रेडियम रिफ्लेक्टर की अनदेखी करने पर लगेगा जुर्माना, सजा का भी प्रविधान
सड़क सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार ने रेडियम रिफ्लेक्टर का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना और सजा का प्रावधान है। रेडियम रिफ्लेक्टर रात में दृश्यता बढ़ाते हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है। सड़क सुरक्षा के लिए इनका उपयोग महत्वपूर्ण है।
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प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, संभल। परिवहन विभाग ने वाहन पर रेडियम रिफ्लेक्टर पर ध्यान दिया जा रहा है। परन्तु कुछ वाहन चालक इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं देते हैं और सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही वाहन पर रिफ्लेक्टर को लगवा लेते थे। मगर, अब वाहन पर उसके आकार व भार क्षमता के हिसाब से रेडियम रिफ्लेक्टर लगवाना होगा। सर्दी के मौसम में कोहरे के साथ कई बार धुंध छाई हुई दिखाई देती है। ऐसे में रात के समय में सड़क पर वाहन चलाना काफी कठिन हो जाता है।
इस कारण रात के समय में चालक को वाहन चलाते समय ज्यादा ध्यान देना पड़ता है। वही परिवहन विभाग की ओर से भी इस दौरान रेडियम रिफ्लेक्टर पर ज्यादा जोर दिया जाता है। तय किया गया है कि यदि वाहन की माल वाहक क्षमता 3.5 टन से लेकर 7.5 टन तक की है तो उस वाहन की पूरी बाडी के बीच में रेडियम रिफ्लेक्टर लगवाना होगा। जिसमें आगे की ओर सफेद पीछे लाल पट्टी होनी होगी। जिसकी चौड़काई कम से कम 20 एमएम हो।
यहां इस वाहन को विभाग की ओर से एन-1 व एन-2 श्रेणी में रखा गया है। माल वाहक क्षमता 7.5 टन या उससे उपर की भार क्षमता होने पर पूरी बाडी की चौड़ाई को पूरा क्रास करते हुए एक सफेद रिफ्लेक्टर पट्टी तथा सामने वाली पट्टी की चौड़ाई कम से कम 50 एमएम हो। यहां पर इन वाहन को एन-3 व एन-2 वर्ग में रखा गया है। यहां ट्रेलर या सेमी ट्रेलर अथवा उससे अधिक वजन वाले वाहनों के लिए रेडियम रेखीय चिंहाकन लगाना होगा।
यात्री वाहन की बाडी की चौड़ाई को क्रास करते हुए सामने की ओर सफेद व पीछे की ओर लाल रेडियम रिफ्लेक्टर पट्टी होना जरूरी है। जबकि उसकी बाडी के दोनों ओर लंबाई को क्रास करते हुए पीली रेडियम रिफ्लेक्टर पट्टी को लगवाना होगा। यहां पर पट्टी की चौड़ाई कम से कम 50 एम एम हो। कृषि कार्य में उपयोग होने वाले ट्रैक्टर पर पीछे दोनों ओर सात वर्ग सेंटीमीटर वाले दो त्रिकोण लाल परावर्तन (रिफ्लेक्टर) लगा होना चाहिए।
खास बात यह है कि यदि वाहन पर रेडियम रिफ्लेक्टर की अनदेखी की गई तो उस वाहन के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जिसमें रेडियम रिफ्लेक्टर न होने की स्थिति में मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 190 (2) के तहत कार्रवाई का प्रावधान है। इसमें पहली बार दस हजार का जुर्माना, तीन महीने की कैद अथवा दोनों हो सकते हैं। इतना ही नहीं चालक का तीन माह के लिए लाइसेंस भी निलंबित किया जाएगा। जबकि दूसरी बार में दस हजार का जुर्माना या छह माह की कैद अथवा दोनों हो सकते हैं। इतना ही नहीं वाहन की फिटनेस भी नहीं हो सकेगी।
वाहन पर वैसे तो रिफ्लेक्टर शुरू से ही अनिवार्य है। मगर अब गंभीरता के साथ उसकी जांच की जा रही है। जिसमें अनदेखी करने वाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। क्योंकि सर्दी के मौसम में रेडियम रिफ्लेक्टर के कारण रात में होने वाले हादसों के ग्राफ को कम किया जा सकता है। अब विभाग मुख्यालय की ओर से इस का पालन कराने पर जोर दिया जा रहा है।
- अमिताभ चतुर्वेदी, एआरटीओ, संभल

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