Moradabad News : मुरादाबाद में पाकिस्तानी बुली की दहशत, कुत्ता देखकर बचकर निकल रहे लोग
Pakistani Bully Terror in Moradabad मुरादाबाद में लोग पाकिस्तानी बुली कुत्ते से दहशत में हैं। लोग कुत्ते को देखकर उससे बचकर निकलने का प्रयास करते है। क्योंकि कई बार यह कुत्ता बाइक सवारों को दौड़ा चुका हैं।

मुरादाबाद, जागरण संवाददाता।Pakistani Bully Terror in Moradabad : मुरादाबाद में पालतू कुत्तों के काटने की घटनाओं से लोग दहशत में हैं। मुरादाबाद की पाश कालोनी में पाकिस्तानी बुली कुत्ता लोगों के लिए दहशत का कारण बना हुआ है। राहगीर उसे देख लेते हैं तो फासला बना लेते हैं। कई बाइक सवार के पीछे भी कुत्ता दौड़ने से महिलाएं और बच्चे बचकर निकलते हैं।
मोरा की मिलक में युवक ने इस कुत्ते को पाल रखा है। शाम होते ही वह कुत्ते को खुला छोड़ देते हैं। मोरा की मिलक, आशियाना कालोनी, विवेकानंद रोड पर यह कुत्ता घूमता रहता है। राहगीरों पर दौड़ने की वजह से कालोनी के लोग इस कुत्ते को देखकर निकलते हैं।
इसके बाद भी इसके करीब आ जाए तो लोग भाग निकलते हैं। जानकारों के अनुसार पाकिस्तानी बुली आजादी के वक्त कुछ पंजाबी समाज के लोग ले आए थे। इसके बाद इस ब्रीड के कुत्ते रुद्रपुर आदि किसानों के फार्म हाउस पर लाए गए। मुरादाबाद में भी आठ से 10 कुत्ते हैं।
20 दिन पहले अस्पताल से नहीं निकलने दिए राहगीर
आशियाना कालोनी स्थित डा. अनंत राणा के अस्पताल में दो राहगीर गेट पर कुत्ते से बचने के लिए घुस गए। डेढ़ घंटे तक कुत्ता वहीं खड़ा रहा। डेढ़ घंटे बाद जब कुत्ता वहां से गया तो राहगीर वहां से निकले।
25 से 50 हजार रुपये में मिलता है बच्चा
पाकिस्तानी बुली दो माह का बच्चा 25 से 50 हजार रुपये तक मिलता है। मुरादाबाद में कोई ब्रीडिंग सेंटर नहीं है। कुत्ते पालने के शौकीन दूसरे शहरों से ही यह कुत्ते खरीदकर लाते हैं।
अधिक है इसकी खुराक
पाकिस्तानी बुली दिनभर में 15-20 रोटी, एक से डेढ़ किलो चिकन और दो किलो दूध पीता है। कुत्ते पालने के शौकीन उसकी खुराक का पूरा ध्यान रखते हैं।
बांधकर रखने से आक्रामक हो रहे कुत्ते
पाकिस्तानी बुली को शिकारी के तौर पर जाना जाता है। विशेष तौर पर बड़ी कोठी या फिर फार्म हाउस पर कुत्ते रखे जाते हैं। इन कुत्तों को एक जगह बांधकर रखने कि वजह से यह गुस्सैल हो जाते हैं। जिस वजह से यह लोगों पर हमला कर देते हैं।
एक क्विंटल तक हो जाता है वजन
शिकारी कुत्ता होने की वजह से पाकिस्तानी बुली का वजन 60 किलो से एक क्विंटल तक हो जाता है।
शिकारी नस्ल के कुत्तों को विशेष देखभाल की जरूरत होती है। काफी लोग कुत्तों को एक स्थान पर बांधकर रखते हैं। जिससे वह गुस्सैल हो जाते हैं। जब उन्हें खोला जाता है तब वह आक्रामक हो जाते हैं। पालतू कुत्तों कि मानसिक स्थिति को समझने के लिए विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। समय-समय पर उसका परीक्षण कराएं। जिससे यह पता लगता रहे कि कुत्ते की मानसिक स्थिति में क्या बदलाव हो रहा है। डा. बीबी लोधी, पैट विशेषज्ञ
हमारे क्षेत्र में पाकिस्तानी बुली कुत्ता अक्सर मिल जाता है। कई लोगों को वह काट भी चुका है। मोरा की मिलक में दूध विक्रेता प्रतिदिन उसे खुला छोड़ देते हैं। इससे राहगीरों को परेशानी होती है। अजय कुमार, आशियाना कालोनी
कुत्ते की वजह से बच्चों को देखभाल करके भेजना पड़ता है। विवेकानंद रोड से हम लोग इसी वजह से नहीं जाते हैं। राहगीरों पर भी यह कुत्ता दौड़ लगा देता है। कई राहगीरों के तो काट भी चुका है। शिकायत किससे करें। राजीव कुमार, आशियाना कालाेनी
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