मुख्यमंत्री आवास योजना बनी खुशियों की छत, यूपी के इस जिले में 411 लोगों को मिली पक्के घर की सौगात
मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वर्ष 2024-25 में मुरादाबाद जिले के 411 परिवारों के चेहरों पर खुशियों की रोशनी है। लंबे समय से कच्चे घरों में रहने वाले इन ग्रामीणों को अब पक्के घर की सौगात मिली है। शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत जिले में 445 आवासों का लक्ष्य तय किया गया। मुरादाबाद में 411 परिवारों को पक्के घर की सौगात मिली है, जबकि 34 पर काम जारी है। मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्की छत मिलने पर ग्रामीणों की जिंदगी बदली है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) वर्ष 2024-25 में मुरादाबाद जिले के 411 परिवारों के चेहरों पर खुशियों की रोशनी है। लंबे समय से कच्चे घरों में रहने वाले इन ग्रामीणों को अब पक्के घर की सौगात मिली है। शासन की महत्वाकांक्षी योजना के तहत जिले में 445 आवासों का लक्ष्य तय किया गया। मुरादाबाद में 411 परिवारों को पक्के घर की सौगात मिली है, जबकि 34 पर काम जारी है। मुख्यमंत्री आवास योजना के माध्यम से पक्की छत मिलने पर ग्रामीणों की जिंदगी बदली है।
ग्रामीण विकास विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलारी ब्लॉक ने अपने सभी 18 आवास 100 प्रतिशत पूरा कर जिले में मिसाल पेश की है। वहीं मूंढापांडे ब्लाक में 36 में से 35, भगतपुर टांडा में 33 में से 32 और छजलैट में 85 में से 82 आवास पूरे हो चुके हैं। ठाकुरद्वारा ब्लॉक में सबसे ज्यादा 144 आवासों का लक्ष्य रखा गया था, जिनमें से 131 पूर्ण हो चुके हैं। इसी तरह डिलारी में 43 में से 39, डींगरपुर में 69 में से 58 और मुरादाबाद ब्लाक में 17 में से 16 मकान बनकर तैयार हैं। ग्रामीणों ने बताया कि अब उन्हें बारिश और सर्दी की चिंता नहीं रहती। पक्का मकान बनने से सुरक्षा और गरिमा दोनों मिली हैं।
लाभार्थियों का कहना है कि अब वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं और बच्चों की पढ़ाई भी सुचारु रूप से हो पा रही है। परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण निर्मल कुमार द्विवेदी ने बताया कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण गरीबों के जीवन में स्थायी परिवर्तन ला रही है। जिन 34 आवासों का निर्माण कार्य प्रगति पर है, उन्हें नवंबर तक पूरा करा दिया जाएगा। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में हर जरूरतमंद को सुरक्षित छत उपलब्ध कराना है। मुरादाबाद में इस योजना पर गंभीरता से काम किया है। यह उपलब्धि न केवल विभागीय टीम की मेहनत का परिणाम है बल्कि ग्रामीण विकास की मजबूत होती तस्वीर भी है।
किस्तों में मिलती है धनराशि
पात्र परिवार को 1.30 लाख से 1.50 लाख तक की राशि दी जाती है (जिला श्रेणी और भौगोलिक स्थिति के अनुसार)।
यह राशि तीन या चार किश्तों में सीधे बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है।
लाभार्थी को शौचालय निर्माण और मजदूरी कार्य (मनरेगा) से भी अतिरिक्त सहायता मिल सकती है।
आवेदन की प्रक्रिया
1. ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वेक्षण:
ग्राम पंचायत सचिव या ग्राम विकास अधिकारी पात्र परिवारों की सूची तैयार करते हैं।
2. सूची का अनुमोदन:
सूची को ग्राम सभा में पढ़कर अनुमोदित किया जाता है ताकि पारदर्शिता बनी रहे।
3. ऑनलाइन एंट्री:
अनुमोदित नामों को राज्य सरकार के पोर्टल (https://ruralhousing.upsdc.gov.in/) पर अपलोड किया जाता है।
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