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    Moradabad News: कार में मिला गोमांस, सौदेबाजी में जुटी पुलिस की योजना विफल, थाना प्रभारी समेत 10 निलंबित

    Updated: Tue, 02 Sep 2025 10:59 PM (IST)

    मुरादाबाद में पाकबड़ा पुलिस ने गोमांस से भरी कार पकड़ी और फिर सौदा करने में जुट गई। एसएसपी तक शिकायत पहुंचने पर उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। जांच में पता चला कि पुलिस ने गोमांस को दबा दिया था और गाड़ी को छिपा दिया था। थाना प्रभारी समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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    Moradabad News: कार में मिला गोमांस, सौदेबाजी में जुटी पुलिस की योजना विफल, थाना प्रभारी समेत 10 निलंबित

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। कार में मिले गोमांस को पाकबड़ा पुलिस ने कमाई का जरिया समझ लिया। गाड़ी नंबर के आधार पर आरोपितों तक पहुंचने के बजाय पहले गोमांस दबवा दिया। फिर गाड़ी ठिकाने लगाई और सौदेबाजी के लिए काम शुरू कर दिया। 

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    रात से इस काम पर लगी पाकबड़ा पुलिस की करतूत दोपहर में जनसुनवाई के दौरान सीधे एसएसपी तक पहुंची। उन्हें बताया गया कि पाकबड़ा पुलिस ने गो-तस्करों को छोड़ दिया है। गो-मांस मिट्टी में दबवा दिया है और सौदेबाजी चल रही है। 

    जनसुनवाई में ही एसएसपी ने पाकबड़ा इंस्पेक्टर मनोज कुमार से सवाल किया ताे वह बगले झांकने लगे। प्रकरण गंभीर होने के चलते एसएसपी ने तत्काल ही सीओ सिविल लाइंस, सीओ कटघर, सीओ हाईवे और एसओजी की टीम मौके पर जांच के लिए भेजी। पुलिस हकीकत सामने आ गई। 

    मिट्टी में दबाया गया मांस निकलवाया गया। सैंपल लिया गया। गाड़ी भी थाने लाई गई। शुरुआती जांच में हाेंडा सिटी कार यूपी 13 क्यू 5777 कुंदरकी के मुहल्ला सादात निवासी मोहम्मद शमी के नाम होने की बात सामने आई है। 

    एसएसपी की ओर से गठित टीम आरोपितों की तलाश में जुटी है। मामले में थाना प्रभारी समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।

    यह है पूरा मामला

    उमरी सब्जीपुर के जंगल में सोमवार की रात पौने दो बजे वहां से गुजर रही पीआरवी पुलिस ने एक कार खड़ी देखी। पीआरवी कर्मी उतरकर कार के पास पहुंचे तो सवार गाड़ी छोड़कर भाग निकले। 

    तब पीआरवी कर्मियों ने मामले की जानकारी ग्रोथ सेंटर चौकी इंचार्ज अनिल तोमर को दी। वह पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंच गए। उन्होंने जाकर देखा तो कार में गोमांस भरा हुआ था। तब उन्होंने इंस्पेक्टर मनोज कुमार को घटना की जानकारी दी। 

    तब इंस्पेक्टर भी टीम संग मौके पर पहुंच गए। यही से खेल शुरू हुआ। उच्चाधिकारियों तक मामले की जानकारी ना पहुंचे और आसानी से सौदेबाजी जो सके। इसके लिए सबसे पहले गड्ढा खोदवाकर गोमांस दबवा दिया गया। 

    कार थाने लाने के बजाय एक गोपनीय स्थान पर खड़ी कराई गई। मंगलवार सुबह वसूली के लिए गाड़ी नंबर के आधार पर मालिक की तलाश शुरू हुई। इस पर टीम काम में लगी ही हुई थी कि एसएसपी तक सटीक जानकारी पहुंच गई। 

    एसएसपी ने तुरंत ही इंस्पेक्टर पाकबड़ा मनोज कुमार को फटकार लगाई और तीन-तीन सीओ की टीम गठित कर एसओजी भी लगा दी। सभी को थाने भेजा। जांच पड़ताल शुरू हुई तो गोमांस को भैंस का मांस बताया जाने लगा। पशु चिकित्सक बुलाए गए, गोमांस को निकाला गया। 

    सैंपल लिया गया जिससे स्पष्ट हो सके कि असल में मांस किसका है? गाड़ी तक बरामद हो गई जिसके बाद साफ हो गया कि पूरे मामले में वसूली का रैकेट काम कर रहा था। यह तब है जब पाकबड़ा इंस्पेक्टर को चार्ज संभाले 24 घंटे भी नहीं बीता था। डिलारी थाने से उन्हें पाकबड़ा की जिम्मेदारी दी गई थी।

    शुरुआती जांच रिपोर्ट के बाद पूरे प्रकरण की जांच सीओ को सौंपी गई है। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए एसओजी टीम लगाई गई है। प्रकरण में संलिप्त किसी को बख्शा नहीं जाएगा।

    -सतपाल अंतिल, एसएसपी