यूपी के किसानों ने ये गलती कर दी तो लगेगा 30 हजार तक जुर्माना, सेटेलाइट होगी निगरानी
मुरादाबाद में पराली जलाने पर जुर्माना दोगुना कर दिया गया है अब 30 हजार तक का अर्थदंड लग सकता है। कृषि विभाग सेटेलाइट से निगरानी रख रहा है और उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। पराली जलाने से मिट्टी की उर्वरता घटती है और पर्यावरण को नुकसान होता है। कृषि विभाग किसानों को पराली को खाद में बदलने के लिए जागरूक कर रहा है।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिले में अब खेतों में पराली या फसल अवशेष जलाना किसानों को भारी पड़ सकता है। उच्चतम न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के निर्देशों के तहत इस वर्ष जुर्माने की दरों को पिछले वर्ष के मुकाबले दोगुणा कर दिया गया है। अब पराली जलाने पर किसानों पर 30 हजार रुपये तक का अर्थदंड (इको-फाइन) लगाया जा सकेगा।
उप कृषि निदेशक संतोष कुमार द्विवेदी ने बताया कि पराली जलाना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है और इसके विरुद्ध अब जिले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि खेतों में आग लगाने से न केवल मिट्टी की उर्वरता घटती है, बल्कि वातावरण और मानव स्वास्थ्य पर भी गंभीर प्रभाव पड़ता है।
उप कृषि निदेशक ने बताया कि सेटेलाइट तकनीक से खेतों की निगरानी की जा रही है। जैसे ही किसी खेत में पराली जलाने की घटना दर्ज होती है, उसका लोकेशन स्वतः रिकार्ड हो जाता है।
शिकायत मिलने पर षि विभाग की टीम मौके पर जाकर स्थलीय सत्यापन (ग्राउंड वेरिफिकेशन) करती है। यदि खेत में जलाने की पुष्टि होती है, तो किसान के खिलाफ जुर्माना लगाकर एनजीटी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है। फसल के जड़, तना और पत्तियों में मौजूद लाभकारी पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं।
मिट्टी का तापमान बढ़ने से उसकी जैविक संरचना कमजोर पड़ जाती है। मित्र कीट जलकर मर जाते हैं, जिससे खेत की उर्वरता घटती है। हवा में कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बन डाइआक्साइड और सल्फर डाइआक्साइड जैसी जहरीली गैसें फैलती हैं। हवा की गुणवत्ता खराब होती है, जिससे आंखों में जलन, सांस की तकलीफ और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है।
जलाने से उत्पन्न धुआं आसपास के पशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, केवल एक टन धान की पराली जलाने से लगभग 1,460 किलोग्राम कार्बन डाइआक्साइड और 199 किलोग्राम राख वायुमंडल में फैल जाती है, जिससे प्रदूषण कई गुना बढ़ जाता है।
कृषि विभाग ने किसानों से आग्रह किया है कि वे पराली जलाने के बजाय उसे खेत में सड़ाकर कार्बनिक खाद में बदलें। फसल के डंठल नहीं जलाएं, मिट्टी में पलट कर सड़ाए। इस नारे के साथ विभाग ने किसानों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाने की घोषणा की है। उप कृषि निदेशक ने बताया कि धान की पराली या गन्ने की पत्तियां गोशालाओं को दान की जा सकती हैं। सर्दियों में यह पशुओं के चारे और बिछावन के रूप में उपयोगी होती है।
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष को जलाने से नुकसान ही नुकसान है। यदि किसान इसे खाद या चारे के रूप में उपयोग करें तो इससे पर्यावरण और खेती दोनों का हित होगा।
जुर्माने की नई दरें (दोगुनी हुईं दरें)
सरकार के ताजा आदेश के मुताबिक अब पराली जलाने पर निम्न दरों से अर्थदंड वसूला जाएगा।
- दो एकड़ से कम भूमि वाले किसान: 5,000 प्रति घटना
- दो से पांच एकड़ भूमि वाले किसान: 10,000 प्रति घटना
- पांच एकड़ से अधिक भूमि वाले किसान: 30,000 प्रति घटना
पिछले वर्ष तक यही दरें क्रमशः 2,500, 5,000 और 15,000 थीं। इस बार दोगुना अर्थदंड लागू किया गया है ताकि किसानों को खेतों में फसल अवशेष जलाने से रोका जा सके।
इन यंत्रों के उपयोग की सलाह
- सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल
- पैडी स्ट्रा चापर
- रोटरी स्लेशर
- श्रेडर, बेलिंग मशीन और रीपर बाइंडर
इन यंत्रों को किसान कस्टम हायरिंग सेंटर और फार्म मशीनरी बैंक से किराए पर प्राप्त कर सकते हैं।
डीएम ने हरी झंडी दिखाकर किया जागरूकता अभियान शुरू
मुरादाबाद: जिलाधिकारी अनुज सिंह, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) ममता मालवीय एवं उप कृषि निदेशक संतोष कुमार द्विवेदी ने पराली प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर कलक्ट्रेट परिसर से रवाना किया। यह वाहन प्रमोशन आफ एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन फॉर इन-सीटू मैनेजमेंट आफ क्राप रेजीड्यू योजना के तहत जिले के सभी विकास खंडों में भ्रमण करेगा और किसानों को पराली, धान की पुआल, गन्ने की पत्तियां व अन्य फसल अवशेष न जलाने के लिए प्रेरित करेगा।
उप कृषि निदेशक द्विवेदी ने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देश पर राजस्व, कृषि और पुलिस विभाग की संयुक्त निगरानी टीमें जनपद, तहसील और ब्लॉक स्तर पर बनाई गई हैं। सेटेलाइट के माध्यम से पराली जलाने की सूचना रोजाना प्राप्त होती है, जिसमें स्थल का सटीक स्थान दिया जाता है। इसके आधार पर संबंधित विभागीय कर्मचारी मौके पर जाकर जांच रिपोर्ट तैयार करते हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।