चेन्नई और दिल्ली की तरह मुरादाबाद में भी हो सकता है जल संकट, डरा रहे भूगर्भ जल विभाग के आंकड़े
Moradabad Water Crisis जल की जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। भीषण गर्मी में देश के कई हिस्सों में जल संकट गहराने लगा है।चेन्नई के लोग पानी के लिए कतारों में खड़े हैं। मुरादाबाद में जलसंकट पैदा हो सकता है।

मुरादाबाद, जेएनएन। Moradabad Water Crisis : जल की जीवन है। जल के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। भीषण गर्मी में देश के कई हिस्सों में जल संकट गहराने लगा है। हर साल पानी की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है। चेन्नई के लोग पानी के लिए कतारों में खड़े हैं। हम सोचते हैंं कि बरसात आते ही जल की समस्या दूर हो जाएगी। लेकिन, ऐसा नहीं है। जल संकट पर हम सबको भी चिंता करने की जरूरत है। वरना चेन्नई की तरह मुरादाबाद में भी जल संकट पैदा हो जाएगा। इसी साल अप्रैल माह में आई मुरादाबाद के भूगर्भ जल की रिपोर्ट चौंकाने वाली है। यहां 100 लीटर बरसात पानी यदि भूगर्भ में जाता है तो खर्च 278 लीटर का है। शहर में रहने वाले लोग वाटर रिचार्ज होने से डेढ़ गुना अधिक पानी खर्च कर रहे हैं।
भूगर्भ विभाग की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक मुगलपुरा में सबसे अधिक पानी का संकट है। इस क्षेत्र में 15 मीटर नीचे पानी मिलने लगता है। एकता विहार के लोगों से सबक लेने की जरूरत है। यहां सिर्फ तीन मीटर पर ही पानी मिल रहा है। यहां के लोग पानी की बचत पर भी ध्यान दे रहे हैं। मुरादाबाद शहर को पानी की बर्बादी करने के मामले में अति दोहित श्रेणी में रखा गया है। शहर के हर नागरिकों को पानी की बचत करने के लिए सोचने की जरूरत है। पानी बचाने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई गई तो परिणाम भयानक होंगे।
शहर के प्रमुख स्थान मानसून से पहले (मीटर) मानसून के बाद (मीटर)
पारकर इंटर कालेज 10.95 1105
राजकीय इंटर कालेज, मुगलपुरा 15.37 1509
रेलवे स्टेशन हरथला 11.30 11.40
कमिश्नर कार्यालय 14.48 14.48
चीफ इंजीनियर, पूर्वी गंगा 11.02 11.15
सेल टैक्स कार्यालय 5.55 5.32
आरटीओ कार्यालय 5.14 4.88
जेएच स्कूल, शाहपुर 5.88 6.02
प्राइमरी स्कूल, कल्याणपुरी 4.09 4.45
प्राइमरी स्कूल, भटावली 13.65 12.80
जिला पंचायत कालोनी 11.36 11.53
एमसीएच पीतल नगरी 6.28 6.35
अपर निदेशक स्वास्थ्य 11.60 1165
एएनएम ट्रेनिंग सेंटर, सिविल लाइन 11.70 11.88
महाराजा हरिश्चंद डिग्री कालेज, लाजपतनगर 11.50 11.60
राजकीय पालिटेक्निक कालेज, कांठ रोड 6.08 6.15
डा. बीआर आंबेडकर हास्टल 12.89 12.15
एकता विहार 3.65 3.66
मैनाठेर में पानी और भी नीचे, बिलारी डार्क जोनः जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। जिले के आठों ब्लाकों का बुरा हाल है। मैनाठेर क्षेत्र में सबसे अधिक जल की बर्बादी हो रही है। यहां मानसून से पहले 16.02 मीटर पर जल मिल जाता था। मानसून के बाद 16.05 मीटर पर पानी मिल रहा है। मुरादाबाद विकास खंड अति दोहित जल की श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा कुंदरकी, भगतपुर टांडा, मूंढापांडे, छजलैट ब्लाक सेनी क्रिटिकल श्रेणी में हैं। ठाकुरद्वारा ब्लाक में पानी की कोई नहीं है। उसे सेफ जोन में रखा गया है। बरसात के दौरान जितना पानी रिचार्ज होता है, उसका 91 प्रतिशत पानी खर्च हो जाए तो ब्लाक को डार्क जोन से बाहर रखा जाता है। लेकिन, अपने यहां तो ठाकुरद्वारा को छोड़कर सभी ब्लाकों में 91 प्रतिशत से अधिक पानी खर्च हो रहा है।
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