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    पुराने टोल प्लाजा से हाईवे पर 24 घंटे निगरानी... दुर्घटना, जाम और खराब मौसम में यात्रियों को तत्काल मिलेगी मदद

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 09:13 AM (IST)

    मुरादाबाद में संभल रोड पर स्थित पुराने टोल प्लाजा को अब हाइवे के कंट्रोल रूम में बदला जाएगा। एनएचएआई यहां नया कार्यालय और आधुनिक कंट्रोल रूम स्थापित करेगा। यह कंट्रोल रूम हापुड़ से बरेली तक के हाइवे पर नजर रखेगा। दुर्घटना जाम और खराब मौसम में यात्रियों को तत्काल मदद मिलेगी। पहले चरण में 63 करोड़ रुपये की मंजूरी मिल चुकी है।

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    पुराने टोल प्लाजा बनेगा कंट्रोल रूम, हाईवे की 24 घंटे होगी चौकसी

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। संभल रोड के कट से बाईपास पर चढ़ने के बाद बने पुराने टोल प्लाजा का चेहरा अब बदलने जा रहा है। इस जगह को राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने हाईवे संचालन और सुरक्षा की नई तकनीकी ताकत में तब्दील करने की योजना बनाई है। यहां एनएचएआई का नया कार्यालय बनेगा और साथ ही एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (एटीएमएस) के तहत एक अत्याधुनिक कंट्रोल रूम स्थापित होगा।

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    यही कंट्रोल रूम अब हापुड़ से लेकर बरेली तक फैले हाईवे नेटवर्क पर लगातार नजर रखेगा। कैमरे, सेंसर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से लैस यह सिस्टम हादसों, जाम और खराब मौसम जैसी स्थितियों में यात्रियों को तुरंत राहत दिलाने का आधार बनेगा।

    जाम, कोहरे और हादसों से निपटने को हाईवे पर लगेगा एटीएमएस

    पुराने टोल प्लाजा परिसर में जल्द ही एनएचएआई का आधुनिक और आलीशान कार्यालय बनकर तैयार होगा। इसके साथ ही यहां बनने वाला कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय रहेगा। हाईवे पर कहीं भी दुर्घटना, वाहन खराब होने, लंबा जाम या कोहरे की स्थिति बनने पर यह सेंटर तुरंत संबंधित जिले के पुलिस, एंबुलेंस और प्रशासनिक तंत्र को सूचना देगा।

    एनएचएआई के अधिकारियों का कहना है कि कंट्रोल रूम हाईवे सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह बदल देगा। पहले चरण में मुरादाबाद से बरेली के बीच एटीएमएस लगाने के लिए 63 करोड़ रुपये की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है। इसी धनराशि से कंट्रोल रूम और एनएचएआई का कार्यालय भी बनेगा।

    दूसरे चरण में मुरादाबाद से हापुड़ के बीच भी यह व्यवस्था लागू होगी। सर्वेक्षण पूरा कर लिया गया है और प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया है। योजना के तहत हाईवे पर हर 100 किमी पर कमांड सेंटर से निगरानी होगी।

    एआई बेस तकनीक से संचालित कैमरे व सेंसर लगातार डाटा इकट्ठा करेंगे और तुरंत निर्णय लेने योग्य सूचना कंट्रोल रूम तक पहुंचाएंगे।

    63 करोड़ से बदल जाएगी ट्रैफिक व्यवस्था, एआइ करेगा निगरानी

    हर साल मुरादाबाद-बरेली और हापुड़-मुरादाबाद हाईवे पर कोहरे और तेज रफ्तार से होने वाले हादसों में सैकड़ों जानें जाती हैं। एटीएमएस लागू होने से न केवल हादसों पर नियंत्रण लगेगा, बल्कि सड़क पर अनुशासन भी बेहतर होगा। अधिकारियों का मानना है कि रूल ब्रेकर वाहनों पर नजर रखी जा सकेगी और पहले की तरह पुलिस पर निर्भरता नहीं रहेगी।

    एनएचएआई की मुरादाबाद यूनिट ने हापुड़ से मुरादाबाद तक के सर्वे के बाद मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया है। मुरादाबाद से बरेली के बीच एटीएमएस लगाने जाने के लिए कार्यदायी संस्था का चयन होते ही हाईवे पर विदेशी तकनीक से तैयार कैमरे और सेंसर लगाए जाएंगे। पूरी व्यवस्था को नवंबर तक शुरू करने का लक्ष्य रखा गया है।

    इस तरह काम करेगा सिस्टम

    कैमरे और सेंसर: हाईवे पर जगह-जगह हाई-डेफिनिशन कैमरे और सेंसर लगाए जाएंगे।

    ये कैमरे गाड़ियों की रफ्तार, लेन बदलने, ट्रैफिक जाम और नियम उल्लंघन की पहचान करेंगे।

    एआई टेक्नोलाजी: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) कैमरों से मिलने वाले डाटा का विश्लेषण करेगा।

    कोहरे, धुंध, बारिश जैसी स्थितियों को पहचानकर यात्रियों को अलर्ट किया जाएगा।

    कमांड एंड कंट्रोल सेंटर: मुरादाबाद स्थित कंट्रोल रूम इस पूरे नेटवर्क का हब होगा।

    यहां अधिकारी और तकनीकी टीम लगातार स्क्रीन पर लाइव फुटेज देखते रहेंगे।

    ई-चालान व्यवस्था: ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर सीधे ई-चालान जारी होंगे।

    ओवरस्पीड, गलत लेन ड्राइविंग, ओवरलोडिंग पर तुरंत कार्रवाई होगी।

    रेस्पान्स टीम: किसी हादसे की जानकारी मिलते ही कंट्रोल रूम से नजदीकी एंबुलेंस और पुलिस को सूचना दी जाएगी।

    यह तंत्र 'गोल्डन ऑवर' में राहत पहुंचाने में अहम साबित होगा।

    इस तरह मिलेगी आम नागरिकों को मदद

    सड़क सुरक्षा: दुर्घटना होते ही तुरंत मदद पहुंचेगी।

    समय की बचत: जाम की स्थिति से पहले ही अलर्ट मिलेगा।

    सुविधा: खराब मौसम और ट्रैफिक की जानकारी पहले से मिल सकेगी

    अनुशासन: ई-चालान से यातायात नियम पालन की आदत बढ़ेगी।

    मुरादाबाद स्थित पुराने टोल प्लाजा को एनएचएआई का नया कार्यालय और कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। यहां से हापुड़ से लेकर बरेली तक हाईवे की 24 घंटे निगरानी होगी। मुरादाबाद-बरेली खंड के लिए 63 करोड़ की मंजूरी मिल चुकी है और दूसरे चरण में हापुड़ तक सिस्टम लागू होगा। कैमरे, सेंसर और एआइ तकनीक से हादसों पर नियंत्रण, ट्रैफिक अनुशासन और यात्रियों को सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना ही हमारा उद्देश्य है। अरविंद कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई, मुरादाबाद