Railway ठेकेदार को Moradabad DRM के वेतन से होगा भुगतान, काम पूरा होने के बाद भी नहीं किया गया था भुगतान
Commercial Court Order रेलवे ठेकेदार का भुगतान नहीं करने पर वाणिज्यिक कोर्ट ने मुरादाबाद के डीआरएम के वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा काटकर कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है। रेलवे के अधिकारी खुद ही कोर्ट गए थे।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Commercial Court Order : रेलवे ठेकेदार का भुगतान नहीं करने पर वाणिज्यिक कोर्ट ने मुरादाबाद के डीआरएम के वेतन का 30 प्रतिशत हिस्सा काटकर कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने वेतन से कटौती तब तक जमा करने के लिए कहा है, जब तक ठेकेदार के भुगतान की धनराशि 30 लाख रुपये पूरी नहीं हो जाती।
रेलवे अधिकारी खुद गए थे कोर्ट
वाणिज्यिक न्यायालय में इस प्रकरण को लेकर रेलवे के अधिकारी स्वयं गए थे। कोर्ट ने उनके विरुद्ध निर्णय देते हुए डीआरएम का वेतन काटने का आदेश दे दिया। साल 2012 में मुरादाबाद की फर्म मैसर्स भारत कंस्ट्रक्शन को रेलवे की ओर से ट्रैक में पैच वर्क के साथ ही पंप हाउस बोरिंग निर्माण का टेंडर मिला था।
रेलवे ठेकेदार को मिला था 60 लाख का काम
अधिवक्ता पदम सिंह के मुताबिक इन दोनों काम के लिए रेलवे ने लगभग 60 लाख रुपये का फर्म को ठेका दिया था। काम होने के बाद 30 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था, जबकि लगभग 30 लाख रुपये की धनराशि के साथ ही जमानत राशि के रूप में जमा की गई एफडी को रोक लिया था।
रेलवे ने रोक दिया था 30 लाख का भुगतान
रेलवे के अधिकारियों ने शेष रकम को काम में देरी होने की बात को कहकर रोक लिया था। ठेकेदार ने भुगतान न होने पर आर्बिटेशन कमेटी में अपील की थी। जिसके बाद आर्बिटेशन कमेटी ने ठेकेदार के पक्ष में निर्णय सुनाते हुए भुगतान करने का आदेश दिया।
हर महीने 30 प्रतिशत कटेगा डीआरएम का वेतन
रेलवे के अधिकारी इस मामले को लेकर मुरादाबाद के वाणिज्यिक न्यायालय में परिवाद दाखिल कर दिया था। वाणिज्यिक कोर्ट ने सुनवाई के बाद इस मामले में आदेश जारी करते हुए मुरादाबाद डीआरएम के वेतन से 30 प्रतिशत वेतन काटकर कोर्ट में जमा करने के आदेश दिया। इसके साथ ही यह भी कहा कि रकम पूरी होने के बाद यह हिस्सा ठेकेदार को दिया जाएगा।
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