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    UP Politics: मुरादाबाद-रामपुर में हाशिये पर रही BSP, संभल-अमरोहा में चिंघाड़ा था हाथी, ऐसा रहा था 2014 के चुनाव का परिणाम

    UP News 1999 में राशिद अल्वी भी बसपा से जीत दर्ज करा चुके हैं। संभल में भी डा. शफीकुर्रहमान बर्क और डीपी यादव बसपा के टिकट पर चुनाव में जीत चुके हैं। मुरादाबाद-रामपुर में बसपा हाशिये पर रही। मुरादाबाद सीट पर 2014 के चुनाव में खूब दम लगाने के बाद भी मेरठ के हाजी मुहम्मद याकूब तीसरे नंबर पर ही थे।

    By Mehandi Hasan Edited By: Abhishek Saxena Updated: Mon, 01 Apr 2024 05:17 PM (IST)
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    मुरादाबाद-रामपुर में हाशिये पर रही बसपा, संभल-अमरोहा में चिंघाड़ा था हाथी

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मंडल में मुरादाबाद-रामपुर सीट पर हाथी चिंघाड़ नहीं पाया है। हालांकि संभल-अमरोहा में हाथी मस्त चाल चलकर जीत चुका है। 2019 के चुनाव में अमरोहा सीट से सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी जीते थे। इस बार वह कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।

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    मुरादाबाद लोकसभा छह से 2004 के चुनाव में समाजवादी पार्टी से डा. शफीकुर्रहमान बर्क को 218079 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर भाजपा से चंद्र विजय सिंह को 182239 वोट मिले थे। तीहरे नंबर पर बसपा के मुहम्मद इफ्तेखार रहे थे। 2009 के चुनाव में कांग्रेस के अजहरउद्दीन 301199 वोट मिले थे। उन्होंने जीत दर्ज कराई थी। जबकि भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार 251857 वोट मिले थे। यह दूसरे नंबर पर रहे। तीसरे नंबर पर बसपा से चुनाव लड़े राजीव चन्ना रहे। उन्हें 147475 वोट मिले थे। सपा के मुहम्मद रिजवान को 27972 वोट मिले थे।

    सपा दूसरे नंबर पर थी 2014 के चुनाव में

    2014 के चुनाव में भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार को 485224 वोट मिले थे। जबकि दूसरे नंबर पर सपा के डा. एसटी हसन को 397720 वोट मिले थे। बसपा से मेरठ के हाजी याकूब कुरैशी को 160945 वोट मिले थे। यह तीसरे नंबर पर थे। जबकि कांग्रेस की बेगम नूरबानों को 19732 वोट ही मिले थे। यह चौथे नंबर पर थीं।

    यहां सपा−बसपा गठबंधन था 2019 के चुनाव में

    वर्ष 2019 के चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन के डा. एसटी हसन को 640416 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर भाजपा के कुंवर सर्वेश कुमार को 551538 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी को 59198 वोट मिले थे। रामपुर सीट पर 2004 में बसपा प्रत्याशी अफरोज अली अब तक के सबसे ज्यादा मत 16.6 प्रतिशत वोट हासिल कर सके थे। वह भी तीसरे स्थान पर ही रहे थे।

    निवर्तमान सांसद और भाजपा के मौजूदा लोकसभा प्रत्याशी घनश्याम लोधी ने भी बसपा से 1999 में 13.4 प्रतिशत और 2009 में 15.7 प्रतिशत वोट पाए थे। 1998 में अब्दुल सलाम को 16 प्रतिशत वोट मिले और वह भी तीसरे स्थान पर रहे थे। रामपुर में बसपा प्रत्याशी का सबसे कम मत प्रतिशत 2014 में रहा। जब अकबर हुसैन को मात्र 8.5 प्रतिशत ही वोट मिले थे। 2019 में गठबंधन में बसपा ने सपा प्रत्याशी आजम खां का साथ दिया था और वह जीते भी थे।

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    इस बार इरफान सैफी पर लगाया दांव

    मुरादाबाद लोकसभा छह से ठाकुरद्वारा के इरफान सैफी पर बहुजन समाज पार्टी ने दांव लगाया है। चुनाव को लेकर अभी तक का उनका दावा है कि उन्हें पार्टी का वोट तो मिलेगा। उसके बाद से मुस्लिम वोट की गिनती शुरू होगी। बहरहाल अब तक के चुनाव में पार्टी तीसरे-चौथे पर स्थान पर रही। बहरहाल बाकी की परिस्थियां तो मतगणना के बाद ही पता लग सकेंगी।

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    संभल से डा. शफीकुर्रहमान बर्क और डीपी यादव रह चुके सांसद

    बहुजन समाज पार्टी से डा. शफीकुर्रहमान बर्क और डीपी यादव भी सांसद रहे चुके हैं। 2009 में समाजवादी पार्टी से डा. शफीकुर्रहमान बर्क का टिकट कटने के बाद बसपा से टिकट लिया और उन्होंने जीत दर्ज कराई। वहीं 1996 में डीपी यादव भी संभल से चुनाव जीत चुके हैं। 1996 से पहले बसपा संभल से चुनाव नहीं जीती। 2014 में अकीलुर्रहमान चुनाव लड़े थे। लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके थे।

    राशिद अल्वी के बाद दानिश अली जीते थे चुनाव

    अमरोहा से राशिद अल्वी 1999 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे। 2019 में सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी दानिश अली अमरोहा से सांसद बने। इससे पूर्व अमरोहा में भी बसपा ही यही स्थिति रही।

    पार्टी की ओर से दमदार प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारा गया है। पार्टी के अलावा उनका अपना वोट भी है। बाकी पार्टी के नेता भी प्रचार में जुटे हुए हैं। इसके बाद तो किस्मत का खेल है। हम लाेगों की ओर से पूरी मेहनत की जा रही है। डा. रणविजय सिंह, मुरादाबाद-बरेली कोआर्डिनेटर बसपा