वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मामला में प्रिंसिपल और एडमिशन सेल इंचार्ज पर लगीं पाक्सो समेत ये धाराएं
मदरसा की छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगने के मामले में मुरादाबाद पुलिस ने एक महीने के भीतर चार्जशीट दाखिल कर दी है। छात्रा, उसके पिता और मां के बयान को मुख्य साक्ष्य मानते हुए महिला प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन सेल प्रभारी मोहम्मद शाहजहां को आरोपित बनाया गया है। प्राथमिकी में अपमानित करना, धमकी देना और पॉक्सो एक्ट की धाराएं शामिल थीं, जो चार्जशीट में भी बरकरार रखी गई हैं।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। मदरसा की छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट प्रकरण में मुरादाबाद पुलिस ने एक माह के अंदर ही चार्जशीट दाखिल कर दी है। साक्ष्य के रूप में छात्रा, पिता और मां के बयान को आधार बनाते हुए महिला प्रधानाचार्य रहनुमा और एडमिशन सेल प्रभारी मोहम्मद शाहजहां को आरोपित बनाया गया है। प्राथमिकी में अपमानित करना, धमकी देना और पाक्सो एक्ट की धाराएं लगी हैं। ये सभी चार्जशीट में भी हैं।
पुलिस ने शुक्रवार को प्रधानाचार्य के सहारनपुर स्थित आवास पहुंचकर नोटिस तामील कराया। इसके बाद महिला प्रधानाचार्य को बाहर से ही जमानत मिल गई। प्राथमिकी के बाद जेल भेजा गया एडमिशन सेल प्रभारी मुहम्मद शाहजहां भी जमानत पर है। प्रकरण मुरादाबाद के मदरसा जामिया एहसान-उल-बनात से जुड़ा है। चंडीगढ़ निवासी एक छात्रा के पिता ने मदरसे की प्रधानाचार्य रहनुमा, एडमिशन सेल प्रभारी मोहम्मद शाहजहां और अन्य स्टाफ के खिलाफ 24 अक्टूबर को प्राथमिकी लिखाई थी। इसमें बताया कि वर्ष 2024 में कक्षा सात में बेटी का दाखिला कराया। इस साल आठवीं में प्रवेश होना था।
छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगा
16 जुलाई को बेटी साथ चंडीगढ़ गई थी। 21 अगस्त को वापस दोनों मदरसे पहुंचे। प्रवेश प्रक्रिया के दौरान प्रधानाचार्य रहनुमा और मोहम्मद शाहजहां ने पहले 35 हजार रुपये बतौर फीस जमा कराए। इसके बाद दोनों ने छात्रा से वर्जिनिटी सर्टिफिकेट मांगा। विरोध करने पर अभद्रता की और मदरसे से बाहर निकाल दिया।
पुलिस ने बिहार के पूर्णियां जिला के पुरखरिया निवासी एडमिशन सेल प्रभारी मोहम्मद शाहजहां को 24 अक्टूबर को ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी। गर्भवती प्रधानाचार्य रहनुमा इसके बाद से फरार थी। इसके बाद प्रधानाचार्य ने एक बच्चे को जन्म भी दिया। विवेचक संजय कुमार शनिवार को प्रधानाचार्या के घर सहारनपुर पहुंचे। पुलिस के अनुसार दर्ज प्राथमिकी में सभी धाराएं सात साल से कम सजा वाली थीं। इसलिए नोटिस तामील कराकर वहीं से ही जमानत दे दी।
पाकबड़ा थानाध्यक्ष योगेश कुमार ने बताया कि पीड़ित पक्ष से तीनों की गवाही के आधार पर प्रधानाचार्या और एडमिशन सेल प्रभारी को आरोपित बनाकर शनिवार को चार्जशीट दाखिल कर दी गई है।
एसआइटी को मिल चुके हैं विदेशी फंडिंग के क्लू
डीएम की ओर से गठित विशेष जांच दल (एसआइटी) में एडीएम प्रशासन संगीता गौतम, एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह और मुख्य कोषाधिकारी रेनू बौद्ध भी मामले की जांच कर रहे हैं। बीते दिनों मदरसा प्रबंधन से प्रपत्र मिलने के बाद विदेशी फंडिंग के सुराग मिलने की बात भी सामने आई। संबंधित खातों के लेन-देन के पूरे विस्तृत ब्यौरे के लिए लीड बैंक मैनेजर (एलडीएम) के नेतृत्व में टीम बनी है। अब देखना है कि इस जांच की रिपोर्ट क्या आती है?

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