ओल्ड मेथाेडिस्ट चर्च की मीनार से दिखता था रामपुर का किला
पादरी ई डब्ल्यू पारकर ने इसकी स्थापना की थी। पारकर इंटर कॉलेज की स्थापना भी ई डब्ल्यू पारकर ने ही की थी। जो शिक्षा के क्षेत्र में उनका बड़ा योगदान माना गया है। वर्ष 2015 में ओल्ड मेथोडिस्ट चर्च का जीर्णोद्धार कराया गया। जो अब पूरा हो चुका है।

मुरादाबाद, जेएनएन। टाउन हॉल स्थित ओल्ड मेथोडिस्ट चर्च रुहेलखंड क्षेत्र का सबसे पुराना चर्च है। बरेली मुरादाबाद बिजनौर समेत पहाड़ी क्षेत्र (अब उत्तराखंड) का यह प्रसिद्ध चर्च है। सन 1874 में यह चर्च रजिस्टर्ड हुआ था और सन 1878 में इसकी स्थापना हुई थी। पादरी ई डब्ल्यू पारकर ने इसकी स्थापना की थी। पारकर इंटर कॉलेज की स्थापना भी ई डब्ल्यू पारकर ने ही की थी। जो शिक्षा के क्षेत्र में उनका बड़ा योगदान माना गया है। वर्ष 2015 में ओल्ड मेथोडिस्ट चर्च का जीर्णोद्धार कराया गया। जो अब पूरा हो चुका है। 146 साल पुराने चर्च का महत्व बहुत है। वर्तमान में चर्च के पादरी डेनियल मेसी हैं। उनका कहना है कि जब चर्च का घंटा बजता था तो माताएं कहती थीं कि बेटा उठो घंटा बज गया है पढ़ाई शुरू कर दो। डेनियल मेसी कहते हैं कि करीब 30 साल पहले चर्च की पांच मंजिला मीनार से रामपुर का किला दिखता था। लेकिन, अब आबादी बढ़ने और विकास कार्य होने से मुरादाबाद में ऊंची ऊंची इमारतें बन गई हैैंं। जिससे रामपुर का किला अब दिखाई देना बंद हो गया। इस चर्च में 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। 300 लोग नीचे हॉल में और 200 लोग बालकनी में बैठकर प्रभु यीशु की विशेष प्रार्थना में हिस्सा लेते हैं। डेनियल मेसी बताते हैं कि जो इस चर्च में आया वह खाली हाथ नहीं गया। प्रभु यीशु ने उनकी मुराद पूरी की। सभी जाति धर्म के लोग चर्च में आते हैं और अपने दुख दूर करने के लिए प्रार्थना करते हैं। प्रभु यीशु गरीबों और दबे कुचले लोगों का उद्धार करने के लिए इस संसार में आए थे। इसी कारण लोग प्रभु यीशु मसीह के जीवन से प्रेरणा लेकर जाते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।