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    करोड़ों का सेंटर, डबल डॉक्टर... फिर भी मुरादाबाद में नसबंदी की रफ्तार 'फेल', आखिर कमी कहां?

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 10:34 PM (IST)

    मुरादाबाद के नए एबीसी सेंटर में आधुनिक सुविधाओं के बाद भी आवारा कुत्तों की नसबंदी की रफ्तार धीमी है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा डेटा तलब करने के बाद नगर निग ...और पढ़ें

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    सड़क पर आवारा कुत्‍तों का झुंड

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में देशभर के नगर निकायों से प्रति माह होने वाली आवारा कुत्तों की नसबंदी का ब्योरा तलब करने का निर्णय सुनाया है। इसके तहत राज्य सरकारों को अदालत में यह स्पष्ट करना होगा कि उनके-अपने क्षेत्रों में एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटरों के माध्यम से कितने कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। इसी क्रम में मुरादाबाद नगर निगम के लिए भी यह आंकड़ा अहम हो गया है।

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    मुरादाबाद में मैनाठेर क्षेत्र में ढाई महीने पहले नया एबीसी सेंटर संचालित किया गया था। उम्मीद थी कि आधुनिक सुविधाओं के साथ यहां नसबंदी की रफ्तार तेज होगी, लेकिन अभी अपेक्षित गति नहीं पकड़ पाई है। सेंटर शुरू होने के शुरुआती दिनों में प्रतिदिन केवल 10 से 15 कुत्तों की नसबंदी हो पा रही थी। वर्तमान में यह संख्या बढ़कर 35 से 40 प्रतिदिन तक पहुंची है, फिर भी इसे पर्याप्त नहीं माना जा रहा है।

    एबीसी सेंटर में कुत्तों की नसबंदी तय प्रक्रिया के तहत की जाती है। पकड़े गए कुत्तों को पहले दिन आब्जर्वेशन में रखा जाता है। स्वस्थ पाए जाने पर अगले दिन उनकी नसबंदी की जाती है और उसके बाद एक दिन फिर निगरानी में रखा जाता है। पूरी प्रक्रिया के बाद कुत्तों को उसी क्षेत्र में छोड़ा जाता है, जहां से उन्हें पकड़ा गया था।

    शुरुआत में सेंटर पर केवल एक पशु चिकित्सक तैनात था, लेकिन एक माह पहले दूसरे चिकित्सक की भी नियुक्ति कर दी गई है। नगर निगम का दावा है कि पिछले पांच वर्षों में कुल 38 हजार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। वहीं, नए एबीसी सेंटर में ढाई महीने के भीतर करीब 3,000 कुत्तों की नसबंदी हुई है।

    इससे पहले बगला गांव में यह व्यवस्था थी, जहां सीमित कैनल और छोटे ऑपरेशन थिएटर के कारण दिक्कतें सामने आती थीं। अब नए सेंटर में जगह और सुविधाएं बेहतर हैं, लेकिन नसबंदी की रफ्तार बढ़ाना अब भी बड़ी चुनौती बना हुआ है। अपर नगर आयुक्त अजीत कुमार सिंह ने बताया कि पहले से अधिक कुत्तों की नसबंदी हो रही है। नसबंदी में तेजी को समय-समय पर समीक्षा भी की जा रही है।

    30 सिंगल व 10 कम्यूनिटी कैनल

    नए एबीसी सेंटर में 30 सिंगल कैनल और 10 कम्यूनिटी कैनल बनाए गए हैं। कम्यूनिटी कैनल में एक साथ कई कुत्तों को रखने की सुविधा है। कुल मिलाकर सेंटर में लगभग 100 कुत्तों के संरक्षण की क्षमता है। बावजूद इसके, उपलब्ध संसाधनों के अनुरूप नसबंदी का ग्राफ तेजी से ऊपर नहीं जा पा रहा है। नगर निगम के अनुसार, अभी भी यह गति शहर में बढ़ती आवारा कुत्तों की संख्या की तुलना में कम है।

     

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