फिरासत हुसैन गामा बोले, अब सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा... अखिलेश को NSG सुरक्षा देने की मांग वाली याचिका खारिज
समाजवादी पार्टी के फिरासत हुसैन गामा द्वारा अखिलेश यादव के लिए एनएसजी सुरक्षा की मांग वाली याचिका को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि अखिलेश यादव द्वारा स्वयं याचिका दायर न करने के कारण इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। याचिकाकर्ता अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। उन्होंने भाजपा सरकार पर राजनीतिक द्वेष के कारण सुरक्षा हटाने का आरोप लगाया।

अखिलेश यादव की फाइल फोटो का प्रयोग किया गया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव फिरासत हुसैन गामा द्वारा पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के लिए एनएसजी युक्त सुरक्षा दिलाने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने उनकी याचिका खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि जिस व्यक्ति के लिए सुरक्षा की मांग की जा रही है, वह स्वयं अदालत में उपस्थित नहीं है, इसलिए यह जनहित याचिका स्वीकार्य नहीं है।
याचिकाकर्ता फिरासत हुसैन गामा बोले, अब सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा
यह फैसला इलाहाबाद की लखनऊ पीठ के न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति राजीव भारती की खंडपीठ ने 17 अक्टूबर को सुनाया। कोर्ट ने साफ कहा कि जब स्वयं संबंधित व्यक्ति (अखिलेश यादव) ने सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका नहीं लगाई, तो किसी तीसरे व्यक्ति द्वारा इस प्रकार की सार्वजनिक हित याचिका दायर नहीं की जा सकती। फैसले के बाद याचिकाकर्ता ने कहा कि वह इस फैसले से असंतुष्ट हैं और अब सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे।
फिरासत ने बताया कि उन्होंने 18 अप्रैल 2025 को केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखित पत्र देकर अखिलेश यादव को एनएसजी युक्त सुरक्षा देने की मांग की थी। कारण साफ था कि करणी सेना के एक कार्यकर्ता ने अखिलेश यादव को गोली मारने की धमकी दी थी, जो इंटरनेट मीडिया पर वायरल भी हुई। इसके बावजूद भाजपा सरकार ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
अखिलेश यादव प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री, कन्नौज से सांसद और राष्ट्रीय नेता हैं। इसलिए उनकी सुरक्षा राज्य नहीं बल्कि केंद्र की जिम्मेदारी है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने वर्ष 2019 में एनएसजी युक्त सुरक्षा बिना कारण हटाई, जो राजनीतिक हीन भावना का परिणाम है।
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