Moradabad Master Plan 2051 तैयार, बेल्जियम की कंपनी के प्लान में Metro Train का भी प्रस्ताव
Moradabad Master Plan 2051 बेल्जियम बेसड कंपनी ने जो प्लान बनाकर दिया है उस पर सभी विभाग इमानदारी से काम करेंगे तो आने वाले 30 साल में मुरादाबाद का नक्शा पूरी तरह से बदल जाएगा। शहर में मेट्रो भी चलती नजर आएगी।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। Moradabad Master Plan 2051 : मुरादाबाद विकास प्राधिकरण शहर के सुनियोजित विकास के साथ उसे आधुनिक और सुविधाओं से परिपूर्ण करने जा रहा है। इसके लिए बेल्जियम बेस मैसर्स ट्रेक्टेबल इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने वर्ष 2051 तक के लिए मुरादाबाद महानगर का सिटी डेवलेपमेंट प्लान तैयार करके एमडीए को दिया है।
प्लान के मुताबिक महानगर का विकास कराने में सभी विभाग सफल रहे तो अगले तीस साल में शहर का नक्शा ही बदल जाएगा। शुक्रवार को दिल्ली रोड पर नया मुरादाबाद स्थित एमडीए कार्यालय के सभागार में उपाध्यक्ष शैलेष कुमार ने पत्रकार वार्ता करके सिटी डेवलेपमेंट प्लान के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि सिटी डेवलेपमेंट प्लान का ड्राफ्ट बनवाने में एमडीए ने दो करोड़ 60 लाख रुपये खर्च किए हैं। महानगर के विकास को तीन चरणों में बांटा है। प्लान में कुल 87 योजना शामिल हैं। इन योजनाओं पर 23,242 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। प्लान में पहले चरण को शार्ट टर्म कहा गया है।
इस दौरान 2021 से 27 तक होने वाली योजनाओं पर काम होगा। इनमें से कुछ काम शुरू हो चुके हैं। दूसरे चरण को मध्यम रखा गया है। इसमें 2028 से 38 तक विकास कार्य होने हैं। इसी तरह तीसरे चरण को लांग टाइम टर्म कहा गया है। इसमें 2039 से 51 तक महानगर के विकास की योजनाओं पर काम होना है।
उपाध्यक्ष ने सिटी डेवलपमेंट प्लान में हमने आगामी तीस सालों में होने वाले विकास की कल्पना की है। कल्पना के मुताबिक विकास कार्य कराए जाने से महानगर के विकास को चार चांद लग जाएंगे। बेरोजगारों को अपने महानगर मं ही रोजगार मिलेगा। लांग टाइम योजनाओं में मेट्रो चलाए जाने का भी प्रस्ताव हैं। मेट्रो के माध्यम से एनसीआर से जोड़कर दिल्ली का सफर आसान बनाया जाएगा। इससे महानगर ही नहीं पूरे जिले का विकास तेजी से होगी।
यह हैं विकास की योजनाएं
- योजना का नाम क्षेत्रफल धनराशि (करोड़ में) बनाने वाला विभाग
- मेगा फूड पार्क 150 एकड़ 441 यूपीएसआइडीसी
- स्किल डवलपमेंट एंड ट्रेनिंग सेंटर 05 एकड़ 42 एमडीए
- आयुष पार्क 30 एकड़ 329
- फुट ओवरब्रिज निर्माण 08 12 लोक निर्माण विभाग
- सड़क चौड़ीकरण 25 किलोमीटर 125 नगर निगम
- फ्लाईओवर, एलिवेटिड कॉरिडोर 05 किलोमीटर 1000 लोक निर्माण विभाग
- मल्टीलेवल कार पार्किंग 02 100 नगर निगम
- वर्ष 2028 - 38 तक की विकास की योजनाएं
- योजना का नाम क्षेत्रफल धनराशि (करोड़ में) बनाने वाला विभाग
- सेमी कंडक्टर पार्क 200 एकड़ 392 यूपीएसआइडीसी
- मुरादाबाद सिटी सेंटर 30 एकड़ 40 एमडीए
- इंटरसिटी बसों की खरीद 300 450 यूपीएसआरटीसी
- वर्ष 2039 - 51 तक की विकास की योजनाएं
- योजना का नाम क्षेत्रफल धनराशि (करोड़ में) बनाने वाला विभाग
- मेट्रो लाइट 34 किलोमीटर 8500 यूपीएमआरसीएल
- क्षेत्रीय रेल का विकास 100 किलोमीटर तय नहीं यूपीएमआरसीएल
- जलापूर्ति एवं ट्रीटमेंट प्लांट तय नहीं 280 जल निगम
- इंफ्रास्टेक्चर सब स्टेशन आदि तय नहीं 525 जल निगम
लक्ष्मीपुर कट्टई में बनेगा मेगा फूड पार्क
एमडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि मेगा फूड पार्क रामपुर रोड पर लक्ष्मीपुर कट्टई गांव में प्रस्तावित है। स्किल डेवलेपमेंट सेंटर कांठ रोड पर बनाया जाना प्रस्तावित है। आयुष पार्क चन्दौसी रोड पर बनना है। इसमें योग से लेकर नेचुरल थिरेपी की भी व्यवस्था होगी। सेमी कंडक्टर पार्क में कलपुर्जे बनाए जाएंगे।
यह कांठ रोड पर ही प्रस्तावित है। इससे बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। एयरपोर्ट के पास औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जाना है। पीलीकोठी के पास मल्टीलेवल पार्किंग बनाने की प्रक्रिया चल रही है। महानगर में इंटरसिटी बसों की संख्या बढ़ाए जानी है। नया मुरादाबाद योजना की 30 एकड़ भूमि में मुरादाबाद सिटी सेंटर बनेगा।
एमडीए ने 15 सितंबर तक मांगे सुझाव
एमडीए के चीफ इंजीनियर राजीव गुप्ता ने बताया कि सिटी डवलपमेंट प्लान पर 15 सितंबर तक सुझाव मांगे गए हैं। कोई भी नागरिक और स्टेक होल्डर महानगर के विकास को अपने सुझाव दे सकता है। सभी के सुझावों पर विचार किया जाएगा।
महायोजना 2031 इसी महीने फाइनल होगी
महायोजना 2031 में कुछ अधिकारी और स्टेक होल्डर अपने हितों को साधने की जुगत में हैं। इसकी वजह से महायोजना का ड्राफ्ट अभी तक फाइनल नहीं हो पाया है। इसी महायोजना के विवाद नहीं सुलझने के कारण उपाध्यक्ष मधुसूदन हुल्गी का तबादला हो गया है। अब नए उपाध्यक्ष शैलेष कुमार से आए हैं।
नए उपाध्यक्ष कई दिन से महायोजना की बारीकियां समझ रहे हैं। उपाध्यक्ष ने बताया कि महायोजना कुछ बिंदुओं पर सहमति नहीं बन पाई है। सभी को एक बार फिर बुलाकर सहमति बनाए जाने का प्रयास किया जाएगा। आवश्यकता होने पर मौके पर जाकर सच्चाई का पता लगाएंगे। इसके बाद इसी महीने महायोजना को फाइनल करके बोर्ड के सामने रखने का प्रयास रहेगा। बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बाद महायोजना को शासन को स्वीकृति के लिए भेज दी जाएगी।
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