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Physiotherapy day : फिजियोथेरेपी से कराएं शरीर के जोड़ और नसों का इलाज, न दवा की जरूरत, न आपरेशन का झंझट

आराम तलब जीवनशैली से बढ़ रहा शरीर में दर्द। लगातार दर्द निवारक दवाओं के सेवन की वजह से मांसपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। फिजियोथेरेपी में इलाज के बेहतर विकल्प मौजूद हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 08 Sep 2020 01:05 PM (IST)Updated: Tue, 08 Sep 2020 01:05 PM (IST)
Physiotherapy day :  फिजियोथेरेपी से कराएं शरीर के जोड़ और नसों का इलाज, न दवा की जरूरत, न आपरेशन का झंझट
Physiotherapy day : फिजियोथेरेपी से कराएं शरीर के जोड़ और नसों का इलाज, न दवा की जरूरत, न आपरेशन का झंझट

मुरादाबाद, जेएनएन। जीवनशैली में बदलाव के साथ ही लोग शरीर के दर्द से परेशान हैं। मांसपेशी, जोड़, हड्डी या नसों में दर्द है तो आधुनिक मशीनों के साथ एक्सरसाइज आपकी तकलीफ दूर हो जाएगी। अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा लेना होगा। जरूरत से ज्यादा दर्द निवारक दवाइसों का सेवन करने से किडनी और शरीर के दूसरे अंगों पर इसका असर पड़ता है। मरीज तभी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं, जब दर्द असहनीय हो जाता है। फिजियोथेरेपी कमजोर पड़ते मसल्स और नसों को मजबूत करता है। यही वजह है कि अब इसकी जरूरत कॉडिर्यो रिलेटेड बीमारी से लेकर गर्भवती तक को महसूस हो रही है। फिजियोथेरेपिस्ट डॉ गौरव सिरोही ने बताया कि मांसपेशियों के अलावा नसों के दर्द को भी दूर करने के लिए लोग फिजियोथेरेपी का सहारा ले रहे हैं।

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ये दिक्कतें होंगी दूर

फ्रोजन शोल्डर, कमर व पीठ दर्द, मांसपेशियों में खिंचाव से घुटनों में दर्द, खराब पाइस्चर की वजह से दिक्कत, शरीर की नसों को मजबूत करने के साथ ही गर्भवती महिलाओं की सर्जरी के बाद उन्हें एक्सरसाइज के जरिये आराम मिलेगा।

ये बोले फिजियोथेरेपिस्ट

हड्डी, नसें और शरीर के जोड़ के दर्द दूर करने के लिए फिजियोथेरेपी सबसे बेहतर इलाज है। इसमें दर्द निवारक दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती। समय के साथ मशीनों के जरिये लोगों का दर्द दूर किया जा रहा है।

प्रकाश चंद्र गुप्ता, फिजियोथेरेपिस्ट

मांसपेशियों की मजबूती जरूरी है। री-पैटर्निग ऑफ मसल्स यानी किसी खास हिस्से में मांसपेशियों के पैटर्न को व्यायाम के जरिये ठीक करना। हमारी पीठ व कूल्हे के निचले हिस्से में करीब दो दर्जन से ज्यादा मांसपेशियां होती हैं, जिनका ठीक रहना जरूरी है।

साक्षी बहल, फिजियोथेरेपिस्ट

खेलकूद की चोटें, ऑर्गन डिसऑर्डर, ऑपरेशन से जुड़ी समस्याएं, न्यूरोलॉजिकल बीमारी, मांसपेशियों का खिंचाव व कमजोरी, नसों का दर्द, उनकी ताकत कम होती है तो उसे दूर करने के लिए फिजियोथेरेपी से बेहतर विकल्प नहीं है।

नितिन मलिक, फिजियोथेरेपिस्ट

चक्कर आना, कंपन, झनझनाहट, सुन्नपन और लकवा, बढ़ती उम्र संबंधी बीमारियों की वजह से चलने-फिरने में दिक्कत, बैलेंस बिगड़ना, तनाव और अनिद्रा की शिकायत को एक्सरसाइज से दूर किया जा सकता है।

सत्यदीप गुप्ता, फिजियोथेरेपिस्ट


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