Move to Jagran APP

मुरादाबाद में अतिक्रमण से रामगंगा नदी की धारा बदली, नदी से 200 मीटर दूर फैक्टि्रयां 15 मीटर करीब पहुंचीं

Encroachment on Ramganga River of Moradabad गागन नदी के किनारों पर किए जा रहे अतिक्रमण की जांच के लिए जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई टीम ने दिल्ली रोड पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण करने के बाद टीम अब रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी और वह रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जानी है।

By Samanvay PandeyEdited By: Published: Thu, 26 May 2022 04:09 PM (IST)Updated: Thu, 26 May 2022 04:09 PM (IST)
मुरादाबाद में अतिक्रमण से रामगंगा नदी की धारा बदली, नदी से 200 मीटर दूर फैक्टि्रयां 15 मीटर करीब पहुंचीं
Encroachment on Ramganga River of Moradabad : सात विभागों के अधिकारियों ने देखा नदी किनारे पर किया गया निर्माण।

मुरादाबाद, जेएनएन। Encroachment on Ramganga River of Moradabad : गागन नदी के किनारों पर किए जा रहे अतिक्रमण की जांच के लिए जिलाधिकारी द्वारा बनाई गई टीम ने दिल्ली रोड पर जाकर निरीक्षण किया। निरीक्षण करने के बाद टीम अब रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी और वह रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जानी है। मुरादाबाद महानगर की उत्तर की सीमा को रामगंगा और दक्षिण की ओर गागन नदी बनाती है।

loksabha election banner

शहर के विस्तार के साथ दोनों नदियों के किनारों पर अतिक्रमण हुआ है। लाकड़ी फाजलपुर के नजदीक गांगन के किनारों पर निर्यात फर्म के साथ ही स्थानीय लोगों ने कब्जा किया है। इसकी शिकायत राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में की गई थी। एनजीटी ने इस पर जिलाधिकारी से जवाब मांगा गया था। जिलाधिकारी ने इसकी जांच के लिए राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम, एमडीए, खनन विभाग की टीम बनाई थी।

बुधवार को एमडीएम वित्त एवं राजस्व के निर्देशन में टीम ने नदी किनारे जाकर निरीक्षण किया। इस दौरान नक्शे से नदी की धारा और अतिक्रमण वाले क्षेत्र को देखा। हालांकि, तकनीकी रूप से अतिक्रमण की बात को स्वीकार नहीं कर रही है। पर यह मान रही कि नदी किनारों पर अतिक्रमण किया गया है। कहा जा रहा है कि रिपोर्ट एनजीटी को भेजी जाएगी। अधिकरण की आगे की कार्रवाई के लिए निर्देश देगी।

नदी की धारा और पुराने नक्शे में उलझी टीमः टीम जिस स्थान पर निरीक्षण कर रही है, वहां नक्शेे को लेकर पहुंची थी। वर्तमान में जिस स्थान पर नदी की धारा बह रही है, उससे मात्र 15 मीटर की दूरी पर फैक्ट्रियां बनाई गई हैं। वहीं, सिंचाई विभाग जो पुराना नक्शा दिखा रहा है, उसके अनुसार नदी पहले 200 मीटर से अधिक दूरी पर बहती थी। अब अधिकारी इसी बात को कह रहे हैं कि पुरानी वाली स्थिति के अनुसार अतिक्रमण नहीं हुआ है। लेकिन नक्शे में पहले जिस स्थान पर धारा थी, वहां भी निर्माण हो चुका है। ऐसे में नदी को बचानेे के लिए दोबारा से खोदाई नहीं की जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.