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    उत्तर प्रदेश में आतंकियों के निशाने पर अब धार्मिक स्थल और पवित्र घाट

    By amal chowdhuryEdited By:
    Updated: Sat, 11 Mar 2017 06:13 PM (IST)

    आतंकियों की नजर अब धार्मिक स्थल, पवित्र घाट और आवाजाही वाले इलाके हैं, जहां भीड़ ज्यादा होती है। ...और पढ़ें

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    उत्तर प्रदेश में आतंकियों के निशाने पर अब धार्मिक स्थल और पवित्र घाट

    मुरादाबाद (सुधीर मिश्र)। आतंकियों ने उत्तर प्रदेश को पूर्वी, पश्चिमी और मध्य पूर्वी तीन जोन में बांट दिया है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई घटनाएं होने के कारण आतंकी इस जोन को असुरक्षित मान रहे हैं। लिहाजा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मौजूद स्लीपिंग माड्यूल्स को अब मध्य पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिफ्ट किया जा रहा है। उनकी नजर अब धार्मिक स्थल, पवित्र घाट और आवाजाही वाले इलाके हैं, जहां भीड़ ज्यादा होती है। खुफिया इनपुट से जानकारी के अनुसार अब टिफिन बम, साइकिल बम, कुकर बम और खिलौनों के अंदर विस्फोटक रखकर धमाके करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है।

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    हाल ही में लखनऊ और कानपुर में आतंकी घटना में शामिल रहे फखरे आलम का नेटवर्क तलाशने मुरादाबाद पहुंची एनआइए टीम को खुफिया इनपुट में इसके पुख्ता सबूत मिले हैं। आतंकियों का मंसूबा पूर्वी उत्तर प्रदेश में बड़ी वारदात को अंजाम देना था। इसके लिए कवर फायर के जरिए नौ लोगों को श्रीनगर सीमा से देश में प्रवेश कराया जा चुका है। इन्हें दो महीने का प्रशिक्षण दिया गया था, जिसमें अत्याधुनिक शस्त्र चलाना, कोड वर्ड में बात करना, किसी भी गुप्त कोड को डिकोड करने की बात थी। धर्म के नाम पर जेहाद और आत्मसमर्पण की बजाए शहादत देने के लिए इन्हें कहा गया था।

    नेपाल सीमा पर पाकिस्तान से तीन आतंकी आने थे, जिन्हें कानपुर और लखनऊ में मौजूद स्लीपिंग मॉड्यूल्स से मिलने का निर्देश दिया गया था। इन्हीं को आतंक से संबंधित सामान भी सप्लाई करना था। एटीएस और एसटीएफ के संयुक्त आॅपरेशन ने न सिर्फ उनके हौसले पस्त कर दिए बल्कि बड़े नेटवर्क की कमर भी तोड़ दी। बरामद हथियार पूर्वी उत्तर प्रदेश में आतंक फैलाने के लिए लाये गए थे।

    एजेंसियों का मानना है चूंकि प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र वाराणसी है लिहाजा आतंकियों के निशाने पर यही शहर था। सूत्रों की मानें तो कानपुर और लखनऊ के बाहरी इलाकों में अभी भी आतंक का सामान पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सैफुल्लाह के अन्य साथी भी लखनऊ और कानपुर में हैं। एनकाउंटर के ठीक पहले इनके घिरे होने की जानकारी भी पड़ोसी देश में बैठे आका तक पहुंचा दी गई थी।

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    मुरादाबाद, सम्भल और रामपुर सुरक्षा एजेंसियों के निशाने पर: मंडल के तीन जिलों को सुरक्षा एजेंसियों ने निशाने पर लिया है। कानपुर, लखनऊ और इटावा से मिली जानकारी के अनुसार सैफुल्लाह और फखरे आलम के संपर्क सम्भल से हैं, लिहाजा उन्हें खंगाला जा रहा है। सम्भल के दीपा सराय का आसिफ और मुरादाबाद से पकड़े गए सलीम पतला के अलावा और भी कई मामले इस मंडल से जुड़े हैं। बिजनौर धमाके के बाद झुलसे सिमी आतंकियों का इलाज भी मुरादाबाद के निजी अस्पताल में हुआ था।

    इंटरनेट कैफे पर पुलिस की नजर: प्रदेश में हो रही आतंकी वारदातों को देखते हुए पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। इंटरनेट कैफे से लोग इंटरनेट कॉल कर रहे हैं। बिना आइडी प्रूफ लिए सर्फिंग कराने वाले कैफे संचालकों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।

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