मुरादाबाद में राणा ग्रुप की चीनी मिलों पर किसानों का 75 करोड़ रुपये का गन्ना बकाया है जिससे किसानों में आक्रोश है। बेलवाड़ा करीमगंज और बिलारी मिलों की भुगतान स्थिति खराब है। मिल प्रबंधन ने 30 अगस्त 2025 तक भुगतान का आश्वासन दिया है लेकिन भुगतान की गति धीमी है। किसानों ने गन्ना विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। राणा ग्रुप की तीन चीनी मिलों पर किसानों का गन्ना बकाया करीब 75 करोड़ रुपये है। बेलवाड़ा, करीमगंज और बिलारी मिलों की भुगतान स्थिति बेहद खराब है, जिस कारण किसानों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार बेलवाड़ा चीनी मिल पर 16.40 करोड़, करीमगंज पर 15.65 करोड़ और बिलारी मिल पर सबसे अधिक 44.59 करोड़ का भुगतान लंबित है। मिल प्रबंधन ने 30 अगस्त 2025 तक अपने पास उपलब्ध स्टाक की बिक्री कर भुगतान करने का आश्वासन दिया है।
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बिलारी मिल के पास लगभग 21 करोड़ रुपये के स्टाक का निस्तारण प्राथमिकता से करने की बात कही गई है, लेकिन भुगतान की रफ्तार बेहद धीमी बनी हुई है। कुल बकाया में से अभी तक बेलवाड़ा मिल ने केवल 1.50 करोड़ और बिलारी मिल ने 1.80 करोड़ का भुगतान किया है, जबकि शेष रकम जस की तस है।
गन्ना बकाया को लेकर किसानों का धैर्य टूटता जा रहा है। किसान संगठनों का आरोप है कि गन्ना विभाग के अधिकारी भी इस गंभीर समस्या को लेकर पर्याप्त संजीदगी नहीं दिखा रहे हैं। डीएम अनुज सिंह ने हाल ही में किसान दिवस पर दोनों मिलों के महाप्रबंधकों को दो टूक चेतावनी दी थी कि यदि समय से भुगतान नहीं हुआ तो गन्ने का क्षेत्रफल घटाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा।
इसके बावजूद मिलों के रवैये में कोई बदलाव नहीं आया है। मिल अधिकारी भुगतान को मालिकों से बात करने का हवाला देकर पल्ला झाड़ रहे हैं। किसानों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द भुगतान नहीं हुआ तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
जिला गन्ना अधिकारी रामकिशन ने बताया कि किसानों के गन्ना भुगतान के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभाग की कोशिश है कि जल्द से जल्द बकाया का भुगतान करा दिया जाए।
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