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    Lok Sabha Election 2024: पहले चरण के मतदान में अब एक महीना भी नहीं शेष, हर जुबान पर चुनावी चर्चा; सियासी गणित में उलझे लोग

    Updated: Sat, 23 Mar 2024 02:41 PM (IST)

    प्रत्याशी किसी भी पार्टी से हों लेकिन वोटरों को खुद यह तय करना है कि वे ऐसी सरकार चुनें जिसका उद्देश्य धर्म और जाति को दूर रखते हुए विकास शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करना प्राथमिकता हो। पहले तो हर इंसान और सभी सरकार और संभावित लड़ाकों के एजेंडों को समझने का प्रयास कर रहा है। अब जिसका एजेंडा समझ आएगा उसी के साथ हो चलेंगे।

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    लोकसभा चुनाव का बिगुल बजते ही हर जुबान पर चुनावी चर्चा

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में एक महीना भी शेष नहीं रह गया है। यही कारण है कि जहां चार से अधिक लोग इकट्ठा हो रहे है, चुनावी चर्चाएं शुरू हो जाती हैं। एक दूजे का हाल पूछते या चाय की चुस्की लगाते हुए हर किसी की जुबान पर चर्चा है तो सिर्फ यह कि हमारा सांसद कौन होगा।

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    रात 9 बजकर 23 मिनट पर जिला अस्पताल के प्रवेश द्वार पर चुनावी चर्चाएं जोर पकड़े हुए थीं।  चर्चा का विषय था केंद्र में सरकार कौन सी आएगी। चलो केंद्र में सरकार जो भी आएगी अपने यहां किसकी झोली में सांसदी का टिकट गिरेगा। लोग इसे लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे थे।

    विकास, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करना हो प्राथमिकता

    राजकुमार यादव बोले कि प्रत्याशी किसी भी पार्टी से हों, लेकिन वोटरों को खुद यह तय करना है कि वे ऐसी सरकार चुनें जिसका उद्देश्य धर्म और जाति को दूर रखते हुए विकास, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा दुरुस्त करना प्राथमिकता हो।

    उनकी बात यह बात खत्म होती कि राजदीप गौतम ने कहा कि पहले तो हर इंसान और सभी सरकार और संभावित लड़ाकों के एजेंडों को समझने का प्रयास कर रहा है। अब जिसका एजेंडा समझ आएगा उसी के साथ हो चलेंगे।

    साजिद हुसैन ने बात को बल देते हुए कहा कि सरकार अब जो वो आए देखो। गरीबों की ओर किसी की निगाहें जाती हुई नहीं दिखतीं। ऐसा प्रत्याशी हो जो अपनी जनता के बीच में आए उनके दर्द को समझकर हल करने में जुटे।

    आदित्य यादव व तिलक बोले कि अब एक दो दिन की बात है भाजपा और गठबंधन से कौन रणभूमि में उतरता, सभी के सामने होगा। उसी से मुरादाबाद की चुनावी हवा का रुख तय हो जाएगा।

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