मुरादाबाद के एक पुल पर पांच साल से नहीं जलीं स्ट्रीट लाइटें, कौन जिम्मेदार अफसर भी नहीं जानते
Street lights in Moradabad अगवानपुर आरओबी बनकर तैयार हुए पांच साल हो गए। अफसर आरओबी बनाकर स्ट्रीट लाइट जलाने की व्यवस्था किसकी होगी यह भूल गए। सेतु निगम ने 2017 में आरओबी निर्माण के पूरा करने के बाद स्ट्रीट लाइट लगाकर छोड़ दी।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Street lights in Moradabad : अगवानपुर आरओबी बनकर तैयार हुए पांच साल हो गए। अफसर आरओबी बनाकर स्ट्रीट लाइट जलाने की व्यवस्था किसकी होगी यह भूल गए। सेतु निगम ने 2017 में आरओबी निर्माण के पूरा करने के बाद स्ट्रीट लाइट लगाकर छोड़ दी। आरओबी की डीपीआर में यह शामिल ही नहीं किया गया कि आगे इसका रखरखाव कौन करेगा।
सेतु निगम के अफसरों ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि डीपीआर में रखरखाव को शामिल नहीं किया जाता है। जिससे अब पांच सालों से इसे जलवाने को नूरा कुश्ती चली आ रही है। अगवानपुर नगर पंचायत क्षेत्र में आने वाले इस पुल को अधिग्रहित करने के लिए एमडीए को जिलाधिकारी कई बार निर्देश दे चुके हैं। लेकिन, अभी तक एमडीए ने स्ट्रीट लाइट जलाना तो दूर मौके का मुआयना तक नहीं किया है। प्रशासन की सुस्ती भी इसके लिए जिम्मेदार है।
अंधेरे में तीर मार रहा जिला प्रशासन हर बार नई समय सीमा स्ट्रीट लाइट जलवाने को निर्धारित कर रहा है। सेतु निगम ने खुद को कार्यदायी संस्था बताते हुए इसके आरओबी के रखरखाव से अपना पक्ष कहते हुए रख दिया कि उसके पास रखरखाव के लिए कोई फंड शासन से नहीं मिलता है। उसका कार्य निर्माण कराना है।
कावंड़ियों को अंधेरे से गुजरना होगाः कावंड़ियों को अगवानपुर आरओबी से अंधेरे में गुजरना होगा। कहीं अंधेरे में तेज वाहनों की रफ्तार दुघर्टना का कारण न बन जाए। हरिद्वार से गंगा जल लेकर सावन में हजारों की संख्या में कावंड़िए गुजरेंगे।
एमडीए अफसरों की बात भी हवा हवाईः एमडीए उपाध्यक्ष ने शनिवार को अगवानपुर आरओबी का सर्वे करने की बात कही थी। सर्वे में देखना था कि कितने प्रकाश बिंदु ठीक और कितने खराब हैं। यह प्रकाश बिंदु सेतु निगम को ठीक कराकर देने होंगे। इसके बाद एमडीए स्ट्रीट लाइट जलवाएगा। लेकिन, शनिवार को एमडीए की टीम ने मुआयना नहीं किया।
क्या कहते हैं अधिकारीः सेतु निगम के मुख्य परियोजना प्रबंधक डीके गुप्ता ने बताया कि पुल के निर्माण के साथ स्ट्रीट लाइट लगाने तक की जिम्मेदारी सेतु निगम की है। इसके बाद स्ट्रीट लाइट का रखरखाव करना पंचायत विभाग, विकास प्राधिकरण या महानगर सीमा में पुल है तो नगर निगम की जिम्मेदारी है। सेतु निगम एक कार्यदायी संस्था है। उसे स्ट्रीट लाइट के लिए कोई बिल का पैसा नहीं मिलता।

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