रेलवे बोर्ड ने बढ़ाई डीआरएम की 'पावर'
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद : ट्रेन संचालन व रेलवे में बिगड़ी व्यवस्था में सुधार करने के लिए रेलवे
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद :
ट्रेन संचालन व रेलवे में बिगड़ी व्यवस्था में सुधार करने के लिए रेलवे बोर्ड ने मंडल रेल प्रबंधक को महाप्रबंधक वाला अधिकार दे दिया है। डीआरएम अब एडीआरएम का कार्य क्षेत्र बदल सकते हैं और ब्रांच अफसर का तबादला भी कर सकते हैं।
नये रेल मंत्री व रेलवे बोर्ड चेयरमैन ने कार्य संभालने के बाद रेलवे में परिवर्तन का काम शुरू कर दिया है। नीचे के अधिकारियों को असीम अधिकार देने जा रहा है। यात्रियों व कर्मियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रमुख स्टेशनों पर स्टेशन निदेशक तैनात कर दिये हैं, जिन्हें हर तरह का अधिकार दिया गया है। मंडल स्तर पर व्यवस्था में सुधार करने के लिए प्रथम चरण में देश के 16 मंडलों में दो-दो एडीआरएम तैनात किये हैं। एक एडीआरएम प्रशासनिक व यात्री सुविधा देखेंगे। जबकि दूसरे एडीआरएम सुरक्षित ट्रेन संचालन व तकनीकी कार्य देखेंगे। बोर्ड ने डीआरएम को आर्थिक अधिकार भी दिया है, जिसमें डीआरएम चार करोड़ रुपये तक का काम बिना किसी की स्वीकृति के करा सकते हैं। डीआरएम के पास अधिकारियों पर सीधे कार्रवाई करने का अधिकार नहीं होने से अधिकारी निरंकुश हो गए हैं।
रेलवे बोर्ड से डिप्टी डायरेक्टर (ईएंडआर) सुनील प्रभात द्वारा तीन नवंबर को जारी पत्र डीआरएम आफिस में मंगलवार को मिल गया। जिसमें डीआरएम के अधिकार में वृद्धि की गई है। डीआरएम एडीआरएम के कार्य क्षेत्र का परिवर्तन कर सकता है। अभी तक यह अधिकार रेलवे बोर्ड को था। इसी के साथ मंडल में तैनात अलग-अलग विभागों का विभागाध्यक्ष (ब्रांच अधिकारी) का जोन के अंदर तबादला करने का अधिकारी महाप्रबंधक को होता था। यह अधिकार भी अब डीआरएम के पास है। डीआरएम किसी भी ब्रांच अधिकारी का तबादला कर सकता है। उदाहरण के लिए सीनियर डीसीएम को सीनियर डीएमओ के पद पर तैनात कर सकता है। इसके लिए डीआरएम को मुख्यालय से अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी। अधिकार बढ़ने के साथ जिम्मेदारी भी डीआरएम की बढ़ गई है। माना जा रहा है उक्त व्यवस्था के बाद रेलवे में काफी सुधार होगा। डीआरएम अजय कुमार सिंघल ने रेलवे बोर्ड से उक्त आदेश जारी होने की पुष्टि की है।
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