मुरादाबाद का डबल फाटक पुल बना खतरा, रात में भारी वाहनों से थरथराता ढांचा
रात के अंधेरे में गुजरते ट्रक से डबल फाटक पुल थर्राता है, और रेलवे हिस्से के स्पान खिसक चुके हैं। दो साल से अधर में पड़ी मरम्मत के कारण पुल अस्थिर हो गया है, जिससे भारी वाहनों के चालकों और स्थानीय लोगों के लिए बड़ा खतरा बना है। जिम्मेदार विभागों की लापरवाही से जोखिम बढ़ रहा है।
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जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। रात के सन्नाटे में जब ट्रक डबल फाटक पुल पर चढ़ता है, तो पूरा पुल कांप उठता है। नीचे से गुजरती मालगाड़ी की घरघराहट और ऊपर से ट्रक की गड़गड़ाहट मिलकर ऐसा कंपन पैदा करती है मानो पुल खुद दर्द में कराह रहा हो। पुराना कंक्रीट के इस पुल का रेलवे का हिस्सा इतना कमजोर हो गया है कि थर्राने लगा है।
रेलवे के हिस्से के स्पान खिसक चुके हैं, जोड़ ढीले हो गए हैं। पास ही खड़ा ई-रिक्शा चालक असलम कहते हैं कि हर रात लगता है अब गिरेगा... लेकिन सुबह फिर वही खेल शुरू हो जाता है। लोक निर्माण विभाग ने दो साल पहले ही इस पुल को कमजोर बता दिया था लेकिन, दो साल से मरम्मत की फाइल थम गईं हैं और जिम्मेदार विभाग अंधेरे में खामोश बैठे हैं।
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रविवार को जागरण टीम जब मुरादाबाद शहर के डबल फाटक पुल पर पहुंची तो ऊपर से गुजरती वाहनों की आवाज और नीचे से गुजरती रेलगाड़ियों की गड़गड़ाहट ने खतरे की पूरी तस्वीर साफ कर दी। दोपहर दो बजे के करीब पुल पर कुछ मिनट रुकने भर से स्पष्ट हो गया कि यहां जाम और जोखिम रोज की कहानी है। पुल के दोनों छोर पर बिना किसी स्थायी रोक-थाम के वाहन लाइन में खड़े रहते हैं।
हल्की कंपन से पुल की प्लेटों में कंपन महसूस की जा सकती है। स्थानीय दुकानदारों के मुताबिक, सुबह और शाम के पीक आवर में पुल पर रोजाना 5-7 घंटे तक रेंगता ट्रैफिक चलता है।दिन के उजाले में पुल पर आटो, ई-रिक्शा और दोपहिया वाहन मुश्किल से निकल पा रहे थे, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि असली खतरा तो रात में शुरू होता है, जब नो एंट्री खुलते ही भारी वाहन इस पुल से चोरी-छिपे गुजरते हैं।
यह वही पुल है जो दस सराय पुलिस चौकी से लेकर गागन तिराहा तक के क्षेत्र को दिल्ली रोड और कचहरी मार्ग से जोड़ता है। संभल और चंदौसी की मार्ग से आने वाले लोग भी इसी के रास्ते शहर में प्रवेश करते हैं।इसलिए इस पुल को शहर की जीवन रेखा कहा जाता है। रेलवे लाइन से ऊपर के हिस्से को छोड़कर बाकी पुल लोक निर्माण विभाग के अधीन है।
लोक निर्माण विभाग ने 2023 में ही अपने हिस्से की पुल की मरम्मत करा दी थी। रेलवे वाले हिस्से के दो स्पान खिसक चुके हैं, जिससे पुल की स्थिरता पर सीधा असर पड़ा है। तकनीकी जांच में यह हिस्सा दो साल पहले ही कमजोर और अस्थिर पाया गया था, लेकिन मरम्मत का कार्य अब तक नहीं कराया गया।
2023 में अधर में रह गई मरम्मत योजना
डबल फाटक पुल को लेकर लोक निर्माण विभाग ने वर्ष 2023 में अपने हिस्से के हिस्से की बियरिंग बदलने का कार्य पूरा कर लिया था। रिपोर्ट रेलवे को भी भेजी गई थी कि उसके हिस्से के स्पान खिसक गए हैं और तुरंत मरम्मत जरूरी है। पर रेलवे ने अभी तक वह कार्य नहीं कराया। अब स्थिति यह है कि पुल के दो स्पान खिसक गए हैं।
नीचे की तरफ से पुल कमजोर होता जा रहा है। जागरण टीम जब पुल के नीचे रेलवे लाइन के पास पहुंची तो पाया कि नीचे से कुछ लोग रोजाना पैदल निकलते हैं। आसपास के क्षेत्र में झुग्गियां भी बनी हैं। रेलगाड़ियां जब गुजरती हैं, तो पूरा पुल हिलता है। यह कंपन पुल की नींव को लगातार कमजोर कर रही है। इसके खतरे को देखते हुए रेलवे ने अब कुछ सक्रियता दिखाई है।
पुल का पीडब्ल्यूडी हिस्सा ठीक है, लेकिन रेलवे वाले हिस्से में तकनीकी समस्या है। स्पान खिसकने की जानकारी हमने रेलवे प्रशासन को दी थी। अब मरम्मत का प्रस्ताव तैयार हो रहा है। साथ ही, ट्रैफिक पुलिस को रात में निगरानी बढ़ाने और सीसीटीवी कैमरे सक्रिय करने के लिए कहा जा रहा है ताकि पुल से भारी वाहनों की आवाजाही रोकी जा सके।
- अधीक्षण अभियंता एसपी सिंह लोक निर्माण विभाग, मुरादाबाद

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