Road accident in Moradabad : अवैध वसूली के खेल से हादसा, जिला छोड़कर भाग रहे टीएसआइ को पुलिस ने घेरकर पकड़ा
वाहनों की चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करने वाले यातायात पुलिस के सिपाही बड़े निर्मम निकले। दुर्घटना के बाद जिस साथी की मदद करनी चाहिए उसे तड़पता हुआ छोड़कर भाग निकले। इन सभी यातायात पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
मुरादाबाद, जागरण संवाददाता। वाहनों की चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली करने वाले यातायात पुलिस के सिपाही बड़े निर्मम निकले। दुर्घटना के बाद जिस साथी की मदद करनी चाहिए, उसे तड़पता हुआ छोड़कर भाग निकले। इन सभी यातायात पुलिस कर्मियों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या के साथ जबरन वसूली करने का मुकदमा मझोला थाने में दर्ज किया गया है।
सोमवार को तड़के करीब चार बजे इंटरसेप्टर कार लेकर टीएसआइ धर्मेंद्र सिंह राठौर अपने पांच साथियों के साथ हाईवे पर चेकिंग करने के लिए गए थे। इस दौरान उनके वाहन चेकिंग करने की किसी अधिकारी को कोई जानकारी नहीं थी। सुबह करीब सवा छह बजे जब यह हादसा हुआ तो टीएसआइ मौके पर मौजूद थे। इस दुर्घटना में यातायात विभाग के सिपाही बृज किशोर की मौके पर मौत हो गई। लेकिन अपने साथी के साथ ही अन्य घायलों की मदद करने की जगह वह गाड़ी लेकर मौके से भाग गए। इंटरसेप्टर कार पुलिस लाइन में छोड़ने के बाद वह घर चले गए। इसके बाद वह किसी अधिकारी को कोई जानकारी दिए बिना ही आगरा हाईवे की ओर अपनी निजी होंडा सिटी कार से रवाना हो गए। वहीं, पुलिस को उनके जनपद छोड़कर बाहर जाने की खबर जैसे लगी वैसे ही सभी थानों को अलर्ट कर दिया गया। सुबह करीब सवा 11 बजे मैनाठेर पुलिस ने उन्हें हाईवे पर उनकी गाड़ी का पीछा करके रोक लिया। मैनाठेर थाना प्रभारी रामवीर सिंह ने बताया कि उच्च अधिकारियों के निर्देश मिलने के बाद टीएसआइ को उनके वाहन के साथ थाने में पूछताछ के लिए रोक लिया गया है। उच्च अधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। वहीं उनके अन्य पांच साथी भी पुलिस की निगरानी में हैं।
वाहन की टक्कर से नीलगाय घायल : ठाकुरद्वारा में अज्ञात वाहन की टक्कर से नीलगाय जख्मी हो गई। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने नीलगाय का पशु चिकित्सक को बुलाकर उपचार कराया। ठाकुरद्वारा ढकिया मार्ग पर कालाझाडा मोड़ के पास अज्ञात वाहन ने नीलगाय को टक्कर मार कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। सूचना पर पहुंचे वन विभाग के दारोगा कपिल देव, नारायण सिंह और दुर्गा सिंह ने पशु चिकित्सक को बुलाकर नीलगाय का उपचार कराया।
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