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    Ranjeet Murder case : विनीत ने पीछे से पकड़ा था रंजीत को, मां और बेटी ने चलाई थी गोली, वारदात में एक और गिरफ्तारी

    Ranjeet Murder case - छद्म नाम से अगवानपुर में वर्षों तक रहा हत्यारोपित शुक्ला। बैंक अकाउंट सीज होने के बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा रंजीत का हत्या का आरोपित। शुक्ला रुपये की कमी होते ही छटपटाने लगा। मुरादाबाद में रहने वाले एक करीबी से उसने संपर्क किया।

    By Narendra KumarEdited By: Updated: Wed, 23 Sep 2020 08:20 PM (IST)
    रंजीत हत्‍याकांड में एक और आरोपित को पुलिस ने पकड़ा।

    मुरादाबाद, जेएनएन। प्रेम प्रसंग में मां-बेटी के साथ मिलकर रंजीत को मौत के घाट उतारने वाले शुक्ला उर्फ विनीत कुमार उर्फ मुन्ना लाल सिंह को सिविल लाइन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बुधवार को सिविल लाइन पुलिस ने उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस की पूछताछ में शुक्ला उर्फ विनीत ने रंजीत हत्याकांड में अपना गुनाह कुबूल कर लिया है।

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    सिविल लाइन थाना प्रभारी नवल मारवाहा ने बताया कि रंजीत हत्याकांड में पुलिस शुक्ला उर्फ विनीत की तलाश बीते तीन माह से कर रही थी। वह मूलरूप से सीतापुर के लहरपुर थाना क्षेत्र का रहने वाला है। शुक्ला के उस बैंक खाते को सीज कर दिया गया था, जिसमें एक लाख रुपये से भी अधिक रकम जमा है। शुक्ला रुपये की कमी होते ही छटपटाने लगा। मुरादाबाद में रहने वाले एक करीबी से उसने रुपये पाने के लिए संपर्क किया। जबकि उसका फोन सर्विलांस पर था। रुपये हथियाने के चक्कर में ही मंगलवार रात वह फव्वारा तिराहे पर खड़ा था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

    वैशाली व उसकी मां ने मारी रंजीत को गोली

    शुक्ला ने पुलिस को बताया कि वैशाली की मां के बुलावे पर वह घटनास्थल पर पहुंचा था। उसने रंजीत को पीछे से पकड़ लिया था। इसके बाद वैशाली ने पहले रंजीत को गोली मारी। दूसरी गोली वैशाली की मां ने चलाई।

    ये था मामला

    शेरुवा धर्मपुर के रहने वाले भूपाल सिंह ने 24 जून को सिविल लाइंस में तहरीर दी कि उनका बेटा रंजीत 18 जून से ही लापता है। पुलिस ने रंजीत की प्रेमिका को हिरासत में लेकर पूछताछ की। तब पता चला कि गांव के समीप गन्ने के खेत में वैशाली व उसकी मां के अलावा शुक्ला ने गोली मारकर रंजीत को मौत के घाट उतारा है। मां-बेटी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेजा  था।

    डकैती के आरोप में 11 साल रहा जेल में

    शुक्ला डकैती डालने के आरोप में 11 वर्ष जेल की सजा सीतापुर में काट चुका है। जेल से छूटने के बाद वह हरिद्वार पहुंचा। कुछ दिनों बाद घर लौटते वक्त शेरुवा चौराहे को उसने अपना ठिकाना बनाया और दस वर्ष से वहीं रह रहा था।