग्रवाल व महेश चंद अग्रवाल खाद का कारोबार करते हैं। महेश चंद अग्रवाल के बेटे शुभम अग्रवाल भाजपा में नगर मंडल में मंत्री हैं। जबकि, ईश्वर चंद अग्रवाल के बेटे अंकुर अग्रवाल कारोबार में पिता का हाथ बंटाते हैं।
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