Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मुरादाबाद में जल्द बजेगी गरीबों के घर शहनाई, CM सामूहिक विवाह योजना में एक-दूजे के होंगे 569 जोड़े

    Updated: Sat, 01 Nov 2025 12:59 PM (IST)

    मुरादाबाद में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 569 जोड़ों का विवाह होगा। इस बार बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य है। सरकार प्रत्येक जोड़े को एक लाख रुपये की सहायता देगी, जिसमें गृहस्थी उपहार भी शामिल हैं। ग्रामीण क्षेत्रों से 9,255 आवेदन प्राप्त हुए हैं, और शहरी निकायों में भी जांच चल रही है। योजना का उद्देश्य गरीब परिवारों की बेटियों का सम्मानपूर्वक विवाह कराना है।

    Hero Image

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। जिले में अब गरीब परिवारों के घरों में योगी सरकार के आशीर्वाद से शहनाई की गूंज सुनाई देने वाली है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत शुभ लग्न तिथियों के साथ प्रशासन ने इस साल 569 जोड़ों के विवाह कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इस बार पूरे कार्यक्रम को तकनीकी पारदर्शिता और सामाजिक गरिमा से जोड़ते हुए बायोमेट्रिक सत्यापन व्यवस्था लागू की गई है। हर जोड़ा अब विवाह पंडाल में अंगूठा लगाकर प्रवेश करेगा।

    मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उद्देश्य गरीब, असहाय और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियों की शादी सम्मानपूर्वक कराना है। समाज कल्याण विभाग के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में मुरादाबाद जनपद को 569 सामूहिक विवाहों का लक्ष्य मिला है।

    निदेशक समाज कल्याण कुमार प्रशांत ने जिलाधिकारी को शुभ लग्न तिथियों पर समारोहपूर्वक आयोजन कराने के निर्देश जारी किए हैं। शासनादेश में कहा गया है कि जरूरत पड़ने पर स्थानीय त्योहार या नवरात्रि के शुभ अवसर पर भी विवाह कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं। प्रशासन ने सभी विकासखंडों को निर्देश दिया है कि वे आयोजन स्थलों को स्थानीय परंपराओं और रीति-रिवाजों के अनुरूप सजाएं।

    विवाह कार्यक्रमों में क्षेत्रीय कलाकारों के प्रदर्शन, महिला स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी और स्थानीय उत्पादों के उपयोग को भी प्रोत्साहित किया जाएगा। संपूर्ण आयोजन की निगरानी जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी करेंगे। खंड विकास अधिकारियों को स्थल निरीक्षण और जोड़ों के दस्तावेज सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है।

    विवाह पंडालों में सीसीटीवी कैमरे और प्रवेश द्वार पर सुरक्षा कर्मियों की भी तैनाती होगी। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में इस बार बायोमेट्रिक तकनीक और पारदर्शिता के साथ यह योजना मुरादाबाद में सैकड़ों परिवारों के घरों में नई शुरुआत और उम्मीद की शहनाई बजाने जा रही है।

    ग्रामीण क्षेत्रों में 9,255 आवेदन लंबित

    मुरादाबाद में सामूहिक विवाह योजना को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में आवेदन मिले हैं। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 9,255 आवेदन जांच प्रक्रिया में हैं। इनमें से कई आवेदन अधूरे या त्रुटिपूर्ण पाए गए हैं।

    ब्लाकवार स्थिति

    • डिलारी: 1,851 आवेदन
    • मूंढापांडे 1,721
    • भगतपुर टांडा: 1,746
    • डींगरपुर: 1,456
    • ठाकुरद्वारा: 1,070
    • छजलैट: 537
    • बिलारी: 313
    • मुरादाबाद: 499
    • मुरादाबाद शहर क्षेत्र: 499

    बायोमेट्रिक से बढ़ेगी पारदर्शिता

    इस बार समारोह पंडालों में बायोमेट्रिक प्रणाली लागू होगी। हर दूल्हा-दुल्हन को विवाह स्थल पर अंगूठा लगाकर पहचान सत्यापन करना होगा।

    कार्यक्रम में प्रवेश से लेकर प्रमाणपत्र वितरण तक की पूरी प्रक्रिया डिजिटल प्लेटफॉर्म से जोड़ी जाएगी।

    समाज कल्याण अधिकारी का कहना है कि इससे योजना में फर्जीवाड़ा रुकने के साथ पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी।

    आर्थिक सहायता और लाभ

    • सरकार प्रत्येक जोड़े को एक लाख रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराती है।
    • 60,000 की धनराशि दुल्हन के बैंक खाते में सीधे भेजी जाती है।
    • 25,000 मूल्य के गृहस्थी उपहार (फर्नीचर, बर्तन, सिलाई मशीन आदि) दिए जाते हैं।
    • 15,000 आयोजन और अतिथियों के स्वागत में व्यय किए जाते हैं।
    • योजना का पूरा संचालन cmsvy.upsdc.gov.in पोर्टल पर ऑनलाइन मोड में किया जा रहा है।

    शहरी निकायों में हो रही बारीकी से जांच

    नगर निकायों से अब तक 2,191 आवेदन आए हैं, जिनमें से अधिकतम 1,345 आवेदन नगर निगम क्षेत्र से हैं। इसके अलावा भोजपुर-धरमपुर से 150, ढकिया से 120 और ठाकुरद्वारा नगर निकाय से 255 आवेदन दर्ज हुए हैं। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि बिना सत्यापन किसी भी जोड़े को सूची में शामिल नहीं किया जाएगा। जिला समाज कल्याण अधिकारी ने कहा पंखुड़ी जैन ने बताया कि सामूहिक विवाह योजना में आवेदनों की संख्या अधिक है। लक्ष्य 569 जोड़ों की शादी कराने का आया है। सभी आवेदनों का बायोमेट्रिक सत्यापन अनिवार्य है। इससे फर्जीवाड़ा होने की संभावना नहीं रहेगी।