सिर पर गमछा बांधकर पहुंचे एसडीएम… किसी ने नहीं पहचाना, केंद्र प्रभारी पर कार्रवाई होते ही मची खलबली
मुरादाबाद में धान खरीद केंद्रों की जांच में खामियां पाई गईं। उपजिलाधिकारी बिलारी ने तीन केंद्रों का निरीक्षण किया जिनमें से दो बंद मिले। संभागीय खाद्य नियंत्रक ने कहा कि आगे भी इसी तरह से अधिकारियों को भेजकर धान खरीद की जांच कराई जाएगी। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी। किसानों ने धान खरीद की हकीकत से अवगत कराया कि केंद्रों पर पहुंचने वाले किसानों को केंद्र प्रभारी टरका देते हैं।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। प्रभारी संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) एवं मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष शैलेष कुमार के निर्देश पर उपजिलाधिकारी बिलारी किसान के भेष में धान क्रय केंद्रों की हकीकत (रियलिटी चेक) जानने के लिए बाइक से पहुंच गए। तीन केंद्रों में से उन्हें दो बंद मिले, इससे किसानों की शिकायत की पुष्टि हो गई।
संभागीय खाद्य नियंत्रक का कहना है कि आगे भी इसी तरह से अधिकारियों को भेजकर धान खरीद की रियलिटी चेक कराई जाएगी। यह भी देखा जाएगा कि जितना धान खरीदा जा रहा है, उतना स्टाक केंद्रों पर मौजूद है या नहीं। इसमें गड़बड़ी मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
प्रश्न पहर में किसानों ने की थी शिकायत
बुधवार को संभागीय खाद्य नियंत्रक एवं एमडीए वीसी शैलेष कुमार दैनिक जागरण के प्रश्न पहर कार्यक्रम में किसानों की शिकायतें सुनने के लिए आए थे। किसानों ने आरएफसी को धान खरीद की हकीकत से अवगत करा दिया।
बताया कि केंद्रों पर पहुंचने वाले किसानों को केंद्र प्रभारी टरका देते हैं। कागजों में धान की खरीद हो रही है। मिलर्स और अन्य व्यापारियों ने पहले ही सस्ते में धान खरीदकर स्टाक कर लिया है। कुछ व्यापारी बिहार से चावल मंगाकर सरकार को आपूर्ति कर देते हैं। धान खरीद केंद्र दिन भर बंद रहते हैं।
शाम को कथित किसान केंद्रों पर अंगूठा लगाने पहुंच जाते हैं। आरएफसी किसानों की बात सुनकर हैरान थे। सबसे अधिक शिकायतें कुंदरकी, डिलारी और मूंढापांडे क्षेत्र की आ रही थीं।
आरएफसी ने एसडीएम को दिए थे निर्देश
किसानों ने कुंदरकी नगर, पंडिया, भीकनपुर, रसूलपुर, बगरौआ, पीपली चक, गुरेर आदि गांव के केंद्रों की जांच कराने की मांग की गई। कार्यक्रम के दौरान ही आरएफसी ने एसडीएम बिलारी विनय कुमार सिंह को किसान बनकर धान क्रय केंद्रों की गोपनीय जांच करने के निर्देश दिए।
एसडीएम ने किसान के भेष में बाइक से तीन केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान बगरौआ और पीपली चक धान क्रय केंद्र बंद मिले। करावर धान क्रय केंद्र खुला हुआ था। यहां धान खरीद भी होती हुई पाई गई। एसडीएम ने बताया कि बंद मिलने वाले दोनों केंद्रों के प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति करके रिपोर्ट जिलाधिकारी और आरएफसी को भेज दी है।
धान खरीद में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। इसी तरह अधिकारियों को भेष बदलकर केंद्रों को चेक करने के लिए भेजा जाएगा। राइस मिलों को भी चेक कराएंगे। बंद मिलने वाले दोनों केंद्रों के प्रभारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
-शैलेष कुमार, प्रभारी संभागीय खाद्य नियंत्रक
चपरासी को बना दिया केंद्र प्रभारी
धान क्रय केंद्र प्रभारी बनाने के प्रस्ताव देते समय खरीद एजेंसियों के अधिकारी सारे मानक भूल गए। उन्होंने अपने हिसाब से काम करने वालों को तैनात कर दिया। बताया जा रहा है कि बंद मिले पीपली चक केंद्र के प्रभारी सोनू यादव हैं। वह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी (चपरासी) के पद पर तैनात हैं।
इसी तरह, बगरौआ धान क्रय केंद्र पर परवेज आलम प्रभारी हैं, लेकिन इस केंद्र को एक मिलर्स का दामाद संचालित कर रहा है। भीकनपुर धान खरीद केंद्र को भी केंद्र प्रभारी के बजाए एक मौलाना संचालित करके हैं। यही हाल पीसीयू, यूपीएसएस के केंद्रों का बताया जा रहा है।
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