Move to Jagran APP

अमरोहा नरसंहार : इश्क नहीं, अवैध संबंध में अंधे थे शबनम-सलीम; जानें- खून के रिश्तों के कत्ल की असली कहानी

नाजायज रिश्ते से जब शबनम गर्भवती हो गई तो प्रेमी सलीम बुरी तरह बौखला उठा। इस कदर कि हैवानियत सिर पर नाचने लगी। शबनम और सलीम किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गए और शबनम के पूरे कुनबे को ठिकाने लगाने का ताना-बाना बुन डाला।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 09:04 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 09:05 PM (IST)
अमरोहा नरसंहार : इश्क नहीं, अवैध संबंध में अंधे थे शबनम-सलीम; जानें- खून के रिश्तों के कत्ल की असली कहानी
माफी के नाकाबिल 'सात खून' के आरोपित शबनम और सलीम का इश्क पवित्र हरगिज नहीं था।

अमरोहा [आसिफ अली]। माफी के नाकाबिल 'सात खून' के आरोपित शबनम और सलीम का इश्क पवित्र हरगिज नहीं था। न ही वे इसे किसी अंजाम तक पहुंचाना चाहते थे। उनका एक ही मकसद था, अपना स्वार्थ और बिना किसी रोकटोक के अवैध संबंध बनाए रखना। यही वजह है, सामाजिक मर्यादा की ड्योढ़ी लांघने के बाद नाजायज रिश्ते से जब शबनम गर्भवती हो गई तो प्रेमी सलीम बुरी तरह बौखला उठा। इस कदर कि हैवानियत सिर पर नाचने लगी। दुनिया को मुंह कैसे दिखाएंगे..? इस चिंता में परेशान शबनम और सलीम किसी भी हद तक जाने को तैयार हो गए और शबनम के पूरे कुनबे को ठिकाने लगाने का ताना-बाना बुन डाला। अवैध रिश्तों को ढंकने की उनकी यह कोशिश ही 14 अप्रैल, 2008 की रात नरसंहार के रूप में दुनिया के सामने आई।

prime article banner

हैरानी इस बात की है कि 'खून के रिश्तों' का खून बहाने के बावजूद दोनों के शातिर दिमाग में साजिश के अंकुर एक के बाद एक फूटते रहे। खुद को पाक-साफ साबित करने के लिए बार-बार मनगढ़ंत कहानी गढ़ते रहे। हालांकि, कानूनी जिरह के आगे उनकी एक न चली। सवालों की बौछार में ऐसे घिरे कि दोनों की अधकचरी कहानी कुछ घंटों में ढेर हो गई। हां, पैंतरेबाजी उनकी जारी रही। अदालत में जब मौत का फंदा गले की तरफ आता दिखा तो दोनों ने एक दूसरे के खिलाफ बयान देकर खुद को बेकसूर साबित करने का प्रयास किया, मगर यहां पुलिस की जांच की जड़ें और मजबूत हो गईं। आखिर में अदालत ने सारे गवाह और बयान सुनने के बाद फैसला मुकर्रर कर दिया-'फांसी और सिर्फ फांसी...।'

परिवार के लोगों को बेहोश कर गला काटा : हसनपुर के गांव बावनखेड़ी में मास्टर शौकत सैफी के हवेलीनुमा घर में 14 अप्रैल, 2008 की रात अवैध संबंध में अंधी इकलौती बेटी शबनम ने प्रेमी सलीम के साथ मिलकर पहले मां-बाप समेत सात लोगों को बेहोश किया, बाद में गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। इसके बाद परिवार के मासूम समेत पांच और लोगों को मौत की नींद सुला दिया। एक भी चश्मदीद नहीं छोड़ा जो बाद में गवाही दे सके।

बरी होने के लालच में उगल दी असलियत : शबनम के अधिवक्ता शमशेर अली सैफी ने बताया दोनों ने अपने बचाव में तमाम तर्क दिए थे। कोई चश्मदीद गवाह भी नहीं था। परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने आरोप पत्र तैयार किया था। इसको ध्यान में रखते हुए तत्कालीन जिला जज सैयद आमिर अब्बास हुसैनी ने दोनों के अलग-अलग बयान दर्ज किए। यह तरकीब काम कर गई। खुद को बचाने के चक्कर में दोनों हकीकत बयां कर गए। सैफी बताते हैं कि सलीम ने अपने बयानों में शबनम पर कत्ल करने का आरोप लगाया था। वहीं शबनम ने सलीम पर सातों लोगों का कत्ल करने का आरोप लगाते हुए बयान दर्ज कराया था।

शबनम का बयान : 15 जुलाई 2010 को सुनाए गए मृत्युदंड के फैसले में दर्ज बयानों में शबनम ने कहा है कि रात के दो बजे सलीम छुरीनुमा कोई चीज लेकर मेरे घर आया था। मैंने ऊपर छत की जाली से उसे खुद देखा था। सलीम ने अकेले सब को बेहोश करके कत्ल कर दिया था।

सलीम का बयान : अदालत में दर्ज कराए गए बयानों में सलीम ने कहा है कि शबनम ने कत्ल वाली रात दो बजे कॉल कर मुझे घर बुलाया था। जब मैं पहुंचा शबनम शराब के नशे में थी तथा कह रही थी मैंने अपने सारे परिवार को नशे से बेहोश कर खत्म कर दिया है। अब तुम सारी दौलत के मालिक बन जाओगे। अब तुम मुझसे शादी कर लो। शबनम के कहने पर उसके द्वारा दी गई छुरी व खून से सने कपड़े घर के बाहर खड़े ट्रक पर फेंक दिए और वहां से भाग गया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.