लुटेरों और छिनैती करने वालों के चौराहों पर लगे पोस्टर, बाद में हटवाए; पुलिस और निगम ने झाड़ा पल्ला
मुरादाबाद में लुटेरों और छिनैती करने वालों के पोस्टर शहर के चौराहों पर लगाए गए, जिनमें अपराधियों की तस्वीरें थीं। पुलिस और नगर निगम दोनों ने पोस्टर लगवाने की जिम्मेदारी से इनकार कर दिया। सिविल लाइंस क्षेत्र में लगे इन पोस्टरों को दो घंटे बाद हटा दिया गया। जनता ने इंटरनेट मीडिया पर अपराधियों के पोस्टर सार्वजनिक करने का समर्थन किया, जबकि कई लोगों ने पोस्टर हटाने की निंदा की।

जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। शहर के प्रमुख चौराहों पर लुटेरों और छिनैती करने वाले अपराधियों के पोस्टर लगाए गए हैं। इन पोस्टरों में अपराधियों की तस्वीरों के साथ महिलाओं से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और ऐसे लोगों से सावधान रहें।
सिविल लाइंस क्षेत्र में पांच स्थानों पर 24 अपराधियों के फोटो पोस्टर लगे। हालांकि, करीब दो घंटे बाद ही इन पोस्टरों को हटवा दिया गया। पोस्टर किसने लगवाए यह कोई अधिकारी बताने के लिए तैयार नहीं है। पुलिस भी पोस्टरों के बारे में जानकारी से इन्कार करती रही।
सोमवार को दोपहर शेरुआ चौराहा, किला चौराहा, फव्वारा चौक, महिला थाने के सामने 24 अपराधियों के पोस्टर लगा दिए गए। पोस्टर में उन अपराधियों का फोटो था जिन्होंने महिलाओं से जेवरात लूट व छिनैती की है। हालांकि, पोस्टर पर यह नहीं लिखा था कि यह पोस्टर किसकी तरफ से लगाए गए है।
महिला थाने के सामने लोगों ने पोस्टर लगे देखे तो भीड़ जमा हो गई। इसी बीच एक महिला आकर रुकी और एक फोटो की तरफ इशारा करके बोली देखो यह तो वही है जो अपने घर में घुसा था। लोगों ने पोस्टर के फोटो अपने मोबाइल से खींचने शुरू कर दिए। पूरे शहर में पोस्टर की चर्चा हो गई।
इंटरनेट मीडिया पर पोस्टर प्रसारित होने लगे। इसके बाद करीब 2.30 बजे पोस्टर हटवा दिए गए। पोस्टर हटाने वालों ने बताया कि हम लोग नगर निगम के कर्मचारी हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया कि किसके कहने पर लगाए गए थे। इंस्पेक्टर मनीष सक्सेना ने बताया कि कहां पर पोस्टर लगे है। इस बात की जानकारी मुझे नहीं है।
चर्चा है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अपराधियों के पोस्टर लगवाने के तुरंत बाद हटवाने पड़े। जब हटाने ही थे तो पोस्टर लगे क्यों? इससे वाहवाही के बजाय किरकिरी शुरू हो गई है।
इंटरनेट मीडिया पर एकमत जनता, ऐसे ही सार्वजनिक हो फोटो
भले ही पोस्टर लगवाने के कुछ घंटे बाद ही अधिकारी बैकफुट पर आ गए, मगर इंटरनेट मीडिया पर जनता एक मत दिखी। लगाए गए पोस्टर की फोटो तमाम लोगों ने पोस्ट करते हुए लिखा कि ऐसे अपराधियों की फोटो गली चौराहों पर अनिवार्य रूप से लगने चाहिए, जिससे हर कोई अपराधियों को पहचान सके और उनके दूरी बनाए रखे। इस बीच तमाम लोगों ने पोस्टर हटाए जाने की निंदा भी की। लिखा कि पोस्टर लगाने के बाद हटाना नहीं चाहिए था।
अधिकांश अपराधी सिविल लाइंस क्षेत्र के
जिन 24 अपराधियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए गए थे उनमें अधिकांश अपराधी सिविल लाइंस क्षेत्र के थे। पोस्टर भी सिविल लाइंस क्षेत्र में ही लगाए गए थे। इसमें तमाम अपराधी अगवानपुर के निवासी है। पोस्टर पर मोल उर्फ मोनू उर्फ रहमान, मुन्ना उर्फ रोहित, मुकेश उर्फ टाफी, सचिन, आयाज उर्फ मुन्ना, बिलाल, रोनित, मोनू, नदीम, उबैद उर्फ बीड़ी, सावेज उर्फ सपेरा, विनीत कुमार, शारिक समेत 24 नाम थे।
पोस्टर लगाने के मामले में हमारी न तो हमारी एजेंसी का मतलब है और न ही नगर निगम के पास अपराधियों का कोई रिकार्ड होता हैं। नगर निगम की तरफ से पोस्टर चस्पा नहीं किए गए है।
-अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।