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    यूपी में कक्षा 9 से 12 तक के बच्चों की लगेगी ऑनलाइन हाजिरी, UP Board के इन स्कूलों पर नियम लागू करने की तैयारी

    उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सभी राजकीय, एडेड और वित्तविहीन विद्यालयों में 1 जुलाई से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मियों की ऑनलाइन हाजिरी शुरू होगी। इसका उद्देश्य विद्यालयों में पठन-पाठन के स्तर में सुधार करना और फर्जी छात्रवृत्ति वितरण पर रोक लगाना है। यह व्यवस्था कक्षा 9 से 12 तक के सभी विद्यार्थियों के लिए अनिवार्य की गई है, ताकि उनकी नियमित उपस्थिति सुनिश्चित हो सके।

    By Abhishek Pandey Edited By: Abhishek Pandey Updated: Tue, 24 Jun 2025 08:34 PM (IST)
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    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। माध्यमिक शिक्षा से संबंधित स्कूलों में आनलाइन हाजिरी शुरू होगी। यूपी बोर्ड के सभी राजकीय, एडेड व वित्तविहीन विद्यालयों में छात्र-छात्राओं की एक जुलाई से आनलाइन हाजिरी शुरू करने की तैयारी है। शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मियों को भी इससे जोड़ा जाएगा।

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    शुरुआत में केवल उपस्थिति व अनुपस्थिति दर्ज होगी, बाद में चेहरा पहचान प्रणाली व जियो टैगिंग के माध्यम से उपस्थित दर्ज की जाएगी। इससे विद्यालयों में पठन-पाठन में सुधार होगा, फर्जी छात्रवृत्ति वितरण पर भी रोक लगेगी।जनपद में 464 विद्यालय हैं। जिनमें 25 जीआइसी और 25 जीजीआइसी शामिल हैं। इनमें हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की ही 80 हजार से अधिक सीटें हैं। इतनी ही संख्या कक्षा नौ व 11वीं में है।

    सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति बहुत कम रहती है, वे केवल परीक्षा के समय पर ही नियमित रूप से आते हैं। एक अनुमान के मुताबिक एक छात्र की शैक्षिक सत्र में उपस्थिति 50 प्रतिशत से भी कम रहती है। इससे पठन-पाठन के स्तर पर खराब असर पड़ रहा है।

    जबकि, केंद्र व प्रदेश सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप विद्यार्थियों को शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है। ऐसे में सभी माध्यमिक विद्यालयों में आनलाइन हाजिरी अनिवार्य करने की योजना बनाई जा रही है। पूर्व में इसका दायरा केवल 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों तक था, मगर अब कक्षा नौ व 11 को भी इसमें सम्मिलित कर लिया है। राजकीय एवं एडेड विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति पहले से ही बायोमीट्रिक प्रणाली से दर्ज हो रही है, जो अब एप पर भी दर्ज होगी।

    छात्र-छात्राओं को निरंतर स्कूल आने के लिए यह व्यवस्था लागू की जा रही हैं। इससे विद्यालयों में पठन-पाठन में सुधार होगा। देवेंद्र कुमार पांडे, जिला विद्यालय निरीक्षक