सम्भल के गुमसानी पातालेश्वर शिव मंदिर में हथियार से हमला कर दिव्यांग साधु की हत्या
मंडल के सम्भल के असमोली थाना क्षेत्र के गुमसानी स्थित पातालेश्वर शिव मंदिर में गुरुवार की रात में किसी समय दिव्यांग साधु की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। हत्या के कारण का पता नहीं चल सका है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। मंडल के सम्भल के असमोली थाना क्षेत्र के गुमसानी स्थित पातालेश्वर शिव मंदिर में गुरुवार की रात में किसी समय दिव्यांग साधु की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गई। हत्या के कारण का पता नहीं चल सका है। शुक्रवार की सुबह पूजा के लिए जब कुछ लोग गए तो वहां साधु की लाश और मंदिर परिसर में फर्श पर बिखरे पड़े खून को देखकर उनकी हालत खराब हो गई। सूचना पर सीओ सम्भल अरुण कुमार सिंह, थाना प्रभारी रणवीर सिंह ने मौके पर जाकर जाच शुरू की है। साधु केवल धोती पहनते थे और वह भी उनके शरीर पर नहीं था। जबकि उनके गले, पेट व सीने पर धारदार हथियार से हमला किया गया था।
पांच साल पहले साधु भरत गिरी इस मंदिर में आकर रहने लगे। गुमसानी शिव मंदिर पर मुख्य महंत संतोष पुरी के छोटे शिष्य महाराज भरत गिरी (42) थे। पातालेश्वर मंदिर की देखरेख के साथ-साथ सफाई व पूजा-अर्चना भी करते थे। महंत के मंदिर पर रहने से क्षेत्रवासी भी काफी खुश रहते थे। यहां पर सैकड़ों की तादाद में भक्त पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं। साधु का सभी भक्तों गणों से अच्छा व्यवहार था लेकिन गुरुवार की रात को किसी समय अज्ञात लोगों ने धारदार हथियार से हमला कर साधु की हत्या कर दी। मरने से पहले साधु ने अपने बचाव के लिए काफी मशक्कत की थी। जब शु्क्रवार की सुबह ग्रामीणों ने मंदिर का दरवाजा बंद देखा तो ग्रामीणों ने टूटे हुए दरवाजे से नीचे झांककर देखा। सामने साधु का शव खून से लथपथ मंदिर के फर्श पर पड़ा हुआ था। यह देख घबराकर ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। जब साधु की हत्या की खबर क्षेत्र में फैली तो आसपास के गांव के लोग मौके पर पहुंच गए। पुलिस संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ भी कर रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया है। साधु की हत्या की सूचना पर अपर अधीक्षक आलोक कुमार जायसवाल,क्षेत्राधिकारी अरूण कुमार सिंह व थाना प्रभारी रणवीर सिंह भी मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों से जानकारी ली। अपर पुलिस अधीक्षक ने पुलिस को सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए। एएसपी आलोक जायसवाल ने बताया कि जांच की जा रही है। अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है। जल्द ही इस मामल का पर्दाफाश किया जाएगा।
खुल गई थी साधु की धोती : संभावना है कि मौत से पहले भरत गिरी ने संघर्ष किया होगा। वह धोती पहना करते थे। जब ग्रामीण गए ताे उनकी धोती अलग पड़ी थी और शव पर कपड़े नहीं थे। खींचतान में धोती खुल गई होगी।
चोरी का नहीं था इरादा : साधु का शव जहां मिला है उसी के बगल में चारपाई पर उनका मोबाइल भी पड़ा था। मंदिर के किसी भी कमरे का ताला नहीं टूटा है। संभावना है कि हत्या चोरी के लिए नहीं की गई है।
मथुरा के रहने वाले थे साधु : साधु मथुरा के रहने वाले थे लेकिन उनके गांव का पता यहां किसी को नहीं मालूम है। अभी मुख्य महंत वाराणसी गए हैं। उनके आने पर ही इनके बारे में और जानकारी मिल सकेगी।