Swachh Survekshan 2022 : उत्तर प्रदेश में मुरादाबाद आठवां सबसे स्वच्छ शहर, जानें देश में किस पायदान पर
Swachh Survekshan 2022 मुरादाबाद के लिए एक खुशखबरी तो है लेकिन साथ में थोड़ा और सचेत होने के लिए नसीहत भी। खुशखबरी यह है कि स्वच्छता में सुधार हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की शनिवार को आई रिपोर्ट में महानगर देश के टाप-100 शहरों में शामिल हो गया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Swachh Survekshan 2022 : मुरादाबाद के लिए एक खुशखबरी तो है लेकिन, साथ में थोड़ा और सचेत होने के लिए नसीहत भी। खुशखबरी यह है कि महानगर की स्वच्छता में सुधार हुआ है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2022 की शनिवार को आई रिपोर्ट में महानगर देश के टाप-100 शहरों में शामिल हो गया है।
इस बार 95वां स्थान मिला है, जबकि पिछले साल 108वां स्थान था। प्रदेश में 12वें स्थान से घटकर आठवां स्थान मिला है। हालांकि राज्य के अन्य शहरों से हम पीछे हैं, इसके लिए स्वच्छता को लेकर और जागरूक होने की जरूरत है।
महानगर ने पिछले साल की तुलना में इस बार रैंकिंग में 13 स्थान का सुधार किया है।
साल दर साल सुधरती गई रैंक
जिन खामियों की वजह से पिछड़े हैं, उन्हें नगर निगम के पास उपलब्ध संसाधनों को देखते हुए सुधारा जा सकता था। पांच साल में देश के 216 शहरों को पछाड़ा है। 2017 में 321वें स्थान पर थे। पिछले वर्ष 2021 में देश के 4,840 शहरों में रैंकिंग 108थी। प्रदेश के दस लाख से कम आबादी वाले 474 शहरों में आठवां स्थान आया है। जबकि, पिछले साल प्रदेश में 12वें स्थान पर थे।
मुरादाबाद को मिले छह हजार में से 4202.27 अंक
कुल 6,000 अंकों में 4202.27 अंक मिले हैं। लेकिन, अंडर-50 शहरों में स्थान बनाने के प्रयास में पिछड़ गए। कुल 11 श्रणियों में चार में ग्रीन (बहुत अच्छा), दो में हल्का ग्रीन (अच्छा), पांच में येलो मिला (सुधार की जरूरत) है। जिनमें येलो यानी 50 प्रतिशत से 75 प्रतिशत अंक मिले हैं।
कूड़ा कलेक्शन कंपनी के काम छोड़ने से पड़ा असर
स्वच्छता सर्वेक्षण से ठीक पहले डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन कंपनी एसआरएमटी द्वारा काम छोड़कर भागना नगर निगम को भारी पड़ा। इसके अलावा नागरिक अपने घरों में गीला व सूखा कूड़ा अलग-अलग रखने को लेकर जागरूक नहीं हुए।
एप पर शिकायत करने में लोग सक्रिय नहीं
गंदगी की शिकायत स्वच्छता एप पर करने में भी नागरिक सक्रियता नहीं दिखा रहे हैं। नगर निगम खाली प्लाट में कूड़ा फेंकने से न तो लोगों को राेक पाया और न ही उनकी सफाई की व्यवस्था करा सका। खाली प्लाट के स्वामियों से जुर्माना वसूलने भी पीछे रहे।
मुरादाबाद ने इसमें किया सुधार
- बाजार की सफाई पहले से बेहतर। ग्रीन (90 प्रतिशत व अधिक )
- महानगर की सीमा के आवासीय क्षेत्रों में पहले से सफाई सुधरी। ग्रीन
- सड़कों की सफाई व्यवस्था में सुधार। ग्रीन
- पेयजल में सुधार। ग्रीन
- सिटी ग्रेवांस में सुधार हलका ग्रीन
- आवासीय क्षेत्र में रोजाना सफाई हलका ग्रीन
मुरादाबाद इन श्रेणियों में पिछड़ा
- घरों से निकले सूखा-गीला कूड़ा अलग करना येलो (50 से 75 प्रतिशत तक)
- शौचालयों की सफाई व्यवस्था येलो
- नालों की सफाई व्यवस्था येलो
- शहर की सुंदरता येलो
नोट: लाल श्रेणी से शहर बाहर रहा। इसमें 25 फीसद से कम अंक प्राप्त मिलने पर लाल श्रेणी को रखा गया है।
पांच साल का स्वच्छता सर्वेक्षण रिपोर्ट कार्ड
- वर्ष रैंक
- 2017 321
- 2018 274
- 2019 195
- 2020 117
- 2021 108
- 2022 95
ऐसे होता है स्वच्छता सर्वेक्षण
स्वच्छ भारत मिशन के तहत स्वच्छता सर्वेक्षण करने दिल्ली से आती है। भारत सरकार से हर साल स्वच्छता के नए मानक निर्धारित किए जाते हैं। इन मानकों पर ही शहरों के स्वच्छता सर्वेक्षण का रिपोर्ट कार्ड तैयार होता है। स्वच्छ भारत मिशन के तहत काम करने वाली एजेंसी के पास हर शहर के मुहल्ले, कालोनी, सड़क, शौचालय समेत अन्य चीजों की भौगोलिक स्थिति टेबलेट व लैपटाप पर जीपीएस से जुड़ी होती है। टीम नगर निगम अफसरों को बिना बताए अचानक जीपीएस सिस्टम के जरिए देखकर स्वयं शौचालय या अन्य स्थानों तक पहुंचती और स्वच्छता का आंकलन करती है। अंक भी हाथों हाथ मौके पर सर्वे के फीड किए जाते हैं जो सीधे दिल्ली में बैठी टीम चेक करती है।