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    मुरादाबाद में 205 करोड़ की एसटीपी योजना का संचालन अधर में, एनओसी और बिजली कनेक्शन के अभाव में अटका प्रोजेक्ट

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 04:32 PM (IST)

    मुरादाबाद में 205 करोड़ रुपये की लागत से बना एसटीपी बिजली कनेक्शन और एनओसी के अभाव में अधर में लटका है। वेवग्रीन कॉलोनी के पीछे स्थित इस 25 एमएलडी क्षमता वाले एसटीपी को जेनरेटर से चलाया जा रहा है। सीवर लाइन डालने के बावजूद कनेक्शन की धीमी गति से लोगों को परेशानी हो रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा और एसटीपी को चालू कर दिया जाएगा।

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    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। वेवग्रीन कालोनी के पीछे स्थित 25 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता वाले एसटीपी का संचालन अधर में हैं। जबकि इसका निर्माण करीब सौ करोड़ रुपये की लागत से पूरा हो चुका है। साथ ही 105 करोड़ रुपये की लागत से कांठ रोड की कालोनियों व मुहल्लों में सीवर लाइन डाली गई है। यानी कुल 205 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद योजना अधर में लटकी हुई है।

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    कारण, बिजली कनेक्शन और नगर निगम की एनओसी का न मिलना। फिलहाल एसटीपी को जेनरेटर से चलाया जा रहा है, जिससे प्रतिदिन लगभग 400 लीटर डीजल भी कम पड़ रहा है। जल निगम ने बिजली विभाग को 1.87 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं, फिर भी कनेक्शन नहीं मिल सका। वर्ष 2020-21 में इस परियोजना का कार्य शुरू हुआ था। बीच में कोरोना महामारी के कारण छह महीने काम ठप रहा।

    इसके बाद सीवर लाइन डालने के दौरान जमीन विवाद ने निर्माण को डेढ़ साल रोक दिया। मोक्षधाम के पास नगर निगम की ओर से दी गई जमीन पर कुछ किसानों ने अपना दावा ठोकते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। तब जाकर वर्ष 2022 में वेबग्रीन कालोनी के पीछे रामगंगा किनारे नई जमीन पर कार्य शुरू हुआ। तीन साल की मशक्कत के बाद प्लांट बनकर तैयार हो गया, लेकिन अब भी यह पूरी तरह चालू नहीं हो सका है।

    एसटीपी का ट्रायल चार महीने से चल रहा है। फिलहाल पांच नालों, विवेकानंद अस्पताल के दाएं और बाएं, सीएल गुप्ता आइ हास्पिटल, एमआइटी और टीडीआइ सिटी के नाले टेप कर दिए गए हैं। इनसे कम मात्रा में पानी लिया जा रहा है। बिजली कनेक्शन न होने से अभी तक शोधित पानी रामगंगा में नहीं भेजा जा सका है।

    205 करोड़ रुपये की इस परियोजना ने मुरादाबाद को स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ाने की उम्मीद जगाई थी, लेकिन नौकरशाही की लेटलतीफी और विभागीय समन्वय की कमी ने इसे अधर में लटका दिया है। पांच साल की परेशानी झेल चुके नागरिक अब भी उस दिन का इंतजार कर रहे हैं।

    धीमी रफ्तार से हो रहे कनेक्शन

    परियोजना के तहत कुल 14,586 घरों को सीवर से जोड़ा जाना है, लेकिन अब तक सिर्फ 1,023 कनेक्शन ही हो सके हैं। यानी 13,563 घर अब भी जुड़े नहीं हैं। दिसंबर 2025 तक कार्य पूरा करने की मियाद है, पर अब सिर्फ एक महीना बचा है। जल निगम का दावा है कि तय समय तक सभी कनेक्शन पूरे कर लिए जाएंगे।

    नगर निगम से एनओसी नहीं मिलने के कारण बिजली विभाग भी फीडर लाइन नहीं डाल पा रहा है। जिगर कालोनी फीडर से एसटीपी तक की दूरी करीब दो किमी है। इस बीच की सड़क खोदकर अंडरग्राउंड केबल डालनी है, जिसके लिए निगम की अनुमति जरूरी है। बिना एनओसी के काम अटका पड़ा है।

    25 मिलियन लीटर प्रतिदिन क्षमता वाला एसटीपी है वेब ग्रीन कालोनी के पीछे
    105 करोड़ रुपये की लागत से कांठ रोड की कालोनियों व मुहल्लों में सीवर लाइन डाली
    100 करोड़ रुपये की लागत आई है एसटीपी के निर्माण में

    लोगों की परेशानी और उम्मीद

    एसटीपी निर्माण और सीवर लाइन डालने के काम ने इलाके की सड़कों को पांच साल तक धूल में झोंक दिया। लोगों ने बरसों तक उबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरने की मजबूरी झेली। अब सड़कें बनीं तो सुविधा की आस जगी, लेकिन घरों से निकलने वाला गंदा पानी अभी भी खुली नालियों में बह रहा है। लोग साफ-सफाई और बदबू से परेशान हैं।


    निर्माण विभाग से जानकारी ली जाएगी की एसटीपी के लिए बिजली कनेक्शन की अंडर ग्राउंड लाइन डालने को रोड कटिंग की अनुमति अभी तक किस वजह से नहीं दी गई। सरकारी योजना है, एसटीपी का संचालन तो होना ही है।

    - अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त


    हमारी ओर से कालोनी और मुहल्लों की ब्रांच लाइन का कार्य पूरा हुए एक साल बीत गया है। अब सिर्फ घरों के कनेक्शन और बिजली व्यवस्था का इंतजार है। जैसे ही कनेक्शन मिलेगा, पूरा एसटीपी चालू हो जाएगा।

    - मोहित राय, अधिशासी अभियंता, जल निगम शहरी


    एसटीपी और तीन किलोमीटर की मुख्य सीवर लाइन का निर्माण पूरा हो चुका है। जेनरेटर से ट्रायल चल रहा है। बिजली कनेक्शन मिलते ही रामगंगा में शोधित पानी भेजा जाएगा।

    - फराहीम, अधिशासी अभियंता, जल निगम ग्रामीण

     

    मद विवरण आंकड़े तथ्य
    एसटीपी क्षमता  25 एमएलडी
    निर्माण लागत  205 करोड़ रुपये
    बिजली विभाग को जमा राशि  1.87 करोड़ रुपये
    डीजल खर्च प्रतिघंटा  150 लीटर
    घरेलू कनेक्शन लक्ष्य  14,586 घर
    अब तक जुड़े घर  1,023 घर
    शेष कनेक्शन  13,563 घर
    ट्रायल अवधि  4 महीने
    परियोजना शुरू  वर्ष 2020-21
    मियाद  दिसंबर 2025