दिल्ली व हरियाणा की मंडी में जाता है सम्भल का भुट्टा,कोरोना ने लगाया आमदनी पर ग्रहण Sambhal News
पिछले वर्ष 10 हजार रुपये बीघा बिका था भुट्टा। इस बार भी फसल हुई है अच्छी। किसानों का आय का यह बड़ा जरिया है।
सम्भल,जेएनएन। जनपद में मक्का की फसल तैयार हो गई है। इस समय किसान अच्छा रेट हासिल करने के लिए कच्चे भुट्टे को व्यापारियों को बेचते थे लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से संपूर्ण देश में चल रहे लॉकडाउन की वजह से व्यापारी नहीं आ रहे हैं। इससे किसानों को भारी नुकसान हो रहा है। किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष खेत से भुट्टा 10 हजार रुपये बीघा जाता था, लेकिन इस बार पांच हजार रुपये में किसान का भुट्टा नहीं जा रहा है। जिससे किसान उसे खेत में पकाने के लिए मजबूर है। इससे किसान को भारी नुकसान हो रहा है। जनपद में मक्का की फसल बड़े पैमाने पर की जाती है। यहां से भुट्टा व मक्का दाना दिल्ली, हरियाणा व अन्य राज्यों को जाता है। लॉकडाउन की वजह से मक्का बाहर नहीं जा पा रही है।
अब किसान खेत में ही भुट्टा पकाकर निकालेगा। जिससे किसान को सही रेट नहीं मिल पाएगा। लॉकडाउन की वजह से किसानों को मक्का की फसल में नुकसान उठाना पड़ेगा।
राजपाल ङ्क्षसह, जिलाध्यक्ष भाकियू अराजनैतिक असली
जनपद में 1.99 लाख हेक्टेयर कृषि भूमि
सम्भल जनपद में कृषि भूमि एक लाख 99 हजार हेक्टेयर भूमि है। जिसमें मुख्य रूप से धान, गेंहू, मक्का व गन्ना की फसल की जाती है। इस वर्ष पूरे जनपद में 3700 हेक्टेयर भूमि में मक्का की फसल की गई है।
एक बीघा में आती है पांच हजार की लागत
हाइब्रिड मक्का की खेती करने में एक बीघा में लगभग चार से पांच हजार की लागत आती है। इसकी पैदावार एक बीघा में चार से पांच क्ंिवटल होती है।
जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि इस बार 3700 हेक्टेयर भूमि पर मक्का की फसल जनपद में की गई है। पिछले साल जनपद में नौ मीट्रिक टन मक्का का उत्पादन किया गया था। सरकार की तरफ से मक्का की कोई योजना नहीं आई है।
नरेन्द्र ङ्क्षसह, जिला कृषि अधिकारी
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