UP के इस शहर को मिलेगी नई पहचान, PPP मॉडल पर 12 हजार वर्गमीटर में बनेगा बड़ा उद्योग केंद्र
मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) दिल्ली रोड पर नया मुरादाबाद (सेक्टर-4) में खंडहर सोर्सिंग हब और गोदाम परिसर को पीपीपी मॉडल पर पुनर्जनन की योजना बना रहा है। इसके लिए जल्द ही रुचि-पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए जाएंगे, ताकि उद्योग संगठनों, उद्यमियों, निर्यातकों, निवेशकों और विकासकर्ताओं से प्रस्ताव प्राप्त हो सकें।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। एमडीए अब शहर की औद्योगिक छवि को नई दिशा देने जा रहा है। दिल्ली रोड पर नया मुरादाबाद (सेक्टर-4) में स्थित खंडहर बने सोर्सिंग हब और गोदाम परिसर को अब सार्वजनिक-निजी सहभागिता (पीपीपी) मॉडल पर दोबारा जीवंत करने की योजना तैयार हो गई है। एमडीए जल्द ही इसके लिए रुचि-पत्र (ईओआई) आमंत्रित करेगा, ताकि उद्योग संगठनों, उद्यमियों, निर्यातकों, निवेशकों और विकासकर्ताओं से नए प्रस्ताव लिए जा सकें।
करीब 12 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में बना यह केंद्र मूल रूप से मुरादाबाद के पीतल उद्योग और हस्तशिल्प व्यापार के लिए तैयार किया गया था, लेकिन कुछ वर्षों से यह अपनी वास्तविक क्षमता के अनुरूप उपयोग में नहीं आ पा रहा था। अब एमडीए इसे मुरादाबाद की नई परिकल्पना मुरादाबाद की आवाज के रूप में पुनर्जीवित करना चाहता है, ताकि यह स्थान उद्योग, नवाचार और युवा ऊर्जा का संगम बन सके।
क्या है योजना?
एमडीए की योजना इस परिसर को बहुउद्देशीय औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित करने की है। सोर्सिंग हब में हस्तशिल्प और पीतल उत्पादों का साझा प्रदर्शन एवं विपणन केंद्र, भंडारण और परिवहन केंद्र (वेयरहाउस), डिजाइन, प्रदर्शन और बिक्री क्षेत्र, नवाचार और स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र, काफी कक्ष और सहभागिता मंच बनेगा, जहां उद्योग जगत और प्रशासन मिलकर योजना पर विमर्श कर सकें।
संपत्ति अधिकारी पूरन कुमार ने बताया कि सोर्सिंग हब को फिर से जीवंत करने जा रहे हैं। इसे केवल गोदाम नहीं, बल्कि मुरादाबाद के औद्योगिक भविष्य का केंद्र बनाया जाएगा। सार्वजनिक-निजी सहभागिता से यह परियोजना आत्मनिर्भर और दीर्घकालिक रूप से उपयोगी बनेगी। इच्छुक पक्ष जल्द ही अपने प्रस्ताव एमडीए कार्यालय में प्रस्तुत कर सकेंगे।
हस्तशिल्प कारीगरों के नेता नोमान मंसूरी का कहना है कि सोर्सिंग हब को सक्रिय करना मुरादाबाद के व्यापार के लिए ऐतिहासिक कदम होगा। यदि यह योजना पारदर्शिता और दीर्घकालिक सोच के साथ लागू होती है तो इससे पूरे उद्योग को नई दिशा मिलेगी। एमडीए उपाध्यक्ष अनुभव सिंह ने बताया कि ईओआई की प्रक्रिया पूरी होने के बाद जनवरी 2026 तक यह हब किसी निजी भागीदार को सौंपा जा सकता है। इस समय एमडीए निवेश ढांचे, उपयोग योजना और संचालन नीति को अंतिम रूप दे रहा है।
काफी पर बुलाकर लेंगे उद्यमियों के सुझाव
एमडीए ने उद्योग जगत से जुड़ने के लिए एक विशेष पहल भी शुरू की है। काफी पर विचार जिसके अंतर्गत उद्यमियों, निर्यातकों और निवेशकों को आमंत्रित किया जाएगा ताकि वे अपने सुझाव सीधे अधिकारियों के साथ साझा कर सकें और हब के उपयोग को लेकर ठोस दिशा तय की जा सके। सेक्टर-4 में बना यह केंद्र मुरादाबाद-दिल्ली मार्ग और बरेली मार्ग के बीच स्थित है, जो परिवहन और व्यापार के लिहाज से सबसे उपयुक्त स्थान माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह परियोजना सही दिशा में चली तो मुरादाबाद को राष्ट्रीय औद्योगिक नक्शे पर विशेष पहचान मिल सकती है।
संभावित लाभ
- स्थानीय पीतल और हस्तशिल्प उद्योग को नया बाजार और प्रदर्शन मंच मिलेगा।
- युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
- मुरादाबाद को मिलेगा स्मार्ट व्यापारिक ढांचा।
- निजी निवेश से रखरखाव और विकास में निरंतरता बनी रहेगी।
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