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    IIT Roorkee के इंजीनियर्स ने किया सेफ्टी ऑडिट, वाहन चालकों को उपलब्ध होंगे सुरक्षित और आधुनिक मार्ग

    Updated: Thu, 25 Sep 2025 10:25 PM (IST)

    मुरादाबाद स्मार्ट रोड परियोजना को IIT रुड़की की सेफ्टी रिपोर्ट से नई दिशा मिली है। लंबे समय से अटकी यह परियोजना अब रफ्तार पकड़ेगी क्योंकि विशेषज्ञों ने कुछ बदलावों के साथ इसे आगे बढ़ाने की मंजूरी दे दी है। इससे दिल्ली रोड पर जाम की समस्या हल होगी और सड़क का सौंदर्य भी सुधरेगा।

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    IIT Roorkee के इंजीनियर्स ने किया सेफ्टी ऑडिट।

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। IIT Roorkee की सेफ्टी रिपोर्ट ने मुरादाबाद की स्मार्ट रोड परियोजना को नई दिशा दे दी। लंबे समय से विभागीय खींचतान और तकनीकी विवादों में फंसी यह योजना अब रफ्तार पकड़ेगी। विशेषज्ञों ने सेफ्टी ऑडिट में स्पष्ट किया है कि कुछ छोटे बदलाव और रेफ्लेक्टर जैसी सुरक्षा व्यवस्था करने के बाद परियोजना को बिना किसी बाधा के आगे बढ़ाया जा सकता है।

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    इससे न केवल दिल्ली रोड पर जाम की पुरानी समस्या हल होगी, बल्कि पैदल यात्रियों और वाहन चालकों को भी सुरक्षित और आधुनिक मार्ग उपलब्ध होगा। ग्रीन कॉरिडोर और स्मार्ट गोल चक्करों से सड़क का सौंदर्य और यातायात दोनों सुधरेंगे।

    एमडीए उपाध्यक्ष एमडीए अनुभव सिंह ने भरोसा जताया है कि अब काम तेज गति से आगे बढ़ेगा और नागरिकों को जल्द ही स्मार्ट रोड का लाभ मिलेगा।

    दिल्ली रोड पर 11.50 करोड़ रुपये की लागत से चल रही स्मार्ट रोड परियोजना लंबे समय से खींचतान और विभागीय विवाद में फंसी हुई थी। कभी डिजाइन पर आपत्ति, तो कभी स्वीकृति के पेच, इस वजह से परियोजना अधर में लटक गई थी, लेकिन अब हालात बदलने जा रहे हैं।

    भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) रुड़की के विशेषज्ञों ने परियोजना का विस्तृत सेफ्टी ऑडिट पूरा करके रिपोर्ट दे दी है। दिल्ली रोड को स्मार्ट रोड में बदलने की योजना अवस्थापना विकास निधि के तहत शुरू की गई थी।

    गागन नदी के पुल से लेकर पाकबड़ा जीरो प्वाइंट तक का यह मार्ग न केवल मुरादाबाद बल्कि आसपास के जिलों के लिए भी महत्वपूर्ण है। मुरादाबाद विकास प्राधिकरण (एमडीए) से उपाध्यक्ष ने बताया कि रुड़की आईआईटी संस्थान ने शहर के प्रमुख रोटरी डिजाइनों का मूल्यांकन पूरा कर लिया है।

    इनमें पाकबड़ा जीरो प्वाइंट, एमडीए तिराहा, ग्रीन आर्चिड तिराहा, काशीपुर तिराहा, हनुमान मूर्ति तिराहा, रामपुर दोराहा, रामपुर जीरो प्वाइंट चौराहे शामिल हैं। इन चौराहों की रोटरी डिजाइनों के प्रारंभिक वास्तुशिल्पीय रेखाचित्र केंद्र सरकार के आरसीयूइएस लखनऊ द्वारा तैयार किए गए थे।

    उद्देश्य था कि दिल्ली रोड और रामपुर रोड पर सुगम, सुरक्षित और पर्यावरणीय अनुकूल ग्रीन व मोबिलिटी कारिडोर तैयार किया जाए।

    यह परियोजना मुरादाबाद शहर को न केवल आधुनिक और व्यवस्थित ट्रैफिक सिस्टम देगी, बल्कि यहां के सार्वजनिक स्थानों को भी नया रूप देगी। ग्रीन कॉरिडोर और फुटपाथ जैसी सुविधाओं से जहां शहर का पर्यावरणीय संतुलन सुधरेगा, वहीं यातायात भी अधिक सुरक्षित और सुचारु होगा।

    प्रमुख चौराहों का ज्यामितीय सुधार

    • स्मार्ट गोलचक्कर
    • पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ
    • वाहनों के लिए पार्किंग स्पेस
    • हरित पट्टी (ग्रीन कारिडोर)
    • लोनिवि ने लगाई ने थी आपत्ति

    फरवरी 2025 में लोनिवि (लोक निर्माण विभाग) के अधिशासी अभियंता कुलदीप संत ने डिजाइन पर सवाल खड़े कर दिए। उनका कहना था कि बिना विभागीय स्वीकृति के बनाए गए नक्शे भविष्य में संरचनात्मक और यातायात संबंधी दिक्कतें खड़ी कर सकते हैं। इसके बाद तीन प्रमुख चौराहों पाकबड़ा जीरो प्वाइंट, एमडीए कार्यालय तिराहा और ग्रीन आर्चिड चौराहे पर काम पूरी तरह ठप हो गया था।

    दिल्ली रोड का स्मार्ट डिजाइन रीजनल सेंटर फार अर्बन एंड एनवायरनमेंटल स्टडीज, लखनऊ ने तैयार किया था। एमडीए का दावा है कि जब परियोजना के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया गया था तब डिजाइन लोनिवि को भेजा गया था। बावजूद इसके, बाद में आपत्ति उठाकर काम रुकवा दिया गया।

    आईआईटी रुड़की ने दिए अहम सुझाव

    • कोहरे में हादसे रोकने के लिए रेफ्लेक्टर लगाए जाएं।
    • गोलचक्करों का ज्यामितीय सुधार कर वाहन चालकों के लिए सुरक्षित मोड़ बनाए जाएं।
    • पैदल यात्रियों और दोपहिया चालकों की सुरक्षा के लिए सिग्नल, फुटपाथ और गोलचक्करों का समन्वय किया जाए।

    इन सुझावों को मानकर अंतिम डिजाइन लागू करने पर सहमति बन चुकी है। इससे परियोजना पर फिर से तेजी से काम शुरू हो सकेगा।

    दिल्ली रोड स्मार्ट रोड परियोजना को लेकर जो तकनीकी अड़चनें सामने आई थीं, उन्हें दूर करने के लिए हमने आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों से सेफ्टी ऑडिट कराया है। उनकी सिफारिशों के आधार पर सुधार करके काम शुरू कराया जा रहा है। हमारा लक्ष्य यह है कि सड़कें न केवल आकर्षक और आधुनिक बनें बल्कि यात्रियों के लिए पूरी तरह सुरक्षित भी हों। परियोजना पर जल्द ही तेजी से काम शुरू होगा और नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। -अनुभव सिंह, उपाध्यक्ष, एमडीए।

    यह है स्मार्ट रोड परियोजना

    लागत: 11.50 करोड़ रुपये (अवस्थापना विकास निधि से)।

    परियोजना क्षेत्र: गागन नदी पुल से पाकबड़ा जीरो प्वाइंट तक दिल्ली रोड।

    मुख्य कार्य: तीन चौराहों का ज्यामितीय सुधार, फुटपाथ, पार्किंग और ग्रीन कॉरिडोर।

    विवाद का कारण: लोनिवि ने डिजाइन पर जताई आपत्ति।

    समाधान: आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञ करेंगे सेफ्टी ऑडिट।