Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 : नेताजी सुभाषचंद्र बोस के नाम से जाना जाता है मुरादाबाद यह स्टेडियम, निकल चुके हैं कई बड़े खिलाड़ी
Subhash Chandra Bose Jayanti 2021 मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने 30 साल पहले कराई थी नेताजी सुभाषचंद्र बोस स्टेडियम की स्थापना। एनआइएस पटियाला में भी नेताजी के नाम से प्रशिक्षण संस्थान है अपने शहर के स्टेडियम में भी नेताजी का नाम।
मुरादाबाद, जेएनएन। देश के महान स्वतंत्रता सेनानी एवं आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती को इस बार 23 जनवरी को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से मुरादाबाद में नेताजी सुभाषचंद्र बोस सोनकपुर स्टेडियम स्थापित किया गया है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण ने 30 साल पहले इस स्टेडियम का निर्माण कराया था तब से अब तक इस स्टेडियम में काफी विकास हो चुका है।
बताते हैं कि सोनकपुर स्टेडियम का नाम यू ही नहीं पड़ा। पटियाला में नेताजी सुभाषचंद्र बोस नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स(एनआइएस) हैं। एनआइएस क्रीड़ा की पढ़ाई व प्रशिक्षण के बाद ही कोच, क्रीड़ा अधिकारी बनते हैं। इन क्रीड़ा गुरुओं के प्रशिक्षण से ही देश भर में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार होते हैं। नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा सोनकपुर स्टेडियम में स्थापित है। यह मूर्ति 15 अगस्त यानि स्वतंत्रता दिवस को 2015 में स्थापित की गई थी। तत्कालीन जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने इसका उद्घाटन किया था। तब राजेश सिंह क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी थे। इससे पहले सोनकपुर स्टेडियम का नाम नेताजी सुभाष चंद्र के नाम से पड़ा हुआ था लेकिन, प्रतिमा की कमी खल रही थी। तत्कालीन डीएम के प्रयास से नेताजी सुभाषचंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित हुई। अब कोई भी प्रतियोगिता आयोजित होने से पहले नेताजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण होता है। बॉक्सिंग, क्रिकेट, जूडो, एथलेटिक्स, कबड्डी, हॉकी, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बैडमिंटन समेत कई ऐसे खेल हैं जिनमें खिलाड़ियों से इसी स्टेडियम से खेलकर महारथ हासिल की है। किक्रेट के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मोहसिन खान, शिवा समेत कई खिलाड़ी यहां से निकले हैं। बॉक्सिंग में भी नेशनल स्तर के करीब 25 खिलाड़ी निकल चुके हैं जबकि अंतराष्ट्रीय स्तर की मुस्कान ने इसी स्टेडियम से पंच के प्रहार से मुकाम हासिल किया। एथलेटिक्स के राष्ट्रीय खिलाड़ी मुहम्मद युनूस भी इसी स्टेडियम में खेले हैं। ऐसे तमाम खिलाड़ी हैं, जिन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस सोनकपुर स्टेडियम का नाम सार्थक किया।
देश भर में महापुरुषों के नाम से ही ज्यादातर स्टेडियम स्थापित हैं। मेरी जानकारी में यही है कि पटियाला में एनआइसी संस्थान का नाम भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से स्थापित है। इसीलिए मुरादाबाद का नाम भी उन्हीं के नाम पर पड़ा।
अनिमेष सक्सेना, क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी
नेताजी सुभाष चंद्र बोस सोनकपुर स्टेडियम बाक्सिंग के खिलाड़ियों के लकी रहा है। प्रदेश में तो सैकड़ों खिलाड़ी पहुंच चुके हैं जबकि राष्ट्रीय स्तर पर भी खिलाड़ियाें ने अपने पंच से लोहा मनवाकर नेताजी के नाम को सार्थक किया है।
एसके क्षेत्री, कोच, बॉक्सिंग