Sambhal Violence: विदेशी कारतूस, दुबई में साजिश, हिंसा के 11 मुकदमों में 234 के खिलाफ दाखिल हो चुकी चार्जशीट
मुरादाबाद में नवंबर 2024 की हिंसा में विदेशी हथियारों का इस्तेमाल साजिश की ओर इशारा करता है। जामा मस्जिद के आसपास हुई जांच में नौ एमएम के कारतूस मिले जिनमें से कुछ पाकिस्तान और अमेरिका में बने थे। एक कारतूस पर यूएसए मेड लिखा था जो देश में प्रतिबंधित है। हिंसा की साजिश में दुबई में बैठे शारिक साठा का नाम भी सामने आया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। नवंबर, 2024 की हिंसा में विदेशी हथियारों के इस्तेमाल ने साजिश का रूप दे दिया। तीन दिसंबर 2024 को पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम ने जामा मस्जिद के आसपास नालियों और झाड़ियों में जांच शुरू की थी। नालियों की गंदगी छानने पर उसमें कुल छह खोखे मिले थे। इनमें से तीन देशी (.32 बोर) के थे। वहीं, इतने ही नौ एमएम विदेशी कारतूस के थे। इनमें से एक पाकिस्तान ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (पीओएफ) का कारतूस और दूसरा अमेरिका में बना था।
इसके अलावा एनएफ स्टार लिखे तीसरे कारतूस को फोरेंसिक टीम ने जांच के लिए भेजा था। सभी कारतूसों को बैलेस्टिक जांच के लिए भेजा गया था। वहीं, पांच दिसंबर को एक बार फिर जांच के दौरान जामा मस्जिद के पास ही कब्रिस्तान से तीन खोखों के साथ ही एक मिसफायर कारतूस (चलाने के बाद फायर न होना) मिला। खास बात कि इसमें से दो खोखे 7.65 एमएम के और एक 12 बोर का था। वहीं, 7.65 बोर वाले कारतूस पर भी यूएसए मेड लिखा था। यह कारतूस देश में प्रतिबंधित है।
जांच में यह भी पता चला कि हिंसा की साजिश रचने वालों में दुबई में बैठा शारिक साठा अहम किरदार था। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में शारिक साठा को भी नामजद किया है। साठा 2016 से फरार है और दुबई में छिपा है।
हिंसा मे दर्ज 12 मुकदमों में 11 में 234 आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। इस मामले में पुलिस की ओर से दर्ज कराए गए बलवा के छह मुकदमों में बीती 20 फरवरी, इसके बाद हिंसा में मारे गए दो युवकों के स्वजन की ओर से दर्ज मुकदमों में 17 अप्रैल और अन्य दो मृतकों के स्वजन की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमों में 21 अप्रैल को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किए गए। आखिर में 18 जून को जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली व सांसद समेत 23 लोगों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। यह मुकदमा भी पुलिस की ओर से दर्ज कराया गया था।
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