ठंड में 'उबला' अंडा, रोज साढ़े तीन लाख अंडे खा रहे मुरादाबादी; ऐसे करें देसी-फार्मी की पहचान
रामपुर रोड बरवाला मझरा में अंडे के गोदाम पर छापेमारी के बाद अंडा काराेबारियों में हलचल मच गई है। वहीं सर्दी बढ़ते ही अंडे की खपत में जबरदस्त उछाल आया है। रोजमर्रा के खानपान में अंडे को ऊर्जा का आसान स्रोत माना जाता है, इसलिए तापमान गिरते ही इसकी मांग तेजी से बढ़ गई है। मुरादाबादी प्रतिदिन साढ़े तीन लाख अंडे खा रहे हैं। बढ़ती मांग का असर बाजार में दाम पर पड़ा है।

मेहदी अशरफी, मुरादाबाद। रामपुर रोड बरवाला मझरा में अंडे के गोदाम पर छापेमारी के बाद अंडा काराेबारियों में हलचल मच गई है। वहीं सर्दी बढ़ते ही अंडे की खपत में जबरदस्त उछाल आया है। रोजमर्रा के खानपान में अंडे को ऊर्जा का आसान स्रोत माना जाता है, इसलिए तापमान गिरते ही इसकी मांग तेजी से बढ़ गई है। मुरादाबादी प्रतिदिन साढ़े तीन लाख अंडे खा रहे हैं। बढ़ती मांग का असर बाजार में दाम पर पड़ा है।
रिटेल बाजार में फार्मी अंडा नौ रुपये प्रति पीस और देसी अंडा 20 रुपये प्रति पीस तक पहुंच गया है। मुरादाबाद के पांच बड़े होलसेल व्यापारी प्रतिदिन साढ़े तीन लाख अंडों की आपूर्ति कर रहे हैं। होलसेलर्स से खरीदकर करीब 700 रिटेल दुकानदार अंडों की बिक्री कर रहे हैं। शहर में 300 के करीब ठेलों पर उबले अंडो की बिक्री की जा रही है। उबले अंडे के साथ प्याज, चटनी और मसालों के साथ 13 रुपये में एक अंडा बेचा जा रहा है। ठेलों पर सबसे ज्यादा भीड़ सुबह और शाम के समय देखने को मिलती है, जब लोग काम पर निकलते या लौटते समय जल्दी मिलने वाला पौष्टिक नाश्ता पसंद करते हैं।
करीब 25 दिन पहले तक स्थिति बिल्कुल अलग थी। तब फार्मी अंडा पांच रुपये में मिल रहा था, उबला अंडा आठ रुपये में बिक रहा था और देसी अंडे का दाम 12 रुपये था। लेकिन नवंबर के मध्य से ठंड का असर बढ़ने लगा और खपत में उछाल आते ही दामों में भी तेजी आ गई। अंडा कारोबारियों के अनुसार, दिसंबर की शुरुआत तक रिटेल बाजार में अंडा 10 रुपये प्रति पीस तक पहुंच सकता है।
कोहरा शुरू होने के बाद खपत बढ़ जाती है, क्योंकि लोग गर्माहट देने वाले और पौष्टिक खाद्य पदार्थों की ओर ज्यादा झुकते हैं। ऐसे में दामों में और तेजी आने की आशंका बनी हुई है। वहीं थोक बाजार में पहले ही तेजी आ चुकी है। जिसका सीधा असर रिटेल दुकानों और ठेलों पर पड़ रहा है। अंडे को गरीब और मध्यम वर्ग की रसोई का अहम हिस्सा माना जाता है। प्रोटीन का सस्ता स्रोत होने के चलते इसे लोग अधिक संख्या में खरीदते हैं। लेकिन मौजूदा तेजी ने परिवारों के घरेलू बजट पर भी असर डालना शुरू कर दिया है। खासकर देसी अंडे की कीमतें दोगुनी हो जाने से उपभोक्ताओं की चिंता बढ़ी है। फिलहाल उम्मीद यही है कि दिसंबर के मध्य तक बाजार स्थिर हो सकता है, लेकिन मौसम का रुख और आपूर्ति की स्थिति आने वाले दिनों में दामों का फैसला करेगी।
इस वजह से बढ़ रहे दाम
अंडा कारोबारियों के अनुसार, उत्तर भारत में सर्दी बढ़ने के साथ शहरों में अंडे की आवक कम हो जाती है। पोल्ट्री फार्मों में उत्पादन प्रभावित होता है। वहीं खपत बढ़ जाती है। थोक दाम बढ़ते ही रिटेल कीमतें भी ऊपर चली जाती हैं। अंडा होलसेल कारोबारी जसप्रीत सिंह ने बताया कि होलसेल मार्केट में अभी प्रतिदिन साढ़े तीन लाख अंडों की खपत दर्ज की जा रही है, जबकि सर्दी और बढ़ने पर यह खपत पांच लाख प्रतिदिन तक पहुंच सकती है।
ऐसे पहचानें अंडा देसी है या फार्मी
देसी अंडों का रंग अक्सर भूरा होता है और वे आकार में छोटे होते हैं, जबकि फार्म के अंडे आमतौर पर सफेद और बड़े होते हैं। देसी अंडे आमतौर पर भूरे रंग के होते हैं, जबकि फार्म के अंडे ज़्यादातर सफेद होते हैं। देसी अंडे फार्म के अंडों से आकार में छोटे होते हैं।
देसी अंडे का छिलका हलका मुलायम होता है, जबकि फार्म के अंडे का छिलका खुरदरा हो सकता है। देसी अंडे की जर्दी गहरे पीले या नारंगी रंग की होती है, जबकि फार्म के अंडे की जर्दी हल्की पीली होती है। अगर अंडे में चायपत्ती की गंध आए तो समझ लें कि उसे रंगकर बेचा जा रहा है। देसी अंडे को पौष्टिक माना जाता है, खासकर ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ए, ई, डी की अधिकता के कारण। अगर आपको शक है कि अंडा देसी नहीं है तो देसी अंडे को सूंघकर देखें या उसके छिलके पर नींबू का रस लगाकर देखें। देसी अंडे का रंग आसानी से नहीं उतरता है।
देसी अंडा कम होने की वजह से महंगा पड़ता है। फर्मी अंडे के दाम फिलहाल होलसेल में 6.60 रुपये हैं। रिटेल में यह अंडा आठ रुपये तक बेचा जा रहा होगा। क्षेत्र के हिसाब से दुकानदार अंडे के दाम तय कर लेते हैं। उबला हुआ अंडा महंगा पड़ जाता है।- जसप्रीत सिंह, होलसेल व्यापारी

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