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Terrorists in UP : आतंक की राह पर न‍िकल रहे मुरादाबाद मंडल के युवक, खुफ‍िया एजेंस‍ियों की उड़ी नींद

लखनऊ में एटीएस के द्वारा पकड़े गए दो आतंकियों के तार मंडल से जुड़े मिले हैं। इस मामले में एटीएस ने संभल के दो युवकों को पकड़ा है। बीते कुछ सालों में लगातार ऐसे मामले सामने आए हैं जिनमें मंडलीय जनपदों के युवकों को आतंकी गतिविधियों में पकड़ा गया है।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 15 Jul 2021 11:20 AM (IST)Updated: Thu, 15 Jul 2021 11:20 AM (IST)
Terrorists in UP : आतंक की राह पर न‍िकल रहे मुरादाबाद मंडल के युवक, खुफ‍िया एजेंस‍ियों की उड़ी नींद
अभियान के तहत सात युवाओं को स्लीपर सेल का हिस्सा बनने से रोका गया था।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। लखनऊ में एटीएस के द्वारा पकड़े गए दो आतंकियों के तार मंडल से जुड़े मिले हैं। इस मामले में एटीएस ने संभल के दो युवकों को पकड़ा है। बीते कुछ सालों में लगातार ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मंडलीय जनपदों के युवकों को आतंकी गतिविधियों में पकड़ा गया है। ऐसे में युवाओं की खेप जिस तरह से आतंक के रास्ते पर जा रही है, उससे खुफिया एजेंसियों की नींद उड़ गई है। युवाओं को आतंक की राह में जाने से रोकने के लिए एटीएस ने कुछ वर्ष पहले अभियान चलाया था। इस अभियान के तहत सात युवाओं को स्लीपर सेल का हिस्सा बनने से रोका गया था।

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डीआइजी मुरादाबाद शलभ माथुर ने बताया कि इन मामलों को लेकर हम चिंतित हैं। लेकिन इन युवाओं को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए पहले परिवार की भूमिका अहम है। उन्होंने कहा कि माता-पिता के साथ आसपास रहने वाले लोगों को युवाओं की गतिविधियों का ध्यान रखना चाहिए। अगर परिवार के लोग सतर्कता के साथ युवाओं की गतिविधियों पर नजर रखेंगे तो उन्हें आतंक के रास्ते में जाने से रोका जा सकता है। वहीं पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि थाना स्तर पर सूचनाओं को एकत्र करने के लिए मुखबिरों की टीम तैयार की जाए। बीट कांस्टेबल को प्रतिदिन अपने क्षेत्रों में लोगों से मिलकर सूचनाओं को एकत्र करने के लिए कहा गया है। परिवार, दोस्त और समाज की जागरूकता से ही युवाओं को गलत राह में जाने से रोका जा सकता है।

बंद हो गई एटीएस की हेल्प लाइन : यूपी एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड ने कुछ वर्ष पहले ऐसे युवाओं को रोकने के लिए अभियान चलाया था। इसके लिए एक हेल्प लाइन नंबर जारी किया गया था। जिसमें आतंक राह में जाने वाले युवाओं के बारे में सूचना देने के कहा गया था। इस हेल्प लाइन का दो वर्ष पहले लाभ भी मिला था। सीरिया में जिस समय आइएसआइएस का आतंक था, उस समय मंडलीय जनपद से कुछ युवक हिस्सा बनने के लिए सीरिया गए थे। जिसमें संभल का एक युवक के मारे जाने की सूचना भी मिली थी। इस मामले की जानकारी के बाद एटीएस ने अभियान चलाकर सात युवाओं की काउंसलिंग की थी। जिन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें मुख्यधारा में शामिल करने का काम किया गया था। लेकिन कुछ माह चलने के बाद एटीएस की यह हेल्पलाइन भी बंद हो गई थी।

अशिक्षा और बेरोजगारी से रास्ता भटक रहे युवा : मंडल के जनपदों में जो युवा अभी तक आतंकवादी गतिविधियों में पकड़े गए हैं, उनमें से ज्यादातर अशिक्षित और बेरोजगार थे। ऐसे में आतंकवादी संगठन के लोग धर्म के नाम पर उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें स्लीपर सेल का हिस्सा बना लेते हैं। वहीं पैसों का लालच देकर भी युवाओं को जोड़ लिया जाता है। अभी तक जिन युवाओं को पकड़ा गया है, उनमें ज्यादातर लोगों को पैसे देकर ही स्लीपर सेल का हिस्सा बनाने की बात सामने आई है।

पुलिस मीडिया के माध्यम से लोगों को हमेशा जागरूक करने का काम करती है। लेकिन युवा राह न भटके इसके लिए परिवार की जिम्मेदारी ज्यादा बढ़ जाती है। माता-पिता को हमेशा ध्यान देना चाहिए, कि उसके बच्चे का स्वभाव बदल तो नहीं रहा है। वह मोबाइल में किन चीजों का सर्च कर रहा है, और टीवी चैनल में क्या देख रहा है, यह चीजें भी उसकी मनोदशा के बारे में जानकारी देती है। ऐसे में परिवार को सतर्क रहकर भटक रहे युवाओं को समाज की मुख्यधारा में जोड़ना चाहिए। पुलिस भी इस दिशा में जागरूक करने के साथ ही काउंसलिंग करने का काम करती है।

शलभ माथुर, डीआइजी, मुरादाबाद

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