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    टीएमयू के सामने लगाया जाएगा डिवाइडर पर रेलिंग, एनएचएआइ ने हादसे रोकने की शुरू की पहल

    Updated: Wed, 12 Nov 2025 09:13 PM (IST)

    दिल्ली-मुरादाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर टीएमयू के सामने एनएचएआइ डिवाइडर पर रेलिंग लगाएगा। यह कदम दुर्घटनाओं को रोकने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए उठाया जा रहा है। परियोजना निदेशक सीपी सिंह ने बताया कि जल्द ही काम शुरू होगा, जिससे यात्रियों को सुरक्षित माहौल मिलेगा।

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    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। लखनऊ-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर बढ़ते हादसों को देखते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) अब सख्त कदम उठाने जा रहा है। तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय (टीएमयू) के सामने डिवाइडर पर मजबूत रेलिंग लगाई जाएगी ताकि छात्र-छात्राएं और राहगीर सीधे हाईवे पार न कर सकें।

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    इस क्षेत्र को एनएचएआई ने हाई-रिस्क जोन की श्रेणी में रखा है। साथ ही, फुट ओवरब्रिज (एफओबी) निर्माण की संभावना तलाशने और प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया भी शुरू की जा रही है। मंगलवार को एनएचएआइ के परियोजना निदेशक (पीडी) अरविंद कुमार के नेतृत्व में अभियंताओं की टीम ने पाकबड़ा से टीएमयू तक का निरीक्षण किया।

    टीम ने पैदल भ्रमण कर सड़क की स्थिति, ट्रैफिक प्रवाह और लोगों की आवाजाही का अध्ययन किया। जांच में पाया गया कि बड़ी संख्या में छात्र, मरीजों के परिजन और स्थानीय लोग बिना किसी पैदल पारपथ के डिवाइडर फांदकर सीधा हाईवे पार करते हैं। बताया जा रहा है कि यह प्रवृत्ति कई जानलेवा हादसों की वजह बन चुकी है।

    एनएचएआइ अब यहां डिवाइडर को पूरी तरह से रेलिंग से बंद करने जा रहा है। एनएचएआइ के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि टीएमयू के सामने डिवाइडर पर रेलिंग लगाई जाएगी ताकि कोई भी व्यक्ति सीधे हाईवे पार न कर सके। लोगों को अब अंडरपास से होकर ही सड़क के दूसरी ओर जाना होगा। इस कार्य को इसी महीने शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। रेलिंग लगने के बाद न केवल पैदल यात्रियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि तेज रफ्तार वाहनों के बीच अचानक रुकावटें भी कम होंगी।

    फुट ओवरब्रिज की तैयारी पर मंथन

    टीएमयू क्षेत्र में प्रतिदिन हजारों छात्र-छात्राएं, मरीज और कर्मचारी सड़क पार करते हैं। इस स्थिति को देखते हुए एनएचएआइ फुट ओवरब्रिज निर्माण की संभावना तलाश रहा है। हालांकि अभी औपचारिक प्रस्ताव भेजा नहीं गया है, लेकिन साइट निरीक्षण के बाद तकनीकी उपयुक्तता और स्थान चयन का काम शुरू किया गया है। वरिष्ठ अभियंता के अनुसार, यदि भू-तकनीकी रिपोर्ट अनुकूल मिली तो प्रस्ताव बनाकर दिल्ली मुख्यालय भेजा जाएगा।

    सिस्टम सुधार की दिशा में कदम

    एनएचएआइ का मानना है कि हादसों के लिए केवल लोगों की जल्दबाजी जिम्मेदार नहीं है, बल्कि सुरक्षित पार-पथ की कमी भी सिस्टम की बड़ी विफलता है। अब डिवाइडर पर रेलिंग और फुट ओवरब्रिज की दिशा में उठाया गया यह कदम सड़क सुरक्षा के सिस्टमेटिक अपग्रेड के रूप में देखा जा रहा है।

    तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के सामने रेलिंग लगाने और फुट ओवरब्रिज प्रस्ताव पर विचार की शुरुआत मुरादाबाद की सड़क सुरक्षा के लिए बड़ा कदम है। यदि यह योजना तय समय में साकार होती है, तो यह हाईवे का सबसे जोखिम भरा हिस्सा जल्द ही सुरक्षित जोन बन सकता है।