Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आज से श्राद्ध माह शुरू, जानिए पूर्वजों को कैसे करें तर्पण, इन चीजों का भी रखना होगा ध्‍यान

    By Narendra KumarEdited By:
    Updated: Wed, 02 Sep 2020 11:50 AM (IST)

    Shraddha month इस माह में पिंडदान का होता है विशेष महत्व। पितरों के प्रसन्न रहते है सभी देवता रहते हैं प्रसन्न। इस माह बरतनी होती है सावधानी।

    आज से श्राद्ध माह शुरू, जानिए पूर्वजों को कैसे करें तर्पण, इन चीजों का भी रखना होगा ध्‍यान

    सम्‍भल, जेएनएन। आज से श्राद्ध माह शुरू हो रहा है। पितृ पक्ष में बिना आह्वान किए दिवंगत पूर्वज पितरों के रूप में पृथ्वी पर अपने-अपने स्वजनों के यहां उपस्थित होते है और स्वजनों के द्वारा पूरी सेवा के बाद तृप्त होने पर उन्हें आशीर्वाद प्रदान करते है। 17 दिन तक चलने वाले श्राद्ध के दौरान पूर्वजों को खुश करने के लिए तर्पण किया जाता है। इस माह के कृष्ण पक्ष में पिंडदान का है विशेष महत्व बताया जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हिंदू धर्म में इस समय पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष दिलाने के लिए पिंडदान का विधान है। सुभाष रोड स्थित प्राचीन शिव मंदिर के पुजारी आचार्य हरीश चन्द्र ने बताया कि पितरों के प्रसन्न रहने से सारे देवता प्रसन्न होते है। तभी मनुष्य के सारे जप, तप, पूजा, पाठ, अनुष्ठान मंत्र साधना सफल होते है। अन्न जल पाने के लिए पितृ अश्विन मास के कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से अमावस्या के दिन तक अपने पुत्रों के घर आकर बैठ जाते है। यदि उस दिन तक उन्हें तृप्त नहीं किया जाता है। तो वे आशीर्वाद की जगह श्राप देते है। तो वह जीवन भर दुःखी एव अभाव ग्रस्त रहता है। इसलिए सभी को अपने पितरो को तृप्त करना चाहिए ताकि वह प्रसन्न होकर श्राप की जगह आशीर्वाद दे। ज्योतिषाचार्य पंडित भूदेव शंखधार ने कहा कि श्राद्ध के दिनों दिया गया दान पितरों को मिलता है। जिस तरह देवता अपने अंशों से अवतार लेते है, लेकिन उनका पूर्ण रूप देव लोक में विद्यमान रहता है। वैसे ही पितर भी देव लोक में विद्यमान रहते है। हमारे जीवन में माता पिता का बहुत महत्व है इसलिए उनकी आत्मा शांति के लिए पूर्ण विधि विधान के साथ पित्रों को तृप्त करके उनका आदर सत्कार करना चाहिए।

    नहीं होंगे शुभ कार्य, नहींं पहने जाते नए कपड़े

    आचार्य मनोरंजन तिवारी ने बताया कि हिंदू समाज में जब तक श्राद्ध चलेंगे तब तक शुभ कार्य नहीं होंगे। माना जाता है कि इन दिनों किसानों को भी नए कपड़े नहीं खरीदने चाहिए। साथ ही लोगों को खाने पीने पर भी विशेष ध्यान रखना चाहिए। जो लोग मांस का सेवन करते हैं उन्हें इन दिनों मांस नहीं खाना चाहिए। शराब से भी दूरी बनाए। इससे पूर्वजों को खुशी मिलती है। उन्होंने बताया कि तर्पण के दौरान भीड़ नहीं होती इसलिए किसी के घर जाने से क्या परहेज हैं।

    ऐसे करें श्रद्धा

    श्राद्ध देेते समय पितरों का नाम लेकर उन्हें ध्यान करें-श्राद्ध में ब्रह्मण और कौवे को भोजन कराए -सूर्योदय से पहले पितरों को जल अर्पित करे -काले तिल डालकर जल को पीपल के वृक्ष को अर्पण करें